नगर निगम चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू, अपनी-अपनी साख बचाने में लगी राजनीतिक पार्टियां

punjabkesari.in Monday, Dec 26, 2022 - 02:33 PM (IST)

पटियाला/रखड़ा (राणा) : चाहे अभी नगर निगम चुनावों का ऐलान होने में कुछ समय बाकी है, लेकिन नगर निगमों पर कब्जे को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। निगम चुनाव कब होंगे यह तो मौजूदा सरकार ने ही तय करना है, जिन-जिन शहरों की नगर निगम की अवधि समाप्त होगी, उसी क्रम में चुनावों की तिथियां तय कर दी जाएंगी।

नई सरकार की कार्यशैली को देखते हुए अनुमान तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि नगर निगम चुनाव एक साथ भी करवाए जा सकते हैं। पंजाब में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा अकाली दल इस लड़ाई में भी काफी पीछे दिख रहा है और कांग्रेस पार्टी अपनी साख बचाने में जुटी है। जिक्रयोग है कि नगर निगमों के मेयरों के कार्यकाल की अवधि 23 जनवरी 2023 को समाप्त हो रही है। इस बार पंजाब में वृद्धि करके नगर निगमों कीं संख्या 13 कर दी गई है, जिनमें अमृतसर, बठिंडा, हाशियारपुर, फगवाड़ा, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, मोगा, पठानकोट, मोहाली, अबोहर, बटाला, कपूरथला शहर शामिल हैं।

कांग्रेस को पटखनी देकर सत्ता पर कब्जा जमाने वाली ‘आप’ के हौसले बुलंद

कांग्रेस पार्टी को पटखनी देकर सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी के भी नगर निगम पर कब्जे को लेकर हौसले बुलंद हैं। नगर निगम चुनावों संबंधी आम आदमी पार्टी ने अपनी सरगर्मियां तेज कर दी हैं और अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करके लोगों की समस्याओं संबंधी चर्चा के लिए और माहौल बनने के लिए जनता के बीच जाना शुरू कर दिया गया है। इसी क्रम में गुजरात चुनावों से फ्री होकर अब आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ता और बड़े नेता शहर-शहर में लोगों के साथ सम्पर्क कर रहे हैं और 9 महीने के अपने कार्यों बारे लोगों को बता रहे हैं।

पंजाब में आम आदमी पार्टी द्वारा बदलाव की राजनीति का नारा दिया था, जिसे लोगों ने स्वीकार करते हुए ‘आप’ को सत्ता की चाभी सौंपी थी। देखना होगा कि क्या नगर निगम के चुनावों में भी आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनावों वाला जलवा बरकरार रख पाएगी?

कांग्रेस पंजाब प्रधान राजा वड़िंग ने संभाली प्रचार की कमान

बड़ी उथल-पुथल के बाद संभली कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रधान राजा वड़िंग ने नगर निगम चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए पार्टी की जीत दर्ज करवाने के लिए कमान संभाल ली है और वे ताबड़तोड़ मीटिंगें करके अपने कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। पंजाब विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी से बुरी तरह हारी कांग्रेस अपनी साख बचाने में जुटी है। जिक्रयोग है कि अभी तक नगर निगमों में कांग्रेस का ही कब्जा कायम है, इसलिए कांग्रेसी वर्कर भी अपनी सत्ता के दौरान शहरों में किए गए उनके कार्यों की जानकारी देने के लिए जनता से सम्पर्क साध रहे हैं।

नगर निगम चुनावों में दमदार वापसी के लिए जोर लगा रहा अकाली दल

पंजाब में लगातार दो दशकों तक राज करने वाली पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन नगर निगम चुनावों में प्रचार के लिए उतरे अकाली दल के सीनियर नेताओं के कारण इस बार ऐसा लग रहा है कि अकाली दल नगर निगम चुनावों में दमदार वापसी करने के लिए अपना पूरा जोर लगा रहा है।

अकाली दल के कार्यकर्ता भी शहर में वोटरों को लुभाने के लिए मीटिंगें कर रहे हैं और अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों बारे लोगों को बता रहे हैं। जिक्रयोग है कि अकाली दल के कई नेता जो आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं, इससे अकाली दल को निगम चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के लिए काफी जोर लगाना पड़ेगा। अकाली दल की टिकट से नगर निगम का चुनाव लड़ने के लिए कई नए उम्मीदवार भी दौड़ में हैं, लेकिन देखना होगा कि अगर इन उम्मीदवारों को टिकट मिलती है तो वे लोगों को कितना पसंद आते हैं?

अकाली दल से अलग हुई भाजपा पहली बार अकेले लड़ेगी नगर निगम चुनाव

गत विधानसभा चुनावों में अकाली दल और भाजपा का गठजोड़ टूटने के बाद ऐसा पहली बार होगा जब पंजाब में भाजपा अकेले नगर निगम चुनाव लड़ेगी। यूं तो देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भाजपा चुनाव मैदान में उतरती है और शानदार प्रदर्शन भी कर रही है, लेकिन नगर निगम चुनावों में तस्वीर काफी अलग होती है। जिक्रयोग है कि दिल्ली में कुछ समय पहले हुई नगर निगम चुनावों में भी काफी जोर लगाने के बाद भी भाजपा नगर निगम पर कब्जा नहीं कर पाई और इसी तरह चंडीगढ़ में भी आम आदमी पार्टी के साथ कांटे की टक्कर में हारते-हारते बची थी।

पंजाब में नगर निगम चुनावों में भाजपा के पास बड़े चेहरों की काफी कमी है, इसीलिए जोड़ तोड़ करके अन्य पार्टियों से नेताओं को भाजपा में शामिल करवा कर चुनावों में कितनी सफलता भाजपा हासिल कर पाती है यह देखना होगा?

वर्णनयोग है कि नगर निगम चुनावों में अकसर वही पार्टी सत्ता में आती है जिसकी सरकार प्रदेश में हो। लोगों से अक्सर सुनने को मिलता है कि सत्ताधारी पार्टी धक्केशाही करके नगर निगम चुनावों में धांधली करती है, जिस कारण उसका निगम पर कब्जा हो जाता है। कुछ इसी तरह के आरोप अकाली दल ने पिछली बार कांग्रेस पर लगाए थे और इससे पहले कांग्रेस ने अकाली दल पर। लेकिन देखना होगा कि ‘कट्टर ईमानदार’ पार्टी होने का दम भरने वाली आम आदमी पार्टी इस दाग से बच पाएगी या नहीं?

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Content Writer

Umang Bansal

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