गम में बदली खुशियां, इधर लड़की की हुई डोली विदा, उधर मां-बेटे की हुई अंतिम विदाई
punjabkesari.in Friday, Jun 12, 2020 - 06:02 PM (IST)
बस्सी पठाना(राजकमल): बस्सी पठाना में बहुत ही अचंभित करने वाली तथा दुखांत घटना देखने को मिली जब एक परिवार की खुशियों पर गम के बादल छा गए। यह घटना पुरा मोहल्ला वार्ड नंबर 5 की है जब 10 जून को एक बेटी का विवाह होना था तथा जालंधर से बारात आनी थी। लड़की रमका का परिवार खुशियां मना रहा था तथा 9 जून की रात को जागो निकाली गई व लड़की का पिता जगदीश कुमार जो कि एफ.सी.आई. में काम करते थे, वह भी अपनी बेटी के विवाह के लिए बहुत खुश थे, क्योंकि अगले दिन बारात आने वाली थी, जिसकी तैयारियों के लिए वह 9 जून की रात्रि अपने कमरे में जाकर सो गए।
जगदीश कुमार के रिश्तेदार रविन्द्र कुमार रिंकू ने बताया कि जब अगली सुबह उन्हें जगाने की कोशिश की गई तो वह नहीं उठे। जिसके उपरांत उन्हें पहले सिविल अस्पताल बस्सी पठाना और फिर पी.जी.आई. चंडीगढ़ ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। परंतु विवाह में कोई विघ्न न पड़े इसलिए लड़की को बिना बताए जगदीश कुमार के शव को सिविल अस्पताल शव गृह में रखवा दिया गया। कुछ देर बाद बारात आ गई जिसकी सभी रस्मों को लड़की परिवार द्वारा कलेजे पर पत्थर रख कर निभाया गया तथा दोपहर करीब 3.30 बजे जब डोली विदा होने का समय हुआ तो इसी दौरान लड़की की दादी कमला देवी (80) जो कि पिछले काफी समय से बीमार थी, उन्होंने भी दम तोड़ दिया। यहां भी लड़की को बिना बताए उसकी डोली विदा की गई, जिसके उपरांत मां और बेटे का अंतिम संस्कार करवाया गया।
उन्होंने बताया कि पहले लड़की का विवाह 17 अप्रैल को होना था परंतु लॉकडाउन के चलते यह तारीख आगे कर दी गई थी तथा लॉकडाउन खुलने पर विवाह 26 जून को होना था, परंतु लड़की की दादी की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण विवाह 10 जून को तय किया गया था और इसी दिन लड़की की विदाई के साथ-साथ उसकी दादी और पिता का अंतिम संस्कार भी करना रूह कंपाने वाली घटना है।