निरंकारी भवन ब्लास्टः पाकिस्तान में बने ग्रेनेड को लाया गया था जे.एंड के. से

punjabkesari.in Tuesday, Nov 20, 2018 - 10:30 AM (IST)

अमृतसर(संजीव): राजासांसी के गांव अदलीवाल स्थित निरंकारी भवन में सत्संग के दौरान ग्रेनेड से हुए आतंकी हमले की सच्चाई जानने के लिए ‘पंजाब केसरी’ की टीम ग्राऊंड पर उतरी। हमलावर सत्संग हाल में ग्रेनेड अटैक के बाद करीब डेढ़ किलोमीटर तक खाली सड़क पर मोटरसाइकिल भगा ले गए जिसके बाद वे घनी आबादी में दाखिल होकर अपने ठिकाने की ओर बढ़े।

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वारदात से पहले हमलावारों ने कर रखी थी पूरी रेकी

वारदात से पहले हमलावरों ने स्पॉट की पूरी रेकी कर रखी थी। वह यह भी जानते थे कि उनके रास्ते में एक ही सी.सी.टी.वी. कैमरा लगा हुआ है। मगर शातिर हमलावर वारदात के बाद सड़क किनारे एक दुकान पर लगे उस सी.सी.टी.वी. कैमरे से कुछ पहले ही आबादी की ओर घुस गए जिस जगह सी.सी.टी.वी. कैमरा लगा है। वह घटनास्थल से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है। निरंकारी भवन में हुए ग्रेनेड हमले की खबर इस दुकान तक ठीक 11.38 पर पहुंच चुकी थी।

छोटा से छोटा सुराग जुटाने में जुटी जांच एजैंसियां

हमला करने के बाद अगर दोनों आतंकी अपने मोटरसाइकिल को 80 की स्पीड पर भी ले गए होंगे तो ज्यादा से ज्यादा अढ़ाई मिनट में वह खुद को आबादी में दाखिल कर गए होंगे, जहां से 2 ही रास्ते निकलते हैं जिनमें से एक राजासांसी व दूसरा अजनाला की ओर जाता है। हमारी सुरक्षा एजैंसियां भी इस आतंकवादी हमले को ट्रेस करने में जुटी हुई हैं। रात भर एजैंसियों द्वारा ग्राऊंड लैवल पर ऑप्रेशन चलाया गया था।  हर उस व्यक्ति से छोटे से छोटा सुराग जुटाने का भी प्रयास किया गया था जो हमले में शामिल दोनों आतंकवादियों का कुछ सुराग दे सके। हमलावरों को गेट पर लगे पहरे व हाल में बैठी संगत की पूरी जानकारी थी। यह भी पता चला है कि पाकिस्तान में बने ग्रेनेड को जे.एंड के. से लाया गया था जिससे हमला हुआ।

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आतंकवादी हमले की हो चुकी है पुष्टि

निरंकारी भवन पर हुआ ग्रेनेड हमला एक आतंकवादी हमला था जिसकी वारदात के कुछ समय बाद ही पुलिस द्वारा पुष्टि कर दी गई थी। इस हमले में खुफिया एजैंसियों से एक बड़ी चूक होने से इंकार नहीं किया जा सकता। सुरक्षा एजैंसियां हमले से पहले इसकी जानकारी क्यों नहीं जुटा सकीं, यह एक गंभीर जांच का विषय है। एक ही दिन में निरंकारी भवन पर ग्रेनेड हमले की योजना नहीं बनी? एक ही दिन में वारदात करने के लिए जिले में नहीं पहुंचे आतंकी? इस तरह के कई सवाल पुलिस प्रशासन एवं पंजाब के खुफिया तंत्र पर सवाल उठ रहे हैं। 

कई दिनों से आई.एस.आई. दे रही थी थ्रैट

पिछले कई दिनों से पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी पंजाब के माहौल को बिगाडने का लगातार थ्रैट दे रही थी जिसमें सुरक्षा एजैंसियां उसके कुछ मनसूबों को तो नाकाम करने में कामयाब हुईं, मगर निरंकारी भवन पर हुए ग्रेनेड हमले में इनसे एक बड़ी चूक हो गई, जिसमें मरने वालों की संख्या अधिक भी हो सकती थी मगर ग्रेनेड फैंकने वाला या तो पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं था या फिर इनका टारगेट कुछ और था। अगर निरंकारी भवन में फटने वाला ग्रेनेड एक आम आदमी के हाथ में पकड़ा दिया जाए तो इस तरह का विस्फोटक पकडऩे वाले के होश उड़ जाते हैं। 

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जिस तरह से हमलावर ने गेट से सत्संग हाल के बीच का रास्ता तय किया और हाल के दरवाजे पर जाकर संगत की तरफ ग्रेनेड फैंका व उस आतंकी की ट्रेनिंग का एक हिस्सा था। ग्रेनेड फैंकने की इस घटना को जालंधर से गिरफ्तार किए गए कश्मीरी छात्रों के साथ जोड़ कर देखा जाए तो यह उस समय विफल हुए हमले का एक हिस्सा लगता है। पंजाब में इस तरह की ट्रेनिंग के लिए कोई भी कैंप नहीं है, फिर ग्रेनेड फैंकने वाला आतंकी कहां से सिखलाई लेकर आया था। यह उच्च पुलिस अधिकारियों के लिए गंभीर जांच का विषय है कि कहीं आतंकी हमला दूसरे राज्य से भेजे गए आतंकियों ने तो नहीं किया।  

 


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