विधानसभा से पहले राजनीतिक दलों के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा निगम का चुनाव

punjabkesari.in Sunday, Jan 17, 2021 - 06:53 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): पंजाब में स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा कर दी गई है। जारी घोषणा के अनुसार राज्य के अन्य नगर निगमों व नगर पंचायतों के सात ही होशियारपुर में 14 फरवरी को मतदान होगा। इसके साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। निगम चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 30 जनवरी से शुरू होगी और 3 फरवरी इसकी अंतिम तिथि होगी। नामांकन पत्रों की पड़ताल 4 फरवरी को की जाएगी। 5 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। उसी दिन उम्मीदवारों को चुनाव निशान आवंटित किए जाएंगे। चुनाव प्रचार 12 फरवरी सायं 5 बजे तक किया जा सकेगा। 14 फरवरी को मतदान होगा, जबकि मतगणना 17 फरवरी को होगी। होशियारपुर समेत पूरे पंजाब में निकाय चुनाव के नतीजे पंजाब में राजनीतिक हवा का रुख भी बता देंगे वहीं नतीजे जमीनी स्तर पर राजनीतिक पार्टियों के लिए विधानसभा चुनाव से पहले पार्टियों की पकड़ को भी सार्वजनिक कर डालेंगे। इसी वजह से सभी पार्टियां इन चुनावों में पूरा जोर लगा रही हैं।

सत्तासीन कांग्रेस के लिए अपनी छवि को बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले होने जा रहे स्थानीय निकाय चुनाव प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों के लिए लिटमस टेस्ट साबित होंगे। लंबे समय बाद गठबंधन से अलग हुए भारतीय जनता पार्टी और अकाली दल बादल सहित पंजाब की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने स्थानीय निकाय चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। राज्य में सत्तासीन कांग्रेस के लिए अपनी छवि को बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती है। दूसरी तरफ, तमाम विपक्षी पार्टियों के एि अपने आप को साबित करना भी युद्ध जीतने के बराबर रहेगा।

सबसे दिलचस्प अकाली-भाजपा का जमीनी हकीकत से सामन्जस्य बिठाना
सबसे दिलचस्प यह देखना रहेगा कि भाजपा और अकाली दल नई जमीनी हकीकत से किस प्रकार सामन्जस्य बिठा पाते हैं। पंजाब में आधार बनाने की लड़ाई लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने चुनाव चिन्ह पर स्थानीय निकाय चुनाव लडऩे की घोषणा की है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी अपने ही चुनाव चिन्ह पर चुनाव लडऩे का एलान कर दिया है।

नतीते तय करेंगे सियासी हवा का रुख
यहां यह भी उल्लेखनींय है कि कुछ ही महीनों बाद पंजाब में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। उससे ठीक पहले मिलने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे प्रदेश में राजनीतिक हवा का रुख भी बता देंगे। नतीजे जमीनी स्तर पर राजनीतिक पार्टियों की पकड़ को भी सार्वजनिक कर डालेंगे। यही वजह है कि कांग्रेस से लेकर विपक्ष की तमाम पार्टियों की तरफ से स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी जमीनी स्तर पर की जा रही है। हलका इंचार्जों की नियुक्ति की जा रही है। प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर दिल्ली में जारी किसान आंदोलन कैसा असर दिखाएगा, इसका जवाब तो स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों में ही मिल सकेगा।

अंदरखाते सभी पार्टियों ने उम्मीदवारों की फौज कर ली है तैयार
मतदान की तारीख तय होने से पहले ही होशियारपुर में कांग्रेस, अकाली दल, भाजपा, आम आदमी पार्टी के सात ही बसपा ने अपने अपने उम्मीदवारों को बहुत पहले ही चुनाव की तैयारी को लेकर ग्रीन सिगनल दे रखी है। भाजपा से पूर्व मंत्री तीक्षण सूद, कांग्रेस से कैबिनेट मंत्री सुंदर साम अरोड़ा, अकाली दल से जतिन्द्र सिंह लाली बाजवा व आम आदमी पार्टी से संदीप सैनी के हाथ में चुनाव का कमान रहेगा। इसके अलावे इस बार भी भारी संख्या में बागी उम्मीदवार मैदान में ताल ठोकने के लिए अंदरखाते तैयारी कर पार्टी के उम्मीदवारों के चुनावी समीकरण बिगाडऩे के लिए तैयार बैठी हुई है।

बागी उम्मीदवारों से निपटना चुनौती से कम नहीं
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच पंजाब में हो रहे नगर निगम में इस बार सबसे ज्यादा चुनौती अकाली दल व भाजपा के लिए है। पिछले निगम चुनाव में भाजपा जहां 33 सीटों पर चुनाव लड़ी थी वहीं अकाली दल के हिस्से में 17 सीटें हुआ करती थी। अब 14 फरवरी को होने वाली निगम चुनाव में दोनों ही दल 50 सीटों पर चुनाव लडऩे जा रही है। इसी तरह कांग्रेस इस बार अपने कई पूर्व पार्षदों का टिकट काट नए व युवा उम्मीदवारों को टिकट देने जा रही है। इसी तरह आप पार्टी पहली बार सभी 50 सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रुप दे रही है। जिन नेताओं को भाजपा और कांग्रेस में भाव नहीं मिला है, वह अकाली दल के संपर्क में आकर टिकट हथियाने का हथकंडा अपना रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि इस बार के निगम चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए बागी उम्मीदवारों से निपटना चुनौती साबित होगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Mohit

Recommended News

Related News