गरमाई जालंधर में सियासत: सुशील रिंकू की ‘आप’ में एंट्री से बदले सियासी समीकरण
punjabkesari.in Thursday, Apr 06, 2023 - 01:07 PM (IST)

जालंधर : जालंधर लोकसभा सीट को लेकर 10 मई को उपचुनाव हो रहा है। कांग्रेस की तरफ से दिवंगत सांसद संतोख सिंह चौधरी की पत्नी करमजीत कौर की प्रत्याशी के रूप में घोषणा की जा चुकी है, जबकि दूसरी पार्टियों द्वारा अभी किसी भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है।
हालांकि आम आदमी पार्टी द्वारा अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं गई है लेकिन जालंधर वैस्ट से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुशील रिंकू के आज आम आदमी पार्टी में शामिल हो जाने के बाद जालंधर लोकसभा सीट को लेकर तेजी के साथ समीकरण बदलने लगे हैं।
कहां सुशील रिंकू कांग्रेस में काम करते थे और अब वही रिंकू कांग्रेस के खिलाफ आम आदमी पार्टी में काम करेंगे। बात सिर्फ राजनीतिक समीकरण की ही नहीं है, बल्कि आम आदमी पार्टी के अंदर पहले से मौजूद रिंकू के धुरंधर विरोधी शीतल अंगुराल का क्या होगा, यह एक बड़ा सवाल आज खड़ा हो गया है?
शीतल अंगुराल और सुशील रिंकू की दोस्ती और दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। दुश्मनी इतनी कि एक-दूसरे के खिलाफ कोई मौका नहीं छोड़ते, लेकिन अब माहौल बदल गया है। अब सुशील रिंकू शीतल अंगुराल की ही पार्टी में चले गए हैं तो ऐसे में सबसे बड़ी समस्या शीतल अंगुराल के लिए पैदा हो गई है? क्योंकि शीतल अंगुराल के पास अब कोई बहुत ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं या तो वह आम आदमी पार्टी में ही रह कर काम करें या वापस भाजपा में चले जाएं।
रिंकू के साथ मिलकर चलना ही होगा शीतल अंगुराल को
वैसे कहा जा रहा है कि शीतल अंगुराल को कुछ दिन पहले ही सुशील रिंकू के आप में शामिल किए जाने की भनक लग गई थी, जिस कारण वह पार्टी से अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे, जिसका कोई असर नहीं हुआ। वैसे यह भी पता लगा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज शीतल अंगुराल के साथ एक मीटिंग भी की है। अब बड़ा सवाल यह है कि शीतल अंगुराल का जो होगा सो होगा, लेकिन सुशील रिंकू आम आदमी पार्टी में आकर कितने कामयाब रहेंगे। लोकसभा चुनावों में टिकट को लेकर सुशील रिंकू के नाम पर मोहर लगनी लगभग तय है। अगर रिंकू इस सीट को जीतने में सफल रहते हैं तो आने वाला समय सुशील रिंकू का है।
आम आदमी पार्टी में रिंकू जो जगह बना लेंगे, वो शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा। इससे सुशील रिंकू तो मजबूत होंगे, लेकिन उनके विरोधी काफी हद तक कमजोर हो जाएंगे। यहां तक कि शीतल अंगुराल, जिनके साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा है को भी अंतत: सुशील रिंकू के साथ मिलकर ही चलना पड़ेगा।
कांग्रेस तथा ‘आप’ में कड़ी टक्कर होने की संभावना
अगर सुशील रिंकू यह चुनाव जीतने में सफल नहीं होते तब भी उनको कोई बहुत नुक्सान नहीं होगा, वो राजनीतिक कद-काठी में अंगुराल बंधुओं से ऊपर ही रहेंगे लेकिन यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
जहां तक जालंधर लोकसभा सीट की बात है तो इसमें कुल 9 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 4 पर आम आदमी पार्टी तथा 5 पर कांग्रेस के विधायक हैं। इस समय अगर चुनाव होते हैं तो खींचतान काफी तेज रहेगी, क्योंकि कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी दोनों के बीच कड़ी टक्कर होने की पूरी संभावना है।
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