बड़ा खुलासाः 76 हथियार लाइसेंसों का फर्जी डोप टैस्ट के आधार पर किया रिन्यू
punjabkesari.in Wednesday, Jun 08, 2022 - 03:26 PM (IST)
मुक्तसर: मुक्तसर में पिछले वर्ष जून से दिसंबर तक 76 व्यक्तियों की तरफ से अपने हथियार लाइसेंस को 'जाली' डोप टैस्ट की रिपोर्टों के आधार पर रीन्यू करवाने की जानकारी मिली है। जिला प्रशासन की तरफ से इस सम्बन्धित की जा रही जांच दौरान एक रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद यह बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि इन सर्टीफिकेटों का कोई रिकार्ड सिविल अस्पताल में नहीं मिला।
इस पर सख्त कार्यवाही करते अस्पताल के दो मुलाजिमों और एक प्राईवेट टाईपिस्ट समेत 3 व्यक्तियों खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मुलजिमों में लैब टेक्नीशियन मनदीप कुमार, टी.बी. इलाज सुपरवाइजर बलकरण सिंह और प्राईवेट टाईपिस्ट वकील सिंह शामिल हैं। मनदीप और बलकरन को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए एक प्रक्रिया होती है जिसमें हथियार लाइसेंस धारकों की तरफ से कई तरीकों के सैंपल देना लाजिमी होता है। इस सम्बन्धित जब ए.डी.सी. (जनरल) ने हथियार लाइसेंस धारक को नवीनीकरण समय पूछा कि उन्होंने डोप टैस्ट के लिए सैंपल दिए थे तो मुलजिम ने इसका जवाब न में दिया। इसके इलावा उसने बताया कि अस्पताल में सैंपल न देने के बावजूद उसे डोप टैस्ट रिपोर्ट मिल गई थी। इस मामले के बाद ए.डी.सी. ने 1 जून से 30 नवंबर, 2021 दरम्यिान जारी 589 डोप टैस्ट रिपोर्टों की जांच की तो पता लगा कि इनमें से 76 जाली हैं।
ए.डी.सी. (जनरल) राजदीप कौर ने कहा कि उनकी तरफ से पूरी जांच की गई जिससे यह पता लगा कि अस्पताल में करीब 80 डोप टैस्ट की रिपोर्टों का कोई रिकार्ड नहीं है। जांच दौरान हथियार लाइसेंस धारकों ने दावा किया कि वह किसी गलत काम में शामिल नहीं थे और उन्होंने सैंपल भी दिए थे। उनको अब फिर डोप टैस्ट करवाने के लिए कहा गया है। इस दौरान सूत्रों ने दावा किया कि फर्जी डोप टैस्ट की रिपोर्ट तैयार करने के लिए 10,000 से 20,000 रुपए वसूले जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ रिपोर्टों पर जारी करने वाले अथॉरिटी के हस्ताक्षर भी मेल नहीं खाते।
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