पंजाब कला साहित्य अकादमी ने पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी को प्रदान किया "राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान
punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 01:07 PM (IST)
बठिंडा/जालंधर : पंजाब कला साहित्य (पंकस) अकादमी द्वारा पंजाब प्रेस क्लब के प्रांगण में रविवार को आयोजित 28वें वार्षिक अकादमी पुरस्कार समारोह में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू पंजाब) के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी को "राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान" से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में चार दशकों से अधिक के उत्कृष्ट योगदान और समर्पण के लिए प्रदान किया गया।
पंजाब कला साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. सिमर सदोष ने यह सम्मान प्रो. तिवारी को अजीत प्रकाशन समूह के कार्यकारी संपादक स. सतनाम सिंह माणक, अकादमी के संस्थापक निदेशक डॉ. जगदीप सिंह, पुलिस कमिश्नर जालंधर श्री स्वप्न शर्मा (आईपीएस), पूर्व मंत्री श्री मनोरंजन कालिया, श्री राजेंद्र बेरी, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय कॉलेज के ओएसडी प्रो. कमलेश सिंह दुग्गल, मर्चेंट नेवी एसोसिएशन के प्रधान कैप्टन भगत सिंह, श्री नरेश महरा, डॉ. रमेश कंबोज, डॉ. बजरंग लाल सोनी एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में प्रदान किया।
जालंधर स्थित पंजाब प्रेस क्लब में आयोजित इस पुरस्कार समारोह में कुलपति प्रो. तिवारी का स्वागत पंजाब की सांस्कृतिक पहचान "फुलकारी" के साथ किया गया। इस अवसर पर मंच संचालन करते हुए पंकस अकादमी की निदेशक डॉ. निधि शर्मा ने प्रतिभागियों को बताया कि अगस्त 2020 में पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी का आगमन न सिर्फ विश्वविद्यालय के लिए बल्कि पंजाब प्रान्त के लिए भी हितकारी सिद्ध हुआ है क्योंकि उन्होंने न केवल शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पंजाब का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि पंजाबी संस्कृति एवं गुरु साहिबानों के उपदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए भी अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि प्रो. तिवारी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन के दूसरे चक्र में "ए प्लस" ग्रेड हासिल किया, एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2024 की "विश्वविद्यालय श्रेणी" में 83वां स्थान अर्जित किया, और कई अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त कीं।
प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी की पर्यावरण अनुकूल एवं सरल-सहज जीवनशैली पर प्रकाश डालते हुए मंच संचालिका एवं निदेशक डॉ. निधि शर्मा ने अतिथियों के साथ साझा किया कि प्रो. तिवारी ने अपने चार दशक से अधिक अवधि के अकादमिक/शैक्षिक जीवन में मिज़ोरम विश्वविद्यालय, आइज़ोल में 31 वर्षों तक विभिन्न अकादमिक-प्रशासनिक पदों पर सेवाएँ प्रदान की; 5 वर्ष 5 माह तक डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, जहाँ उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी, वहीँ कुलपति के रूप में सेवाएं प्रदान की; और पिछले 4 वर्ष और 3 महीनों से पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यरत है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने समय-समय पर विभिन्न उच्च समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्य के रूप में उनको नामांकित किया और हाल ही में उन्हें भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आईआईएएस), शिमला के निदेशक के अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी दी गई है।
"राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान" प्राप्त करने के उपरांत प्रो. तिवारी ने पंकस अकादमी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने युवाओं को सशक्त बनाने और पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रो. तिवारी ने राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान को माँ भारती को समर्पित करते कहा कि हमें सदैव अपनी मातृ भूमि को समर्पित रहना चाहिए। देश भर में प्रत्येक नागरिक को पूर्णता सेवा एवं समर्पण से अपनी मातृ भूमि का ऋण उतारने का प्रयास करना चाहिए। पंजाब कला साहित्य अकादमी द्वारा प्रो. तिवारी को सम्मानित किया जाना विश्वविद्यालय परिवार के लिए गर्व का विषय है।