Jalandhar में नए आदेश, लग गई सख्त पाबंदियां, नहीं मानें तो...
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 10:03 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): जिला प्रशासन ने एक बार फिर से जिले में शांतिपूर्ण धरनों और प्रदर्शनों के लिए 9 स्थान तय कर आदेश जारी किए हैं। हालांकि, पिछले कई महीनों से ऐसे आदेश कईं बार जारी किए जा चुके हैं, परंतु धरातल पर इनका पालन न के बराबर है। जिला भर में अक्सर विभिन्न संगठनों द्वारा अक्सर सड़कों पर अचानक धरना-प्रदर्शन कर यातायात बाधित किया जाता है, जिससे राहगीरों व आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसके बावजूद अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेशों के अनुसार अब कोई भी संगठन अपने हक या मांगों को लेकर प्रदर्शन केवल निर्धारित स्थानों पर ही कर सकेगा। इन स्थानों में शामिल हैं, इनमें पुडा ग्राऊंड (तहसील काम्पलैक्स के सामने), देश भगत यादगार हॉल, बर्ल्टन पार्क, दशहरा ग्राऊंड (जालंधर कैंट), इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ग्राऊंड (करतारपुर), दाना मंडी (भोगपुर), कपूरथला रोड (नकोदर का पश्चिमी हिस्सा), दाना मंडी गांव सैफावाला (फिल्लौर), नगर पंचायत काम्पलैक्स (शाहकोट) शामिल है। अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट-कम-ए.डी.सी. (जनरल) अमनिंदर कौर द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी संगठन को प्रदर्शन करने से पहले पुलिस कमिश्नर या संबंधित उपमंडल मैजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी। प्रदर्शन में किसी भी प्रकार का हथियार जैसे चाकू, लाठी आदि ले जाने की पाबंदी रहेगी। इतना ही नही आयोजक को यह लिखित में देना होगा कि वह प्रत्येक जंक्शन पर मार्शल नियुक्त कर प्रदर्शन को शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करेगा। यदि प्रदर्शन के दौरान कोई गैरकानूनी गतिविधि होती है और जान-माल का नुकसान होता है, तो इसकी जिम्मेदारी आयोजक या प्रदर्शनकारी की होगी।
आदेशों का पालन नहीं, प्रशासन जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा?
भले ही आदेश में साफ लिखा है कि नियमों की अवहेलना करने वालों पर कार्रवाई होगी, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। जालंधर में लगभग रोजाना कहीं न कहीं सड़कों को रोककर धरने और प्रदर्शन किए जाते हैं। यहां तक कि डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर तक भी बिना अनुमति धरना लगाया जाता है। इसके बावजूद अब तक किसी संगठन या व्यक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिला प्रशासन ने अपने रटे रटाए और एक बार फिर से जारी किए आदेशों को अगले दो महीनों तक लागू रहने की बात कही है। अब बड़ा सवाल यह है कि इस आदेश को आखिर जमीनी स्तर पर लागू कौन कराएगा। जब पुराने आदेशों का पालन ही नहीं हो सका, तो क्या यह नए आदेश भी महज कागजी औपचारिकता बनकर ही रह जाएंगे?