करतारपुर कॉरिडोर: एक उद्घाटन तीन विवाद

punjabkesari.in Monday, Nov 26, 2018 - 09:31 PM (IST)

जालंधर: भारत-पाकिस्तान की दोस्ती की नई कड़ी को जोडऩे वाले करतारपुर साहिब सड़क गलियारे की उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को आधारशिला रखी। इस गलियारे का श्रेय लेने के लिए सियासी पार्टियों में भी होड देखने को मिली। करतारपुर गलियारे की जब आधारशिला रखी गई तो इस मौके पर तीन बार विवाद हुआ।

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सबसे पहला विवाद सुबह कैबीनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने उद्घाटन बोर्ड पर लिखे गए बादलों के नामों को लेकर शुरू किया। सुखी रंधावा ने उस बोर्ड पर लिखे गए बादल परिवार के नामों पर आपत्ति जताई। जिसके बाद रंधावा ने उस बोर्ड पर लिखे अपने नाम और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नाम पर टेप लगा दी।

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इसके बाद दूसरा विवाद उस समय हुआ जब मंच से बोलते हुए हरसिमरत कौर बादल ने 1984 के कत्लेआम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा जिस पर हरसिमरत के खिलाफ पंडाल से हूटिंग शुरू हो गई। इस दौरान पंडाल में सुरक्षा के लिए मौजूद मुलाजिमों ने नारेबाजी कर रहे लोगों को शांत करवाया।

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उद्घाटन समारोह का तीसरा विवाद पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ के संबोधन के समय शुरू हुआ जब जाखड़ ने अपने भाषण के दौरान नशे का मुद्दा उठाकर अकालियों को घेरने की कोशिश की। इस पर पंडाल में बैठे बिक्रम मजीठिया और अन्य अकाली वर्करों ने जाखड़ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए।

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इन सारे विवादों के इलावा नींव पत्थर समारोह में नवजोत सिंह सिद्धू की गैर हाजरी भी रड़कती रही। हालांकि सिद्धू सुबह आकर बॉर्डर पर लगे हुए कैमरों के जरिए करतारपुर साहिब के दर्शन करके चले गए थे लेकिन यह सवाल हर एक के मन में आया था कि सिद्धू को समागम में बुलाया नहीं गया या वह जानबूझकर गैर हाजिर रहे।


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Mohit

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