लुधियाना सीट पर 4 कोणीय टक्कर की संभावना

punjabkesari.in Monday, Feb 25, 2019 - 10:20 AM (IST)

लुधियानाः देश के मैनचैस्टर और पंजाब की औद्योगिक नगरी लुधियाना के वोटरों का मिजाज लगातार बदलता रहता है। यही कारण है कि आजादी के बाद अब तक इस सीट पर कोई पार्टी जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाई है। कांग्रेस 2009 और 2014 में 2 बार लगातार इस सीट पर जीत चुकी है। लिहाजा उसके सामने देश के 72 साल पुराने चुनावी इतिहास को बदलने का मौका है। पर इस सीट का नतीजा काफी हद तक पिछले चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के खेमे में गए वोटरों के रुझान पर निर्भर करेगा। पिछली बार आम आदमी पार्टी ने एच.एस. फूलका को इस सीट पर मैदान में उतारा था और वह दूसरे नंबर पर रहे थे लेकिन अब न तो पंजाब में ‘आप’ की  2014 जैसी स्थिति है और न ही पार्टी के पास फूलका जैसा बड़ा चेहरा है। इस सीट पर सीधा मुकाबला कांग्रेस और अकाली दल के मध्य  होता रहा है लेकिन सिमरजीत सिंह बैंस और आम आदमी पार्टी के पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने की स्थिति में सीट पर 4 कोणीय टक्कर होनी तय है।

किसी का भी खेल बिगाड़ सकते हैं बैंस
लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस भी एक बार फिर इस सीट से ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं। पिछली बार बैंस इस सीट पर 210917 (19 प्रतिशत) वोट लेकर चौथे स्थान पर रहे थे। इस बार उन्हें सुखपाल खैहरा की पंजाब एकता पार्टी के साथ-साथ रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा की अकाली दल टकसाली और बहुजन समाज पार्टी का भी समर्थन हासिल है। लिहाजा वह अकाली दल और कांग्रेस दोनों में से किसी का भी खेल बिगाडने की ताकत में आ गए हैं। यदि आम आदमी पार्टी और सिमरजीत सिंह बैंस बड़ी संख्या में वोट हासिल करने में कामयाब रही तो वोटों के विभाजन में इस सीट का नतीजा किसी भी पक्ष में जा सकता है। कुल मिलाकर सीट पर 4 कोणीय टक्कर की स्थिति बन रही है।

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मजबूत चेहरे की खोज में ‘आप’
पिछली बार आम आदमी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़े एच.एस. फूलका सक्रिय राजनीति में नहीं हैं और उन्होंने अपना समाज सेवी संगठन बना लिया है। लिहाजा आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष दलजीत सिंह ग्रेवाल का नाम चर्चा में है। हालांकि पार्टी चुनाव के दौरान किसे मैदान में उतारती है यह बाद में पता लगेगा लेकिन पार्टी सीट के लिए मजबूत चेहरे की खोज में जुटी हुई है।

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विधानसभा चुनाव के दौरान मजबूत हुई कांग्रेस
यह सीट 2009 और 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने जीती थी। कांग्रेस को इस सीट पर 300459 वोट मिले थे लेकिन विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के वोट बढ़ कर 393514 हो गए। इस लिहाज से 2017 में कांग्रेस को इस सीट पर 93055 वोटों का फायदा हुआ। कांग्रेस ने इस चुनाव के दौरान लुधियाना ईस्ट, लुधियाना सैंट्रल, लुधियाना वैस्ट, लुधियाना नॉर्थ, गिल विधानसभा सीटें भी अपने पाले में कर लीं। 

बिट्टू के अलावा मनीष का नाम भी चर्चा में
कांग्रेस की तरफ से मौजूदा सांसद रवनीत बिट्टू के अलावा सीट से पूर्व सांसद मनीष तिवाड़ी को भी दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि तिवाड़ी ने पिछले साल कांग्रेस के खिलाफ माहौल को देखते हुए 2009 का चुनाव लडने से इंकार कर दिया था। इस बार भी उन्होंने लुधियाना की बजाय औपचारिक तौर पर चंडीगढ़ सीट के  लिए आवेदन किया है लेकिन इसके बावजूद यदि कांग्रेस इस सीट पर हिंदू चेहरे को उतारने का फैसला करती है तो मनीष तिवाड़ी पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं।

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अकाली दल ने नहीं खोले पत्ते
अकाली दल की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सलाहकार रहे महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल का नाम चर्चा में है। हालांकि पिछली बार अकाली दल की तरफ से इस सीट पर मनप्रीत सिंह अय्याली ने चुनाव लड़ा था। उनके अलावा शरणजीत सिंह ढिल्लों भी इस सीट पर सांसद रह चुके हैं और उनका नाम भी चर्चा में है लेकिन अकाली दल ने फिलहाल सीट को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

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साल    विजेता     पार्टी
1957  बहादुर सिंह   कांग्रेस
1962   कपूर सिंह   अकाली दल
1967  डी.  सिंह कांग्रेस
1971    दविन्द्र सिंह कांग्रेस
1977  जगदेव सिंह     अकाली दल
1980    दविन्द्र सिंह  कांग्रेस
1985   मेवा सिंह   कांग्रेस
1989 रजिन्द्र कौर शिअद (मान)
1992  गुरचरण सिंह   कांग्रेस
1996  अमरीक सिंह  अकाली दल
1998    अमरीक सिंह अकाली दल
1999   गुरचरण सिंह     कांग्रेस
2004 शरणजीत सिंह अकाली दल
2009    मनीष तिवाड़ी कांग्रेस
2014   रवनीत सिंह बिट्टू  कांग्रेस

संसद में रवनीत सिंह बिट्टू

हाजिरी-88%

सवाल पूछे 484

बहस में हिस्सा-53

प्राइवेट मैंबर बिल-4

बिट्टू की उपलब्धि
लुधियाना के हलवारा एयरपोर्ट के लिए 
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की मंजूरी मिली। 

बिट्टू की नाकामी
बुड्ढे नाले की सफाई करवाने में 
नाकाम रहे। 

फंड का ब्यौरा
फंड जारी -25 करोड़
ब्याज सहित फंड -26.60 करोड़
फंड खर्च -21.68 करोड़
फंड पैंडिंग-4.92 करोड़
स्रोत -एम.पी. लैड वैबसाइट


  

     
  
  
 

    
  

     
  
    


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Naresh Kumar

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