यूक्रेन में ''मौत का मंजर'' देख भूखे-प्यासे विद्यार्थी यह कदम उठाने को हुए मजबूर

punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 01:10 PM (IST)

जालंधर (पुनीत): यूक्रेन में अब हर तरफ बमबारी हो रही है। कुछ इलाकों को लेकर मौत का ‘मंजर’ साफ दिखाई देने लगा है। सभी की जिंदगी उस समय तक खतरे में है जब तक वह वापिस अपने वतन नहीं पहुंच जाते। हालात यह हैं कि बार्डर पर 2 डिग्री तापमान है और सभी की नजरें ‘मंजिल’ की खोज कर रही हैं। दूर-दूर तक दिखाई न देने वाली मंजिल तक पहुंचने के लिए वह ‘भूखे-प्यासे’ कई-कई मील (किलोमीटर) तक पैदल चलने को मजबूर हैं जिससे वह सुरक्षित निकल सकें।

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हालत यह है कि यूक्रेन में फंसे और ज्यादा विद्यार्थियों के पास पैसे खत्म हो चुके हैं। कई बच्चों के माता-पिता उनको पैसे भेजने के लिए तैयार हैं परन्तु ए.टी.एम. में पैसा नहीं है और बैंक खुल नहीं रहे जिस कारण बच्चे पैसे निकलवाने में असमर्थ हैं। ऐसे हालात में उनको बहुत तंगी का सामना करना पड़ रहा है। पोलतावा स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से कई विद्यार्थी रविवार रात को बसों के जरिये 1200 किलोमीटर दूर रोमानिया बार्डर के लिए निकले। 7-8 घंटो के सफर के लिए 30 घंटे से अधिक समय लगा और वह मंगलवार सुबह बार्डर पर पहुंचे परन्तु वहां भी हालात बहुत खराब हैं। उनके आगे हजारों लोग खड़े हैं जिस कारण विद्यार्थी अब दूसरे इलाकों की तरफ रवाना होने को मजबूर हैं।

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पोलतावा स्टेट यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी, जोकि रोमानिया बार्डर से न उम्मीद होकर हंगरी आदि दूसरे बार्डर की तरफ रवाना हो रहे हैं, वह बता रहे हैं कि रोमानिया बार्डर पार करकेर आगे जाने के लिए 5 से 6 घंटे लगना तय है। आर्मी सभी को एकदम आगे जाने नहीं दे रही। उनका कहना है कि रोमानिया बार्डर पर विद्यार्थियों को आगे लेकर जाने के लिए कुछ बसें आ रही हैं परन्तु उनमें चढ़ने के लिए कईयों में हाथापाई तक की नौबत आ चुकी है। इनमें भारतीय विद्यार्थियों के अलावा पाकिस्तान भी मौजूद हैं जिस कारण धक्का-मुक्की में कई घायल भी हुए हैं।

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छात्रा तनुजा पटेल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बताया कि वहां बार्डर नजदीक पहुंचने के बाद कुछ किलोमीटर सफर तय करने में कई घंटो का समय लगा और वहां जाकर पता लगा कि शाम को एक फ्लाइट आएगी। जहां फ्लाइट आनी है, वहां तक पहुंचना आसान नहीं है। उसने बताया कि बार्डर पर हजारों विद्यार्थी खड़े हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में यूक्रेनी नागरिक भी वहां मौजूद हैं। कई विद्यार्थी पिछले 4-5 दिनों से बार्डर पर बैठे आगे जाने का इन्तजार कर रहे हैं। उनके कुछ दोस्तों को चैकिंग आदि के बाद बार्डर पार भेज दिया गया परन्तु उनको बसें नहीं मिल सकीं। इस कारण वह रोमानिया का बार्डर क्रास करके 2 डिग्री तापमान में भूखे-प्यासे कई-कई घंटे पैदल चलने को मजबूर हो रहे हैं।

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हंगरी बार्डर तक जाना भी आसान नहीं
व्हाट्सएप काल में विद्यार्थियों ने बताया कि बसों के जरिये रोमानिया बार्डर से हंगरी बार्डर की तरफ रवाना हुए हैं। यहां से हंगरी 100 किलोमीटर के लगभग है जिस कारण वह 1-2 घंटो में पहुंचने का अनुमान लगा कर बसों में बैठे हैं। विद्यार्थियों ने बताया कि यहां कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही क्योंकि हजारों विद्यार्थी बार्डर पर खड़े हैं। ऐसे में उनको हंगरी बार्डर से एक दोस्त ने फोन कर वहां आने के लिए कहा जिस कारण वह हंगरी के लिए निकल पड़े। 

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News Editor

Urmila

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