जिस नहर में तैरती हैं लाशें, उसी का पानी पीकर मौत को पास बुलाने को मजबूर हैं ये लोग

punjabkesari.in Thursday, Aug 13, 2020 - 01:07 PM (IST)

संगरूर (हनी कोहली): देश को आज़ाद हुए 73 साल हो चुके हैं लेकिन आज़ादी अभी तक भी नहीं मिल पाई। जानकारी के अनुसार देश में अभी भी कई ऐसे कस्बे है जहां लोग पीने वाले पानी के लिए तरस रहे हैं और यह लोग कई-कई किलोमीटर का सफ़र तय करके अपनी जान जोखिम में डालकर पानी भरने जाते हैं। ताज़ा मामला संगरूर के भूलण का सामने आया है, जहां सरकार सत्ता में आने से पहले तो कई तरह के दावे करती हैं लेकिन हर बार कुछ भी नहीं होता।

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पिछले करीब 20 -25 सालों से यह लोग इसी तरह से ज़िंदगी व्यतीत कर रहे हैं। यह लोग 2 ढाई किलोमीटर का सफ़र तय करके भाखड़ा नहर से पानी भरने जाते हैं। भाखड़ा नहर में इंसानों और जानवरों की लाशें भी डूबीं होती हैं और गांव की कई महिलाएं भी इस नहर से पानी लेने गई डूब गई हैं और फिर भी यह लोग यह ही पानी पीने के लिए मजबूर हैं। लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा भी साफ़ दिखाई देता है लेकिन इनकी सुनवाई कहीं भी नहीं हो रही। 

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उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री बीबी राजिन्दर कौर भट्ठल यहां की हलका इंचार्ज भी हैं। गांव वासियों के अनुसार अभी तक उनकी सुनवाई किसी की तरफ से भी नहीं की गई और गांव में कई तरह की कैंसर जैसी भयानक बीमारियां सामने आ रही हैं, जिस कारण इन लोगों में डर और सहम का माहौल भी बना हुआ है।गांव वासियों ने सरकार से साफ़ पानी के कड़ें प्रबंध किए जान की गुहार लगाई है।

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