जी-20 सम्मेलन दौरान वारदात करने की फिराक में आई.एस.आई.

punjabkesari.in Sunday, Mar 12, 2023 - 03:22 PM (IST)

अमृतसर: एकतरफ जहां आप सरकार चिट्टा व अन्य नशों की बिक्री पर कंट्रोल करने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ भारत-पाकिस्तान बार्डर पर तस्कर सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं और आज भी बेखौफ नजर आ रहे हैं। हालात यह है कि आए दिन पाकिस्तानी तस्करों की तरफ से 7-7 फुट लंबे और 25 से 30 किलो तक वजन उठाने वाले ड्रोन्स के जरिए हैरोइन व हथियारों की खेप भेजी जी रही है, जो कई सवाल खड़े कर रहा है। अमृतसर जिले में होने जा रहे जी-20 सम्मेलन में खलल डालने के लिए पाकिस्तानी की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. की तरफ से भी साजिश रची जा रही है और आतंकी पन्नू भी इसकी धमकियां दे रहा है। वहीं बार्डर फैंसिंग के दोनों ही तरफ इस समय गेहूं की फसल भी खड़ी है जिसका फायदा उठाते हुए पाकिस्तानी स्मगलरों ने अपने बड़े ड्रोन भेजने शुरू कर दिए हैं। अमृतसर सैक्टर में जहां पाकिस्तान ने 7 फुट लंबा ड्रोन भेजा है तो वहीं इसी सैक्टर के हवेलियां गांव में गिराया गया ड्रोन सबसे भारी वजन वाला था।

किस वारदात को अंजाम देने के लिए भेजी जा रही असॉल्ट राइफलें

सीमावर्ती इलाकों में खुफिया एजैंसियों व बीएसएफ की तरफ से चलाए गए ज्वाइंट ऑप्रेशन में असॉल्ट राइफलों व अन्य हथियारों की एक बड़ी खेप पहले ही पकड़ी जा चुकी है, जिसको पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए ही भारतीय सीमा में पहुंचाया था। पंजाब का माहौल खराब करने के लिए पाकिस्तान इससे पहले एम.पी.-4 राइफल व 31 गोली ब्रस्ट फॉयर करने वाली गलॉक भी भेज चुका है, जबकि सीमावर्ती इलाके घरिंडा में एक तस्कर से पुलिस ने फिर से अत्याधुनिक पिस्टल जब्त किए हैं, जो पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए भी भारतीय सीमा में पहुंचाए थे।

वर्ष 2022 में 200 बार हुई ड्रोन की मूवमैंट

नई सरकार ने सत्ता संभालने के बाद मार्च 2022 में ही नशे पर लगाम लगाने का ऐलान किया था, लेकिन इसके विपरीत वर्ष 2022 में ड्रोन की मूवमेंट ने अपने सारे अगले रिकार्ड तोड़ दिए और इस वर्ष 200 बार ड्रोन की मूवमैंट हुई, जबकि बिना आवाज वाले ड्रोन की मूवमैंट का बी.एस.एफ. के पास कोई रिकार्ड ही नहीं है। अमृतसर जिले की बात करें तो पता चलता है कि एक सप्ताह के दौरान 22 बार ड्रोन की मूवमैंट हो चुकी है, जिसमें तीन ड्रोन गिराए जा चुके हैं, जबकि बाकि ड्रोन पाकिस्तान लौटने में सफल रहे हैं।

फिर से हवेलियां गांव की तरफ हो रही ड्रोन की बड़ी मूवमैंट

हाल ही में एस.टी.एफ. की टीम ने हवेलियां गांव के रहने वाले नामी तस्कर परमजीत सिंह पम्मा को हथियारों की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार किया था, लेकिन फिर से हवेलियां गांव में ही एक बड़ा पाकिस्तानी ड्रोन मिलने से यह साबित हो रहा है कि इस गांव में अभी भी तस्करों के स्लीपर सैल सरगर्म हैं, जो ड्रोन के जरिए हैरोइन व हथियारों की खेप मंगवा रहे हैं और आसानी के साथ खेप को उठा भी रहे हैं।

लंबे समय तक हवा में उड़ने वाले ड्रोन गिराना बड़ी चुनौती

पाकिस्तान की तरफ से 21 से 25 किलो वजन वाले बड़े ड्रोन भेजे जा रहे हैं जो सामान्य ड्रोन की तुलना में ज्यादा वजन तो उठाते ही हैं, वहीं लंबे समय तक हवा में उड़ने की क्षमता रखते हैं। पिछले एक सप्ताह दौरान पाकिस्तान की तरफ से भेजे जाने वाले ड्रोन डेढ़ से दो घंटे तक हवा में उड़ने की क्षमता रखते हैं, जिससे बी.एस.एफ. को आसानी के साथ चकमा दिया जा सकता है। अपने टारगेट पर हैरोइन व हथियारों की डिलीवरी करने के बाद आसानी के साथ पाकिस्तानी ड्रोन वापस लौट जाते हैं।

किसे सप्लाई की जानी थी एम.पी.-4, गलॉक व सलवाकिया के पिस्टल

सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से अलग-अलग केसों में सीमावर्ती इलाकों से एम.पी.-4, गलॉक व सलवाकिया मेड राइफल व पिस्टल पकड़े जा चुके हैं और तस्करों को भी रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि ऐसे खतरनाक आधुनिक हथियारों किसने मंगवाए थे और किसको सप्लाई किए जाने थे। केन्द्रीय व राज्य सरकार की सुरक्षा एजैंसियों की रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर सीमावर्ती इलाकों में तस्करों की मदद करने वाले स्लीपर सैल सरगर्म हैं, जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीके से तस्करों की मदद करते हैं।

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News Editor

Urmila

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