हरीश रावत की नसीहत के बाद भी नहीं बदले इन मंत्रियों के तेवर, मंत्रिमंडल की बैठक से रहे गैर-हाजिर

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 11:01 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत की तरफ से एकजुटता का मंत्र दिए जाने के बाद भी 3 बागी मंत्रियों के तेवर नहीं बदले हैं। वीरवार को मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह की तरफ से बुलाई गई मंत्रिमंडल की बैठक से मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा, तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा, सुखबिंद्र सिंह सरकारिया गैर-हाजिर रहे। बेशक मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंत्रिमंडल की बैठक में शिरकत की, लेकिन बाकी 3 मंत्रियों की गैर-हाजिरी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 

सबसे बड़ा सवाल यही है कि पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने देहरादून पहुंचे बागी मंत्रियों से मुलाकात के बाद स्पष्ट संदेश दिया था कि किसी भी तरह की आंच को हवा न दें। यदि किसी को किसी दूसरे से नाराजगी है तो वह कांग्रेस के रास्ते में नहीं आनी चाहिए। कांग्रेस के लिए बेहद आवश्यक है कि सभी मिलकर चलें। बावजूद इसके रावत के इस एकता के मंत्र को 3 मंत्रियों ने धत्ता बताते हुए मंत्रिमंडल की बैठक से ही दूरी बनाए रखी। 

कहा गया कि ये 3 मंत्री दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात के लिए रवाना हो चुके हैं इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। उधर, मुख्यमंत्री के करीबियों ने बागी मंत्रियों पर यह कहते हुए हमला किया है कि बगावत के बाद इन मंत्रियों के अपने ओहदे पर बने रहने का कोई हक नहीं है। इन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। 

हरीश रावत पहुंचे दिल्ली, नवजोत सिद्धू को सलाहकार हटाने की दी नसीहत
उधर, देर शाम पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत दिल्ली पहुंच गए हैं। रावत ने दिल्ली पहुंचने से पहले कहा कि पंजाब के कुछ साथियों ने अपनी कुछ बातें रखी हैं, जिसे हाईकमान के समक्ष रखा जाना है इसलिए हाईकमान से मुलाकात कर मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा। रावत ने एक बार फिर नवजोत सिद्धू के सलाहकारों को अपनी बयानबाजी पर अंकुश लगाने की बात कही। इससे पहले एक इंटरव्यू के दौरान रावत ने यहां तक कह दिया कि नवजोत सिंह सिद्धू को विवादित सलाहकारों को तुरंत हटा देना चाहिए। वरना वह खुद हटा देंगे। हालांकि बाद में रावत ने कहा कि सलाहकार पार्टी के सदस्य नहीं हैं। इसलिए सिद्धू को ही उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। रावत ने कहा कि यह सिद्धू पर जिम्मेदारी है कि सभी को साथ लेकर चलें और पार्टी को जीत की तरफ लेकर जाएं। 

रावत ने यह भी कहा कि 2022 के चुनाव को देखते हुए सभी को एकजुट होकर जीत के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। रावत ने कहा कि उत्तराखंड में चुनाव के चलते उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से पंजाब कांग्रेस प्रभारी का दायित्व वापस लेने का आग्रह किया था, लेकिन पंजाब में चल रही खींचतान से एक बार फिर इसे शांत करने की जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। 

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Content Writer

Sunita sarangal

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