नेगेटिव रिपोर्ट के बिना किसी भी कैदी को जेल में न रखने के निर्देश जारी

punjabkesari.in Sunday, May 31, 2020 - 09:05 AM (IST)

लुधियाना(सियाल): 11 मार्च से डबल्यू.एच.ओ. की ओर से कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर बचाव के लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं। 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन किए जाने के बाद राज्य सरकारें भी हरकत में आ चुकीं हैं।

इसके तहत ताजपुर रोड ब्रोस्टल जेल को क्वारंटाइन में बदला जा चुका है। लगभग डेढ़ महीने सेंट्रल जेल में आने वाले सभी कैदियों को जेल कॉंम्पलैक्स में आने के बाद जेल के मैडीकल अधिकारी द्वारा जांच की जाती है। जेल मैडीकल अधिकारी की संतुष्टि होने के बाद हरेक बंदी को ब्रोस्टल जेल में तय समय के लिए एकांतवास किया जाता है। एकांतवास का समय व्यतीत होने के बाद जेल के मैडीकल अधिकारी की ओर से हरेक बंदी की दोबारा जांच की जाती है।

जांच प्रक्रिया से निकलने के बाद ही हरेक बंदी को सेंट्रल जेल भेजा जाता है। जेल में आने वाले बंदियों की जांच के समय यदि जेल मैडीकल अधिकारी को कोई भी बीमारी के लक्षण मिलते हैं और मैडीकल अधिकारी द्वारा संतुष्टि न होने पर उस बंदी को ब्रोस्टल जेल में भी प्रवेश नहीं दिया जाता। जेल के मैडीकल अधिकारी की ओर से उसे सिविल अस्पताल भेजा जाता है।

जिक्रयोग्य है कि पंजाब के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग और मुख्य सचिव चिकित्सा, शिक्षा और अनुसंधान ने डी.जी.पी पंजाब, मुख्य सचिव जेल और ए.डी.जी.पी. जेल के साथ विचार विमर्श करके यह फैसला मई के पहले हफ्ते में लिया था कि पुलिस ने निवेदन पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेल में जाने वाले हरेक बंदी की चिकित्सा, शिक्षा और अनुसंधान विभाग पहल के आधार पर कोविड-19 टैस्ट करेगा। जेल प्रशासन किसी भी आरोपी को तब तक जेल में भर्ती नहीं करेगा जब तक उसका कोविड–19 टैस्ट नेगेटिव नहीं आ जाता।


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Edited By

Sunita sarangal

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