पक रही फसल पर कहर बनकर बरसी बारिश, खेतों में बिछी गेहूं

punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2023 - 01:47 PM (IST)

जालंधर (सुरिंदर): जनवरी और फरवरी को महीने गेहूं की फसल के लिए जहां वरदान साबित हुए वहीं मार्च का महीने पक रही फसल को बर्बाद करने में लगा हुआ है। जिले के अलग-अलग हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है। 2 दिनों से हो रही बारिश के बाद मौसम ने फिर करवट ले ली है, जिस कारण खेतों में गिरी फसल उठ नहीं सकी और पके हुए दाने खराब हो जाने की कगार पर हैं। 

खेतों में पानी इकट्ठा होना शुरु हो गया है जो कि बहुत नुकसानदायक है। पिछले हफ्ते पड़ी बारिश के कारण किसानों का जो नुक्सान हुआ है उसका सर्वे करवाने की तैयारियों चल रही थी कि शुक्रवार को तेज हवाओं और बारिश ने जिले के कई गांवों में खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। किसान भगवान से अरदास कर रहे हैं कि बैसाखी के करीब 24 दिन बाकी हैं और इससे पहले कटाई का काम शुरू हो जाता है पर अगर इस तरह बारिश होती रही तो फसल नहीं सूखेगी और दूध के दाने भी खराब हो जाएंगे। अप्रैल के पहले हफ्ते दाने सुनहरे रंग के लगने शुरु हो जाते हैं। इसके साथ ही मौसम विभाग के अनुसार जिले में कई स्थानों पर बारिश और कई स्थानों पर धूप निकलने की संभावना है। 

खेतों में पानी इकट्ठा न होने दें किसान

खेतीबाड़ी विभाग के विशेषज्ञ नरेश गुलाटी ने बताया कि इस बारिश गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा रही है। एक ओर अप्रैल महीने में कटाई शुरू होनी है। इसके साथ ही इस समय बरसात के कारण जिन खेतों में पानी इकट्ठा हो गया है। किसानों को उस पानी को किसी न किसी तरीके से निकालना चाहिए ताकि दूध वाले दाने खराब न हों जो फसल बारिश और तेज हवा से गिर चुकी है और खराब हो चुकी है, किस जिले में कितनी फसल का नुकसान हुआ है इसका सर्वे बारिश रुकने के बाद किया जाएगा। 2015 में 76 एमएम और 2020 में लगभग 81 एमएम बारिश हुई। वैसे इस बार बारिश बहुत कम हुई है। बेमौसम बारिश हो रही है। यह हर फसल के लिए हानिकारक है।

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News Editor

Kalash

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