हलका खडूर साहिब पर भी टिकी हैं देश-विदेश की नजरें

punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2019 - 01:26 PM (IST)

चंडीगढ़(भुल्लर):पंजाब के माझा क्षेत्र के लोकसभा हलके खडूर साहिब पर भी देश-विदेश की नजरें टिकी हुई हैं। यह लोकसभा हलका वर्ष 1951 से 2004 तक तरनतारन के नाम से जाना जाता था परंतु नई हलकाबंदी के बाद वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में यह सीट खडूर साहिब बन गई। शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर अकाली दल (टकसाली) बनाने वाले रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा इस हलके से मौजूदा सांसद हैं। बेशक इस बार के चुनाव में टकसाली दल ने पंजाब डैमोक्रेटिक अलायंस की प्रत्याशी परमजीत कौर खालड़ा के समर्थन में अपने  उम्मीदवार पूर्व सेना प्रमुख जनरल जे.जे. सिंह को चुनाव मैदान से हटा लिया। इसके बावजूद इस दल के लिए यहां का परिणाम अहम है।

जसवंत खालड़ा फैक्टर

परमजीत के पति जसवंत सिंह खालड़ा को भी इस चुनाव में एक बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। खालड़ा मानवाधिकार कार्यकर्ता थे, जिन्होंने 1984 से 1995 के दौरान आतंकवाद के समय पुलिस द्वारा फर्जी मुकाबलों में मारकर लापता बताए या अज्ञात शव बताकर श्मशानघाटों में जलाए गए 25 हजार शवों का पता लगाया था। यह कार्य करते हुए खालड़ा 1995 में खुद भी पुलिस के हाथों मारे गए थे, तब उन्हें अगवा कर लिया गया था। बरगाड़ी व बहबलकलां मामलों का प्रभाव भी इस क्षेत्र में है, जिसके चलते अकाली उम्मीदवार को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

सिमरनजीत मान ने 1989 में बनाया था रिकार्ड 

वर्ष 1989 के चुनाव में अकाली दल (मान) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान को जीत मिली। उल्लेखनीय बात है कि मान उस समय पूरे देश में रिकार्ड मतों से विजयी हुए थे। उन्हें उस समय 527707 वोट प्राप्त हुए थे, जोकि कुल मतदान का 93.92 प्रतिशत था। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के उम्मीदवार अजीत सिंह मान को मात्र 47290 वोट मिले थे।

बड़ी चुनौती दे रहे अकाली टकसाली

बदली परिस्थितियों में इस हलके के मौजूदा सांसद ब्रह्मपुरा द्वारा अलग पार्टी बना लेने के बाद अकालियों के वोटों में बंटवारे के कारण कांग्रेस इस हलके में जीत की उम्मीद लगा रही है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक जसबीर सिंह डिम्पा को उम्मीदवार बनाया है, जबकि अकाली दल की ओर से एस.जी.पी.सी. की पूर्व अध्यक्ष जागीर कौर चुनाव मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इस हलके से डेढ़ लाख के करीब वोटें लेने में सफल रही थी और इस बार भी ‘आप’ प्रत्याशी मैदान में है। पंथक हलका होने व लोगों में धार्मिक प्रभाव के कारण परमजीत कौर खालड़ा अकाली दल (टकसाली), बसपा, किसान यूनियनों व अन्य सिख संगठनों के समर्थन से अन्य उम्मीदवारों को बड़ी चुनौती दे रही हैं। 

1977 के बाद अकाली दल का वर्चस्व
तरनतारन से खडूर साहिब के रूप में तबदील हुए इस हलके को पंथक हलका भी माना जाता है। वर्ष 1951 से 1971 तक हुए चुनाव में लगातार 5 बार कांग्रेस को जीत मिली। एमरजैंसी के बाद वर्ष 1977 से लेकर 2014 तक हुए लोकसभा चुनावों में यहां से 9 बार शिरोमणि अकाली दल ही जीता, जबकि कांग्रेस इस समय के दौरान सिर्फ एक बार ही वर्ष 1996 के चुनाव में जीत दर्ज कर पाई थी। 

खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र में आते विधानसभा हलके
जंडियाला (एस.सी.), तरनतारन, खेमकरण, पट्टी, खडूर साहिब, बाबा बकाला (एस.सी.), कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी व जीरा।

लोकसभा चुनाव-2014 का परिणाम
 

पार्टी   प्रत्याशी        वोट
शिअद  रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा 467332
कांग्रेस  हरमिंद्र सिंह गिल 366763
आप   बलदीप सिंह  144521
शिअद (मान)  सिमरनजीत सिंह मान 13990
आजाद   गुरनाम सिंह   9307
बसपा  सुच्चा सिंह मान   8491

तरनतारन लोकसभा चुनाव परिणाम 

वर्ष     विजेता     पार्टी
1951  सुरजीत सिंह  कांग्रेस
1957   सुरजीत सिंह मजीठिया कांग्रेस
1962   सुरजीत सिंह मजीठिया कांग्रेस
1967   गुरदयाल सिंह ढिल्लों  कांग्रेस
1971  गुरदयाल सिंह ढिल्लों  कांग्रेस
1977     मोहन सिंह तुड़   शिअद
1980    लहना सिंह   शिअद
1985 तरलोचन सिंह तुड़   शिअद
1989   सिमरनजीत सिंह मान       शिअद (मान)
1992  सुरिंद्र सिंह कैरों   कांग्रेस
1996   मेजर सिंह ऊबोके  शिअद
1998  प्रेम सिंह लालपुरा   शिअद
1999     तरलोचन सिंह तुड़   शिअद
2004 डा. रतन सिंह अजनाला    शिअद

खडूर साहिब लोकसभा सीट बनने के बाद परिणाम 

2009   रतन सिंह अजनाला  शिअद
2014  रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा   शिअद

 
        


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