आशु के पास अपनी समस्याएं हल करवाने पहुंचे पंजाब एंड चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स, जताई ये चिंता

punjabkesari.in Friday, Jun 13, 2025 - 08:46 AM (IST)

लुधियाना (विक्की): आम आदमी पार्टी बेशक  बेशक कहती है कि अगर उपचुनाव आशु जीते तो विपक्षी विधायक होने के नाते भी सरकार में उनके काम नहीं होंगे लेकिन पंजाब और चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन (पीसीसीटीयू) को यह उम्मीद है कि आशु उनकी समस्याएं बेहतर ढंग से हल करवाने में सक्षम हैं ।

यही वजह है कि पीसीसीटीयू की जिला इकाई अपनी मांगों को हल करवाने के लिए कांग्रेस पार्टी के वेस्ट हल्का के उम्मीदवार आशु को एक मांग-पत्र देने पहुंची। यूनियन ने पंजाब में उच्च शिक्षा की लगातार बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता जताई और आम आदमी पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। जिला प्रधान डॉ. चमकौर सिंह ने कहा कि पंजाब की आप सरकार जो शिक्षा क्रांति के खोखले वादे और दावे कर रही है, वह असल में खोखले हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब के 136 एडेड कॉलेजों में से अधिकतर कॉलेज बिना ग्रांट के 5 महीने से चल रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि नया वार्षिक बजट घोषित होने के बावजूद वर्ष 2024-25 के बिल आज तक पास नहीं किए गए। हजारों शिक्षक बिना वेतन के जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ मंत्री और अधिकारी जो महीने के पहले दिन अपनी तनख्वाह देखकर खुश होते हैं, उन्हीं की नाकामियों के कारण हज़ारों घरों के चूल्हे बुझने की कगार पर हैं। इस सम्बन्ध में अफसरों का कई बार ध्यान दिलाने के बावजूद भी किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।

डॉ. वरुण गोयल ने कहा कि यह जानकर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि तथाकथित रंगले पंजाब और शिक्षा क्रांति के झंडाबरदार बताने वाले शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान न तो किसी एडेड कॉलेज में कदम रखा और न ही उनकी कोई सुध ली। उन्होंने कहा कि पंजाब के एडेड कॉलेज राज्य की उच्च शिक्षा की रीढ़ हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि शिक्षा क्रांति का भ्रम फैलाने वाली मौजूदा पंजाब सरकार की नजर में ये कॉलेज आज अनाथ नजर आ रहे हैं। जिला सचिव डॉ. सुंदर सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री इसके उलट प्राइवेट कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में लगातार जा रहे हैं, उनसे लंबी-लंबी मीटिंगें कर रहे हैं। सरकार की मंशा है कि पंजाब की उच्च शिक्षा को पब्लिक सेक्टर से हटाकर प्राइवेट खिलाड़ियों के हवाले कर दिया जाए, ताकि गरीब बच्चों से उच्च शिक्षा छीन ली जाए। क्या यह शिक्षा के व्यवसायीकरण और सरकार की अपनी नैतिक जिम्मेदारियों से पीछे हटने की गुप्त साजिश है?

प्रोफेसर रोहित ने कहा कि सातवें वेतन आयोग को आप सरकार ने अक्टूबर 2022 से लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक कुछ कॉलेजों को छोड़कर बाकी संस्थानों में यह लागू नहीं हो सका है। कांग्रेसी उम्मीदवार ने कहा कि जो सच्चाई इन अध्यापकों ने ब्यान की है वही आम आदमी पार्टी के रंगले पंजाब की असलियत है। उन्होंने कहा कि वह हर मंच से इनके खोखले दावों की पोल खोलेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील की कि केजरीवाल के भविष्य की चिंता छोड़कर पंजाब के कॉलेजों की चिंता करें, तभी बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता सब देख रही है और जवाब देने को तैयार बैठी है। इस बैठक में प्रो. करण भी मौजूद रहे।


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Vatika

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