4 महीने के मासूम को गोद में लेकर रो पड़ी मां, जानें क्या मामला

punjabkesari.in Sunday, Nov 28, 2021 - 01:23 PM (IST)

लुधियाना (राज/अनिल): दाना मंडी की झुग्गियों से 4 महीने का बच्चा चोरी करने के मामले को लुधियाना पुलिस ने 9 दिनों में सुलझा लिया है। पुलिस ने बच्चे को किडनेप करने वाले जोड़े को गिरफ्तार करके बच्चे को सही सलामत बरामद कर लिया है। थाना स्लेम टाबरी और सी.आई.टी. के पुलिस आरोपियों को 750 किलोमीटर दूर नेपाल बार्डर के पास से पकड़ कर लाई है। आरोपी अवधेश कुमार और उसकी पत्नी जूही है। आरोपी पुलिस रिमांड पर है। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस कमिशनर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि 19 नवंबर को दाना मंडी स्थित झुग्गियों से कार सवार आरोपी पुराने कपड़े देने बहाने महिला से 4 महीनों का बच्चा छीन कर भाग गए थे, जिसके बाद पुलिस ने मुकद्दमा दर्ज कर जांच करनी शुरू कर दी थी। पुलिस ने कड़ी दर कड़ी जोड़ी और आरोपियों तक पहुंच कर बच्चे को सलामत बरामद कर परिवार को सौंप दिया है।

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औलाद की लालसा में बने किडनैपर
सी.पी. भुल्लर का कहना है कि आरोपी अवधेश और जूही के कोई औलाद नहीं थी। हालांकि जूही का अवधेश के साथ दूसरा विवाह था। पहले विवाह से जूही के एक लड़की है, जो 13 साल की है। वह अपनी नानी के साथ रहती है। अब दोनों की विवाह से 5 साल बाद कोई औलाद नहीं हो रही थी। औलाद की लालसा में दोनों ने बच्चा चोरी करने का प्लान बनाया और किडनेपर बन गए।

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चार महीने पहले बनाया प्लान, रैकी के बाद बच्चा किया किडनेप
पुलिस का कहना है कि अवधेश और जूही चूहड़पुर रोड पर रहते हैं। अवधेश ए.सी. रिपेयर का काम करता है। उन्होंने बच्चा उठाने की प्लानिंग चार महीने पहले कर ली थी और बच्चा उठाने की जगह ढूंढ रहे थे। इस दौरान एक दिन वह दाना मंडी इलाके में गया, जहां उसने घनश्याम को उसकी मां चांदी देवी की गोद में देखा। फिर उनके पास गया और सारी जानकारी हासिल की। जानकारी में उसे पता लगा कि महिला के 8 बच्चे हैं, जिसमें घनश्याम सबसे छोटा 4 महीने का है। यदि इनका बच्चा चोरी कर लिया जाए तो इनको कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। इसके बाद उसने महिला को कहा कि वह कपड़े लेकर आएगा। फिर वह अपनी पत्नी जूही के साथ कपड़े देने के बहाने आया और महिला के हाथों बच्चा छीन कर फरार हो गया।

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सी.सी.टी.वी. फुटेज ने पहुंचाया आरोपियों तक
वारदात के बाद आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने अलग-अलग थ्यूरियों पर जांच शुरू कर दी। सबसे पहले पुलिस ने आसपास की सी.सी.टी.वी. फुटेज देखी। पहली फुटेज में पता लगा कि आरोपी सफेद रंग की आलटो कार में आए थे। इसके बाद दूसरी कड़ी में मिली फुटेज से पता लगा कि आलटो कार पर येलो रंग की नंबर प्लेट लगी हुई है। हालांकि उस पर नंबर नजर नहीं आ रहा था, जिसके बाद पुलिस ने लुधियाना में चल रही टैक्सी गाड़ियों की डिटेल इकट्ठी की। फिर उक्त कार के साथ मैच किया। इस दौरान पुलिस को तीसरी कड़ी में एक फुटेज में कार का कुछ नंबर भी मिल गया था, जिससे पुलिस कार तक पहुंच गई।

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टैक्सी चलाने वाले ने अवधेश को बेची थी कार
जांच दौरान पुलिस कार के मालिक तक पहुंच गई। कार दुग्गरी के सी.आर.पी.एफ. कालोनी के रहने वाले रोजी पाल की थी। पुलिस ने रोजी को उठा कर पूछताछ की तो पता लगा कि कार उसकी थी, जो उसने लाकडाऊन दौरान चूहड़पुर रोड के रहने वाले अवधेश को बेची थी। अवधेश ने कार लेने के बाद अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं करवाई थी। इसके बाद पुलिस रोजी से पता लेकर अवधेश के घर पहुंची, जहां पुलिस को वारदात में इस्तेमाल की गई कार बरामद हो गई परन्तु अवधेश नहीं मिला, जो अपनी पत्नी के साथ गांव गया हुआ था।

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750 किलोमीटर दूर नेपाल सरहद से जोड़े को पकड़ कर लाई पुलिस
सी.पी. भुल्लर का कहना है कि जांच में पता लगा कि अवधेश का गांव नेपाल की सरहद के पास है, जो लुधियाना से 750 किलोमीटर दूर है और उसके गांव का सारा रास्ता जंगली है, जहां बिजली भी नहीं है। इसके बाद थाना स्लेम टाबरी और सी.आई.ए. की टीमें नेपाल सरहद के पास स्थित गांव लिखमीपुर पहुंची, जहां उन्होंने अवधेश का घर ढूंढा और उसे घर से पकड़ लिया। इसके साथ ही उसकी पत्नी जूही को पकड़ा और 4 महीनों के मासूम को बरामद कर लिया। आरोपियों के गांव में बिजली न होने के कारण उनको पकड़ने के लिए टार्च का प्रयोग किया गया।

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4 महीने के मासूम को गोद में लेकर रो पड़ी मां
अपने जिगर के टुकड़े को खो देने के बाद चांदी देवी को यकीन नहीं था कि उसे उसका बच्चा वापस मिल सकेगा परन्तु लुधियाना पुलिस ने उसका बच्चा ढूंढ कर उसकी गोदी में रख दिया। जैसे ही पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुलर ने बच्चा चांदी देवी की गोद में रखा तो अपने 4 महीने के बेटे को देखकर चांदी देवी अपने आंसू नहीं रोक सकी और छाती के साथ लगाकर जोर-जोर के साथ रोने लग पड़ी। साथ ही बच्चे के पिता ने लुधियाना पुलिस का धन्यवाद भी किया। 

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News Editor

Urmila

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