स्मॉग का फायदा उठा रहा ''पाक'', दे रहा अपने मंसूबों को अंजाम

punjabkesari.in Wednesday, Nov 30, 2022 - 11:57 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): पराली, पटाखों व वाहनों के प्रदूषण से आसमान में सुबह व शाम के समय स्मॉग की एक गहरी चादर नजर आ रही है जिसकी आड़ लेकर पाकिस्तानी स्मगलरों ने अब अपने बड़े ड्रोन भी भेजने शुरू कर दिए हैं। अमृतसर सैक्टर में जहां पाकिस्तान ने 7 फुट लंबा ड्रोन भेजा है तो वहीं इसी सैक्टर के हवेलियां गांव में गिराया गया ड्रोन सबसे भारी वजन वाला है।

वहीं एक अन्य सीमावर्ती इलाके में खुफिया एजैंसियों व बी.एस.एफ. की तरफ से चलाए गए ज्वाइंट ऑप्रेशन में असॉल्ट राइफलों व अन्य हथियारों की एक बड़ी खेप पकड़े जाने की जानकारी मिल रही है, जिसको पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए ही भारतीय सीमा में पहुंचाया था। पंजाब का माहौल खराब करने के लिए पाकिस्तान इससे पहले एम.पी.-4 राइफल व 31 गोली ब्रस्ट फायर करने वाली गलॉक भी भेज चुका है, जबकि सीमावर्ती इलाके घरिंडा में एक तस्कर से पुलिस ने फिर से अत्याधुनिक पिस्टल जब्त किए हैं, जो पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए भी भारतीय सीमा में पहुंचाए थे।

नवम्बर 2022 में सबसे ज्यादा ड्रोन मूवमैंट

आम तौर पर दिसंबर व जनवरी की धुंध वाली रातों में पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन की मूवमेंट करवाई जाती है, क्योंकि इस समय बॉर्डर फैंसिंग के दोनों तरफ गेहूं की फसल खड़ी होती है। इसकी आड़ लेकर तस्कर आसानी से ड्रोन से फैकी गई हैरोइन व हथियारों की खेप को उठा लेते हैं, लेकिन इस बार नवंबर के महीने में ही पाकिस्तान ने ड्रोन की सबसे ज्यादा मूवमैंट करवाई है। अमृतसर जिले की बात करें तो पता चलता है कि एक सप्ताह के दौरान 22 बार ड्रोन की मूवमेंट हो चुकी है जिसमें तीन ड्रोन गिराए जा चुके हैं, जबकि बाकि ड्रोन पाकिस्तान लौटने में सफल रहे हैं।

फिर से हवेलियां गांव की तरफ हो रही ड्रोन की बड़ी मूवमैंट

अभी गत रविवार को ही एस.टी.एफ. की टीम ने हवेलियां गांव के रहने वाले नामी तस्कर परमजीत सिंह पम्मा को हथियारों की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार किया था, लेकिन फिर से हवेलियां गांव में ही एक बड़ा पाकिस्तानी ड्रोन मिलने से यह साबित हो रहा है कि इस गांव में अभी भी तस्करों के स्लीपर सैल सरगर्म हैं, जो ड्रोन के जरिए हैरोइन व हथियारों की खेप मंगवा रहे हैं और आसानी के साथ खेप को उठा भी रहे हैं।

लंबे समय तक हवा में उड़ने वाले ड्रोन गिराना बड़ी चुनौती

पाकिस्तान की तरफ से 21 से 25 किलो वजन वाले बड़े ड्रोन भेजे जा रहे हैं जो सामान्य ड्रोन की तुलना में ज्यादा वजन तो उठाते ही हैं, वहीं लंबे समय तक हवा में उड़ने की क्षमता रखते हैं। पिछले एक सप्ताह दौरान पाकिस्तान की तरफ से भेजे जाने वाले ड्रोन डेढ़ से दो घंटे तक हवा में उड़ने की क्षमता रखते हैं, जिससे बी.एस.एफ. को आसानी के साथ चकमा दिया जा सकता है। अपने टारगेट पर हैरोइन व हथियारों की डिलीवरी करने के बाद आसानी के साथ पाकिस्तानी ड्रोन वापिस लौट जाते हैं।

किसे सप्लाई की जानी थी एम.पी.-4, गलॉक व सलवाकिया के पिस्टल

सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से अलग-अलग केसों में सीमावर्ती इलाकों से एम.पी.-4, गलॉक व सलवाकिया मेड राइफल व पिस्टल पकड़े जा चुके हैं। तस्करों को भी रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि ऐसे खतरनाक आधुनिक हथियारों किसने मंगवाए थे और किसको सप्लाई किए जाने थे।

सीमावर्ती इलाकों में तस्करों की मदद करने वाले लोगों को ट्रेस करना जरूरी

केन्द्रीय व राज्य सरकार की सुरक्षा एजैंसियों की रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर सीमावर्ती इलाकों में तस्करों की मदद करने वाले स्लीपर सैल सरगर्म हैं। ये स्लीपर सैल प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीके से तस्करों की मदद करते हैं, लेकिन आज तक इनका नैटवर्क ध्वस्त नहीं हो सका है।

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Content Writer

Sunita sarangal

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