अनाज खाते मामले में पासवान ने स्वीकार किया कैप्टन अमरेंद्र का सुझाव

punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2019 - 09:16 PM (IST)

नई दिल्ली/चंडीगढ़ः केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा 31000 करोड़ रुपए के लम्बित पड़े अनाज खाते के मसले के हल के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ संयुक्त बैठक की अपील को स्वीकार कर लिया है। कैप्टन ने आज यहां पासवान के साथ बैठक की जिसके बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पासवान ने संसद के बजट सत्र के बाद बैठक की सहमति दी है। पासवान ने अतिरिक्त भंडारण क्षमता सृजन करने के लिए भी पंजाब को इजाजत देने की सहमति दी जिससे राज्य में इस रबी सीजन के दौरान फसल को भंडार करने की बड़ी कमी की समस्या से निपटा जा सके। इससे संबंधित कार्यवाही आरंभ की जाएगी। 

मुख्यमंत्री को गेंहूं के खरीद सीजन के दौरान राज्य में भारीे बेमौसमी बारिश से गेहूं के दानों को पहुंचे नुक्सान के लिए खरीद के मापदण्डों में ढील हासिल करने में भी सफलता मिली है। बैठक में उन्होंने 31000 करोड़ रुपए के अनाज खाते के मसले को भी उठाया और इसके शीघ्र हल के लिए पासवान के निजी दखल की भी मांग की। गेहूं के दानों को पहुंचे नुक्सान के सम्बध में कैप्टन ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि केन्द्र सरकार ने 9 जि़लों को 8 मई, 2019 से मापदण्डों में ढील की इजाजत दी थी जबकि इस समय तक तो बहुत सी खरीद मुकम्मल हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने केन्द्र को 26 अप्रैल 2019 को पत्र लिखकर राज्यभर में सीजन के दौरान गेहूं की खरीद की समुची मात्रा के लिए ढील मांगी थी। अनाज के भंडारण की गति धीमी होने पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने पासवान को बताया कि राज्य सरकार को अनाज के लिए भंडारण करने के बड़ी कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

उन्होंने बताया कि प्रांतीय एजेंसियों द्वारा इस समय 160 लाख टन गेहूं और 160 लाख धान की फसल का भंडारण किया गया जबकि 96 लाख टन गेहूं खुले में पड़ा है और एक साल से अधिक समय पहले खरीदा गया 10.5 लाख टन गेहूं का अभी तक खुले में भंडारण है। राज्य से अनाज को उठाने की गति धीमी होने के नतीजे के तौर पर राज्य को अगले साल गेहूं के वैज्ञानिक ढंग से भंडारण के लिए बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु, संसद सदस्य परनीत कौर, चौधरी संतोख सिंह और गुरजीत सिंह औजला, प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह उपस्थित थे।


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Mohit

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