2 बड़े कांग्रेसी नेताओं ने की गुप्त मीटिंग, राजनीति में छिड़ी नई चर्चा

punjabkesari.in Thursday, Mar 02, 2023 - 10:29 AM (IST)

पटियाला: पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद कैप्टन पीड़ित दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने जिला पटियाला में नए राजनैतिक समीकरण बनाने के लिए कमर कस ली है। बुधवार को पंजाब कांग्रेस के भीष्म पितामह माने जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री लाल सिंह ने पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविन्द्र सिंह के पटियाला स्थित निवास स्थान ‘सेवा सदन’ में पहुंच कर गुप्त मीटिंग की। दोनों नेता लगभग 3 घंटे इकट्ठे रहे और नए राजनैतिक समीकरणों पर चर्चा की। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के भाजपा में जाने के बाद लोकसभा चुनावों से पहले पटियाला की सांसद और कैप्टन अमरिन्द्र सिंह की धर्मपत्नी महारानी परनीत कौर भाजपा में जा सकती हैं और वह भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ सकती हैं।

ऐसे में पटियाला के कांग्रेस के गढ़ को बचाने के लिए लाल सिंह ने कमान संभाल ली है। लाल सिंह और बीर दविन्द्र सिंह दोनों वह नेता हैं जो 1998 में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को कांग्रेस में लेकर आए थे और कैप्टन को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाने में उन्होंने ही एक अहम रोल अदा किया था। 2002 में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में भी इनका अहम योगदान था। 2002 से 2007 वाली सरकार में बीर दविन्द्र सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाने की बजाय उनको डिप्टी स्पीकर लगा कर साइड पर कर दिया था। उस समय ही कैप्टन अमरिन्द्र सिंह और बीर दविन्द्र सिंह में जंग शुरू हो गई थी जो कि आज तक जारी है।

2017 के विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने लाल सिंह की टिकट कटवा कर उनको भी बड़ा राजनीतिक नुक्सान पहुंचाया था क्योंकि यदि 2017 में लाल सिंह विधानसभा चुनाव लड़ते तो कैप्टन की मुख्यमंत्री की कुर्सी को खतरा पैदा हो सकता था, इसलिए लाल सिंह को दूर रखा गया और लगातार 5 साल कांग्रेस सरकार होने के बावजूद भी उनकी पटियाला जिले में बिल्कुल नहीं चलने दी। कांग्रेस के इन दोनों दिग्गज नेताओं को कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने बहुत बड़ा राजनीतिक नुक्सान पहुंचाया था। अब नए राजनैतिक समीकरणों में दोनों नेता शायद एकजुट हो गए हैं। दोनों का यत्न है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में कैप्टन के परिवार को इस बार लोकसभा में जाने का मौका न मिले। 1998 से 2022 तक कैप्टन का एक छत्र राज रहा है, जिसके कारण पटियाला में कांग्रेसी लीडरशिप कमजोर हो गई थी। अब यह दिग्गज नेता एकजुट होकर जिले में कांग्रेस को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

लाल सिंह लगातार नवजोत सिंह सिद्धू को परमोट कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि सिद्धू ही कांग्रेस पार्टी को फिर से खड़ा कर सकते हैं। 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी बीर दविन्द्र सिंह के निवास स्थान पर आए थे परन्तु उस समय बीर दविन्द्र सिंह की बाइपास सर्जरी हुई थी, जिसके चलते वह एक साल तक बैड रैस्ट पर थे। शायद यही कारण है कि 2022 के विधानसभा चुनावों से वह दूर रहे जबकि चरणजीत सिंह चन्नी चाहते थे कि बीर दविन्द्र सिंह खरड़ से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े। अब इन दोनों नेताओं की बंद कमरे में मीटिंग ने पटियाला की कांग्रेसी राजनीति में एक नई चर्चा छेड़ दी है। बीर दविन्द्र सिंह और लाल सिंह दोनों ही घाग राजनीतिज्ञ हैं और उनको राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। दोनों की यह मीटिंग पंजाब कांग्रेस और आने वाले 2024 के लोकसभा चुनावों में क्या रंग दिखाएगी, यह आने वाला समय ही बताएगा।

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Content Writer

Sunita sarangal

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