खूंखार गैंगस्टर की मेहमान नवाजी करने वालों पुलिस अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

punjabkesari.in Tuesday, Nov 15, 2022 - 11:24 AM (IST)

लुधियाना: उत्तर प्रदेश के खूंखार गैंगस्टर मुख्तार अंसारी से फिरौती मांगने के मामले में यू.पी. की जेल से लाकर पंजाब की रोपड़ जेल में लंबे समय तक रखने और उसकी खूब मेहमान नवाजी करने वाले पंजाब पुलिस के कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। मुख्यमंत्री भगवंत मान डी.जी.पी.  पंजाब को उन अधिकारियों के नामों की सूची भेजने का आदेश दिया गया है जिन्होंने बहुचर्चित मामले में अहम भूमिका निभाई थी। गौरतलब है कि यू.पी. में हत्या, इरादतन हत्या, अपहरण, जबरन वसूली समेत कई संगीन आरोपों में आरोपित गैंगस्टर मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की जेल में बंद था। उस समय पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह थे। इस दौरान मोहाली में होमलैंड हाइट्स में रहने वाले एक बिल्डर उमंग जिंदल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि अंसारी ने धमकी भरा फोन किया और पांच करोड़ की फिरौती मांगी है।

इसके बाद अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे प्रोडक्शन वारंट यू.पी. की जेल से पंजाब लाया गया और अदालत में पेश करने के बाद रोपड़ जेल भेज दिया गया।  इस दौरान लगातार कांग्रेस सरकार पर अंसारी को जेल में भी वी.आई.पी. ट्रीटमेंट देने के आरोप लगते रहे और मामले में विवाद उस समय खड़ा हो गया जब यू.पी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पटीशन दायर करके अंसारी को पंजाब से यू.पी. भेजने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि दर्जनों संगीन मामलों में शामिल अंसारी को अदालत में पेश करने के लिए यू.पी. ुलिस द्वारा भेजे जाने वाले समन को रोपड़ जेल प्रशासन को नहीं मिल रहे हैं।  इस वजह से आरोपी के खिलाफ दर्ज मुकदमों की सुनवाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

इसलिए अंसारी को यू.पी. लाना बहुत जरूरी है। यू.पी. सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के बावजूद पंजाब सरकार और जेल प्रशासन अंसारी को आसानी से शिफ्ट करने को तैयार नहीं हुआ। यहां तक ​​कि सरकार की ओर से पेश वकीलों ने भी इसका कड़ा विरोध किया। अंत में, अदालत ने अंसारी को तुरंत यू.पी. शिफ्ट करने का आदेश दिया। इस मामले में सरकार और जेल प्रशासन को लगातार विपक्ष की ओर से घेरा जाता रहा।  अब इस पर सख्त कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब पुलिस से उन अधिकारियों के नाम मांगे हैं जिन्होंने अंसारी को पंजाब की जेल में रखने और वी.आई.पी. ट्रीटमेंट देने में अहम भूमिका निभाई।

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अगस्त, 2022 में  गृह विभाग के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा द्वारा डी. जी. पी. पंजाब को भेजे पत्र में उपरोक्त मामले की जांच के लिए डी.जी.पी. रैंक के अधिकारी को ड्यूटी लगा रिपोर्ट भेजने को कहा था लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर अब उन्होंने दोबारा डी. ओ. के दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजने को कहा गया है। इसके बाद अंसारी के शुभचिंतकों और यू.पी. से पंजाब से लाने में अहम भूमिका निभाने वाले पुलिस अधिकारियों में भगदड़ मच गई है । अब देखना होगा कि इस मामले में मुख्यमंत्री तक विशेष रिपोर्ट कब तक पहुंचती है और इसके लिए किन पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस मामले में जब अनुराग वर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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News Editor

Urmila

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