नॉर्को टैरर, ‘हैरोइन किंग चीते के 30 स्लीपर सैल अभी भी कानूनी शिकंजे से बाहर’

punjabkesari.in Monday, Feb 08, 2021 - 02:50 PM (IST)

अमृतसर(नीरज): आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर पाकिस्तान से आयातित नमक की कंसाइंनमैंट से पकड़ी गई 532 किलो हैरोइन के मामले का मास्टरमाइंड व हैरोइन किंग रणजीत सिंह उर्फ चीते को तो एन.आई.ए. ने केस मिलने के 10 महीनों के बाद गिरफ्तार कर लिया, लेकिन चीते के 30 से ज्यादा स्लीपर सैल अभी भी सुरक्षा एजैंसियों के कानूनी शिकंजे से बाहर चल रहे हैं और देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। कुछ दिन पहले ही लौहरका रोड से पकड़े गए रणजीत सिंह चीते के मुख्य साथी मनप्रीत सिंह उर्फ अमरजीत सिंह की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि चीते के दर्जनों साथी अभी भी सुरक्षा एजैंसियों की पकड़ से बाहर चल रहे हैं, जिनको जल्द से जल्द गिरफ्तार किए जाने की सख्त जरुरत है। 
 

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कस्टम विभाग की तरफ से जब जून 2019 में आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर 532 किलो हैरोइन व 52 किलो मिकस्ड नॉर्कोटिक्स का केस बनाया गया था तो शुरुआती जांच में नमक व्यापारी गुरपिन्दर सिंह, एक सी.ए., ट्रांसपोर्टर जसबीर सिंह व उसके लड़के हैप्टी के अलावा दर्जनों लोगों की लिस्ट एन.आई.ए. को सौंपी गई थी, जो अब तक की सबसे बड़ी हैरोइन की खेप मंगवाने के केस में शामिल थे और किसी हद तक सफल भी हो जाते यदि आई.सी.पी. पर तैनात स्निफर डॉग अर्जुन की नजर नमक की उन बोरियों पर न पड़ती, जिनमें हैरोइन मंगवाई गई थी। इस केस में सबसे हैरानीजनक पहलू यह सामने रहा कि एन.आई.ए. को अदालती लड़ाई लडऩे के बाद कस्टम से यह केस छीनना पड़ा और जिस सख्ती के साथ इस केस को कस्टम से छीना गया, उतनी सख्ती इस केस के आरोपियों को गिरफ्तार करने में नहीं दिखाई गई। कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि इस केस की बड़ी मछलियों को बचाने के लिए यह केस एन.आई.ए. को सौंपा गया था और इस केस में अब तक हुई कारगुजारी को देखकर भी ऐसा ही लग रहा है।

आतंकियों की मदद से ही पाक से भेजी गई थी हैरोइन की सबसे बड़ी खेप :
आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर जब्त की गई हैरोइन की सबसे बड़ी खेप 532 किलो व 52 किलो मिक्सड नॉर्कोटिक्स ने भारत में पकड़ी गई हैरोइन की खेप के सारे अगले पीछे रिकार्ड तोड़ दिए थे। पंजाब जिसमें मुख्य रुप से अमृतसर जिले की बात करें तो पता चलता है कि वर्ष 2019 से पहले डी.आर.आई. ने अमृतसर स्थित अंतर्राष्ट्रीय रेल कारगो से 105 किलो हैरोइन जब्त की थी, जिसने उस समय के सारे पिछले रिकार्ड तोड़ दिए थे लेकिन 532 किलो हैरोइन ने तो अंतर्राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ दिए, लेकिन इतनी बड़ी खेप मंगवाना रणजीत सिंह चीते के अकेले के वश की बात नहीं थी और इसमें पाकिस्तानी आतंकवादियों की मिलीभगत साफ नजर आ रही थी। फिलहाल चीते के मुख्य साथी मनप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद यह साबित हो चुका है कि चीते का एक लंबा चौड़ा नैटवर्क है, जिसको ध्वस्त किया जाना जरूरी है अन्यथा ऐसे अपराधी लोग जेल में बैठकर भी अपनी गतिविधियों को अंजाम देते रहते हैं। आए दिन पंजाब की अलग-अलग जेलों से मोबाइल फोन जब्त किया जाना यह स्पष्ट करता है कि जेलों में कैदियों को गैरकानूनी रूप से सुविधाएं मिल रही हैं।

चीते ने अमृतसर को बनाया था तरनतारन, गुरदासपुर व पठानकोट का सैंट्रल प्वाइंट :
तरनतारन जिले के गांव हवेलियां के रहने वाले रणजीत सिंह उर्फ चीते ने हैरोइन तस्करी करने के लिए तरनतारन, गुरदासपुर व पठानकोट का सैंट्रल प्वाइंट बनाया था। गुरदासपुर में भी चीते के कई साथी रहते थे, हाल ही में एन.आई.ए. की तरफ से पकड़ा गया मनप्रीत सिंह भी गुरदासपुर का ही रहने वाला था, जबकि जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों के साथ लिंकअप करने के लिए चीते ने पठानकोट के दरिया वाले दूरदराज के मंड इलाके में कई एकड़ जमीन खरीद रखी थी जहां पर चीते का एक भाई बलविन्दर सिंह तस्करी की गतिविधियों व देशद्रोही गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। पुलिस की तरफ से जब बलविन्दर सिंह के मंड इलाके वाले घर में रेड की गई थी तो 12 किलो हैरोइन व एक करोड़ रुपए की ड्रग मनी मौके पर ही पकड़ी गई थी, जबकि मोस्ट वांटेड रणजीत सिंह चीता उस समय मौके से बच निकला था।


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Vatika

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