थम नहीं रहा पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जबरन धर्म परिवर्तन व लव जिहाद का मामला

punjabkesari.in Saturday, Oct 31, 2020 - 07:54 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): वैसे तो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों हिंदुओं व ईसाइयों का शोषण कोई नई बात नहीं है लेकिन बीते कुछ दिनों दिनों में अल्पसंख्यक हिंदू व ईसाई लड़कियों को जबरन इस्लाम में धर्मांतरित करने का मामल ज्यादा आने लगा है। दुनिया पाकिस्तान के अल्पसंख्यक  विरोधी चरित्र को पहचानती है लेकिन पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बार फिर जिस तरह अदालत को गुमराह कर 13 साल की एक ईसाई लडक़ी आरजू राजा का 44 साल के एक अधेड़ ने अपहरण करने के बाद उसने जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवा उससे निकाह रचाया है वह बहुत ही शर्मनाक है। इस जोर जबरदस्ती के मामले को लेकर  पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं व ईसाईयों के साथ साथ ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट में भी आक्रोश है। ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट व शहीद भगत सिंह मैमोरियल फाऊंडेशन लाहौर के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक नाबालिग लडक़ी के साथ इस तरह के व्यवहार से पूरे विश्व के सामने पाकिस्तान की जगहंसाई हो रही है। 

अदालत में नाबालिगा की उम्र 13 साल की बजाए बताया है18 साल
ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट व शहीद भगत सिंह मैमोरियल फाऊंडेशन लाहौर के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी ने लाहौर से फोन परबताया कि आरोपी ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए नाबालिगा आरजू राजा  की उम्र 18 साल बताते हुए एक फर्जी विवाह प्रमाणपत्र तैयार करवाया। इस मामले के सामने आने के बाद कराची और इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। लडक़ी के परिजनों ने इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। पाकिस्तानी कोर्ट ने इस शादी के खिलाफ कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि लडक़ी के पति के अनुसार, उसने यह शादी अपनी मर्जी से की है। कागजों में भी लडक़ी की उम्र 18 साल बताई गई है।

अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का यह पहला मामला नहीं  
चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए बदनाम सिंध में यह पहली घटना नहीं है। जून के अंतिम हफ्ते में आई रिपोर्ट के अनुसार, सिंध प्रांत में बड़े स्तर पर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें मुस्लिम बनाए जाने का मामला सामने आया था। सिंध में 102 हिंदुओं को जबरन इस्लाम कबूल कराया गया।  इन लोगों में बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल थे। नाबालिग आरजू राजा के परिजन न्याय पाने के लिए दर दर की ठोकरें ख रहे हैं वहीं अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग भी की है।


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Mohit

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