Farmer''s Protest: पिता की चिट्ठी को याद कर Interview में अपने आंसू नहीं रोक पाई सोनिया मान (Watch Video)
punjabkesari.in Tuesday, Dec 29, 2020 - 02:44 PM (IST)
चंडीगढ़: खेती कानूनों विरुद्ध किसानों के धरने प्रदर्शन का 33वां दिन है। किसानों का समर्थन के लिए पंजाबी कलाकार भी अपने गीतों के द्वारा किसानों का हौसला बढ़ा रहे हैं। वहीं पंजाबी फ़िल्म इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा सोनिया मान शुरू से किसानों के साथ कंधे से कंधा जोड़ कर खड़ी है। सोनिया मान ने ‘पंजाब केसरी’ के साथ बातचीत करते खेती कानूनों पर खुल कर करते कहा, दिल्ली आंदोलन से पहले पंजाब के अलग -अलग इलाकों में किसान जत्थेबंदियों ने लोगों को खेती कानूनों के बारे जागरूक करवाया था। उस समय हमारे साथ करीब 500 लोग थे लेकिन अब हमारे साथ बहुत बड़ा इकट्ठ है। मैं सोचती हूं कि यह हमारी जीत है, जो इतने ज़्यादा लोग किसान आंदोलन के साथ जुड़ रहे हैं।
हर बुजुर्ग में नजर आते थे मां-बाप
मैं कलाकार बाद में हूं, पहले एक किसान हूं। धरने में मौजूद बुज़ुर्ग महिलाओं से मैं अपनी मां को देखती हूं। आंदोलन के हर बुज़ुर्ग बाबा में मुझे अपने पिता की झलक नज़र आती है। मेरे पिता भी किसान संगठन के नेता थे। जो लड़ाई लड़ते मेरे पिता जी शहीद हो गए थे, आज मैं उनकी अहमियत को महसूस करती हैं। मैं तब तक किसानी संघर्ष के साथ जुड़ी रहूंगी, जब तक इन खेती कानूनों को रद्द नहीं किया जाता।
फिल्मी सितारों की चुप्पी पर सोनिया मान ने कही यह बात
खेती कानूनों को लेकर कई ऐसे बालीवुड कलाकार हैं, जिन्होंने इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है। हालांकि कुछ फ़िल्मी सितारों ने खेती कानूनों का विरोध भी किया। इस पर सोनिया मान ने कहा सभी कलाकारों की सोच अलग -अलग होती है। इस कारण मैं किसी भी कलाकार के बारे कुछ नहीं कह सकती। इन फ़िल्मी सितारों को ई.डी. का डर होता है। हर इंसान मतलबी है, जो अपने -अपने काम में लगा हुआ है। फ़िल्मी सितारों में भी पंजाब के लोगों के लिए प्यार है लेकिन वह भी अपनी, मजबूरियों में फंसे हो सकते हैं।
आंदोलन के जरिए पिता का सपना करूंगी पूरा
फ़िल्म इंडस्ट्री से मुझे कई काम के ऑफर मिल रहे हैं। मुझे बहुत लोगों ने कहा कि तू अपने काम पर ध्यान दे, कौन से काम पर लगी है... लेकिन जब मैं अपने पिता की चिट्ठी पढ़ती हूं तो मुझे लगता है यही समय है जब मैं अपने पिता का सपना पूरा कर सकती हैं।
केंद्र सरकार से अपील
सोनिया मान ने कहा हमारा लोकतंत्र बहुत बुरा है। हम एक -एक वोट डाल कर एम.पी. बनाते हैं लेकिन आज इस एम. पी. ने तो हमारा सौदा सरकार के साथ कर दिया। पी.एम. मोदी को लगता है कि यह बिल आपके लिए सही है। अंबानी -अंडानी के पैसों को लेकर या फिर इलैक्शन की फंडिग को लेकर आपकी मजबूरियां हो सकतीं हैं लेकिन जो आप हमारे बुज़ुर्ग किसानों के साथ कर रहे हो वह जायज नहीं है। पौष महीने हमारे 50 के करीब बुज़ुर्ग शहीद हो चुके हैं। आप उन स्टेट के किसानों को बिठा कर बातचीत कर रहे हो, जिन्हें मंडी सिस्टम पता नहीं कब का ही ख़त्म हो चुका है। आपको पंजाब हरियाणा, राजस्थान के किसानों को बिठा कर बातचीत करनी चाहिए। इंसानियत के नाते आपको इस आंदोलन में आना चाहिए था और खेती कानून को वापिस ले लेना चाहिए। जब तक यह खेती कानून नहीं वापस लिए जाते हम दिल्ली धरने पर डटे रहेंगे।
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