रातों-रात बढ़ गए खाद्य तेल के भाव, जानें वजह

punjabkesari.in Monday, Apr 25, 2022 - 11:17 AM (IST)

जालंधर (विशेष): दुनिया के सबसे बड़े पाम तेल उत्पादकों में से एक इंडोनेशिया अगर 28 अप्रैल से अपने निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करता है, तो भारतीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। इंडोनेशिया के ऐलान के साथ ही भारतीय बाजार में थोक भाव बढ़ने लगे हैं। इंडोनेशिया सालाना भारत को आपूर्ति किए जाने वाले कुल पाम तेल का लगभग 45% आपूर्ति करता है।

भारत से गेहूं, चावल और अन्य खाद्यान्नों के रिकॉर्ड निर्यात के बीच देश आयात के मोर्चे पर एक बड़ी दुविधा का सामना कर रहा है। इंडोनेशिया 28 अप्रैल से पाम ऑयल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएगा। ऑल इंडिया एडिबल ऑयल ट्रेडर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि इंडोनेशियाई निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद से भारतीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ने लगी हैं। घोषणा से पहले पामोलिन का थोक भाव 1,470 रुपए प्रति 10 किलो था, जो रातों-रात 1,500 रुपए को पार कर गया था।

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सप्लाई कट ऑफ का क्या होगा असर?
भारत सालाना लगभग 13-13.5 मिलियन टन खाद्य तेलों का आयात करता है, जिसमें से लगभग 8-8.5 मिलियन टन (लगभग 63 प्रतिशत) पाम तेल है। इसमें से 8.85 लाख टन पाम तेल से, करीब 45 फीसदी इंडोनेशिया से और बाकी पड़ोसी मलेशिया से आता है। व्यापार सूत्रों ने कहा कि अगर मई से अचानक से करीब 300,000-325,000 टन पाम तेल की मासिक आपूर्ति बंद हो जाती है, तो इससे खाद्य तेल की कीमतों में तेज वृद्धि होगी, जो रूस-यूक्रेन संकट के कारण पहले से ही उबल रही है। खाद्य तेल कारोबार पर गहरी नजर रखने वाले ठाकरे ने कहा कि भारत इंडोनेशिया से कच्चा पामोलिन और मलेशिया से तैयार पामोलिन का आयात करता है। इसलिए वहां से निर्यात रोकना हमारे उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय है। उसके बाद सरसों के दाम आसमान छूएंगे, जो पहले से ही एम.एस.पी. से अधिक दर से बेचा जा रहा है।

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सूरजमुखी का तेल भी होगा महंगा
साथ ही मूंगफली, सोयाबीन और सूरजमुखी का तेल और महंगा हो जाएगा। अब मलेशिया भी कीमत के मामले में मनमानी करेगा। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के महानिदेशक बी.वी. मेहता ने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट के बाद से भारत में सूरजमुखी तेल की आपूर्ति 200,000-250,000 प्रति माह से गिरकर 100,000 टन प्रति माह से कम हो गई है, जिसके कारण कीमतों में तेज वृद्धि हुई है। उसके ऊपर, अगर इंडोनेशिया अब अपने पाम तेल निर्यात को रद्द करने का फैसला करता है, तो यह हमारे लिए एक गंभीर संकट पैदा करेगा। विशेषज्ञों ने कहा कि संगठन ने सरकार को गेहूं और चावल जैसे खाद्य तेलों का बफर स्टॉक बनाए रखने का सुझाव दिया था। अगर इसे समय पर लागू किया जाता तो इंडोनेशिया के फैसले का ज्यादा असर नहीं होता।

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News Editor

Urmila

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