केंद्रीय जेल में बीमार होने वाले कैदी मरीजों के लिए राहत भरी खबर

punjabkesari.in Wednesday, Sep 06, 2023 - 02:09 PM (IST)

अमृतसर: स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंद्रीय जेल में बीमार होने वाले कैदियों के लिए अहम फैसला लिया है। विभाग द्वारा अब जेल में से बीमार होकर आने वाले कैदी को जिला स्तरीय सिविल अस्पताल में दाखिल करने की सुविधा होगी। अस्पताल प्रशासन द्वारा इस संबंध में 6 बैड की विशेष वार्ड बनाकर 24 घंटे डाक्टर तथा कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। इससे पहले जेल से आने वाले बीमार कैदियों को गुरु नानक देव अस्पताल में भेजा जाता था।

जानकारी के अनुसार जिला स्तरीय सिविल अस्पताल में पहले केंद्रीय जेल से आने वाले बीमार कैदियों को दाखिल करने का कोई भी प्रावधान नहीं था। अस्पताल प्रशासन द्वारा एमरजैंसी में आने वाले कैदियों को गुरु नानक देव अस्पताल में रैफर कर दिया जाता था। अस्पताल के सीनियर मैडीकल अधिकारी डा. मदन मोहन व डा. स्वर्णजीत धवन द्वारा बीमार कैदी व मरीजों की सुविधा के लिए उन्हें अस्पताल में बेहतरीन सेवाएं देने का विशेष योजना के तहत फैसला किया है। डा. मदन मोहन व डा. धवन ने बताया कि अस्पताल में केंद्रीय जेल से आने वाले बीमार कैदियों को दाखिल करने का अब प्रावधान होगा। यदि मरीज को कोई गंभीर बीमारी होगी तो उसे गुरु नानक देव अस्पताल में रैफर किया जाएगा। 6 बैड की वार्ड बना दी गई है, जिसमें डॉक्टर तथा स्टाफ 24 घंटे ड्यूटी पर उपलब्ध होगा। इसके अलावा कैदियों के लिए बनाई गई 6 बैड की वार्ड में सुरक्षा के इंतजाम पुलिस प्रशासन द्वारा किए जाएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि पारदर्शी ढंग कैदियों को रखा जाएगा। इसके साथ ही कैदी को दाखिल करने से पहले यह जरूर डाक्टरों द्वारा जांच में यकीनी बनाया जाएगा कि कैदी को वाक्य ही कोई बीमारी है या कोई बहाना बनाकर वह दाखिल होने के लिए आया है। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार ही कैदियों को भर्ती किया जाएगा, यदि कोई भी कैदी नियमों की उल्लंघना करता पाया गया तो उसके खिलाफ अस्पताल प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन मरीजों की बेहतरीन के लिए नई वार्ड स्थापित कर रहा है। मरीज को बेहतरीन सेवाएं मिले यह अस्पताल प्रशासन की प्राथमिकता है। डा. धवन व डा. मदन मोहन ने बताया कि मरीज को बेहतरीन सेवाएं देने के लिए पंजाब व केंद्र सरकार द्वारा आयोजित प्रोग्राम में अस्पताल वशिष्ठ स्थान हासिल कर चुका है। अस्पताल की ओ.पी.डी. में प्रतिदिन 2000 के करीब जहां ओ.पी.डी. होती है, वहीं एक दर्जन के करीब एमरजैंसी में मरीज आते हैं।

बताने योग्य है कि जेल से आने वाले कई कैदी गुरु नानक देव अस्पताल के कुछ डाक्टर से सेटिंग करके बीमारी के नाम पर महीना अस्पताल में रहते थे। कई बार उनकी शिकायत भी हुई, परंतु अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें दोबारा जेल में भेज दिया जाता, परंतु सेटिंग के जरिए वह दोबारा अन्य वार्ड में आकर दाखिल हो जाते। कई कैदी तो ऐसे थे, जिन्हें भविष्य में कभी भी गंभीर बीमारी नहीं होती थी, परंतु जब वह जेल में जाते हैं तो गंभीर रूप से बीमार होकर रैफर होते ही गुरु नानक देव अस्पताल में आ जाते थे। सेटिंग के इस चक्कर में अस्पताल के कई डॉक्टर की कार्यशाली पर प्रश्नचिन्ह अभी तक लगा हुआ है। अब जिला स्तरीय सिविल अस्पताल प्रशासन द्वारा पारदर्शी ढंग से कैदियों को रखने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

 


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Content Writer

Vatika

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