पनबस-PRTC यूनियन की चेतावनी, अगर कल मीटिंग में मसले हल न हुए तो...

punjabkesari.in Wednesday, Sep 13, 2023 - 12:55 PM (IST)

जालंधर : पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर जिला इकाइयों द्वारा राज्य भर में रोष रैलियां करते हुए सरकार व विभाग की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की गई। यूनियन द्वारा दो टूक चेतावनी दी गई है कि 14 सितम्बर को मुख्यमंत्री के साथ होने वाली मीटिंग में लम्बित मांगों पर कोई हल न किया गया तो अनिश्चितकालीन समय के लिए बसों का चक्का जाम किया जाएगा।

डिपो-1 के समक्ष एकत्रित हुए दोनों डिपुओं के कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन करते हुए लम्बित मांगों को लेकर आवाज बुलंद की गई। यूनियन के सीनियर मीत प्रधान दलजीत सिंह जल्लेवाल, चानण सिंह चन्ना, डिपो प्रधान सतपाल सिंह, गुरप्रीत भुल्लर, विक्रमजीत सिंह ने कहा कि विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को परेशान करने वाली नीतियां अपना रहे हैं जिससे यूनियन में रोष बढ़ता जा रहा है।

दलजीत सिंह व चाणन सिंह ने कहा कि अधिकारियों द्वारा ट्रांसपोर्ट विभाग की बढ़ौतरी करने प्रति उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा जिसके चलते विभाग को उम्मीद के मुताबिक आमदनी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि काऊंटरों के टाइम टेबलों में प्राइवेट ट्रांसपोर्ट्स की बसों का बोलबाला है जिससे सरकारी बसों में यात्रियों की कमी देखने को मिलती है। वहीं सरकार द्वारा डाली जा रही किलोमीटर स्कीम की बसों का विरोध जताया गया।

चानण सिंह ने कहा कि ठेका कर्मचारियों को पक्का करने प्रति तुरन्त कदम उठाए जाएं व 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी सिस्टम के कारण विभाग को हर वर्ष 25 करोड़ रुपए की राशि जी.एस.टी. के रूप में अदा करनी पड़ती है। इस राशि को बचाने के लिए विभाग कर्मचारियों की विभागीय तौर पर भर्ती करनी चाहिए।

सतपाल सिंह ने कहा कि यूनियन द्वारा 14 से 16 अगस्त तक चक्का जाम किया जाना था लेकिन प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग का आश्वासन देकर हड़ताल को स्थगित करवा लिया गया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 14 तारीख को मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग नहीं हो पाई तो इसके लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

वक्ताओं ने कहा कि विभाग द्वारा ठेकेदारी सिस्टम को बंद करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन किलोमीटर स्कीम की बसों की तरह ठेके पर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके रणजीत सिंह, भूपेन्द्र सिंह फौजी, दविंद्र सिंह, मलकीयत सिंह, बलविंद्र सिंह राठ, कुलविंद्र सिंह, चरणजीत सिंह, हरजिंद्र सिंह, सुखदेव सिंह, निर्मल सिंह कंग, बलविंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, सर्बजीत सिंह सहित बड़ी संख्या में डिपो 1-2 के कर्मचारी मौजूद रहे।

सस्पैंड करने से पहले अपील करने का प्रावधान रखने की मांग

यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि विभाग द्वारा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए छोटे-छोटे केस बनाकर सस्पैंड किया जा रहा है। इसके चलते विभाग में कर्मचारियों की कमी आ रही है। विभाग की इन नीतियों के कारण राज्य भर में 500 से अधिक बसें डिपुओं में धूल फांक रही हैं। नीतियों में बदलाव करने की मांग रखते हुए उन्होंने कहा कि छोटे केसों सहित कर्मचारियों के खिलाफ होने वाली किसी भी कार्रवाई से पहले अपील करने का प्रावधान रखा जाना चाहिए।

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News Editor

Urmila

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