Lockdown खुलने के बाद श्री हरिमंदिर साहिब में लौटनी शुरू हुई रौनक

punjabkesari.in Tuesday, Jun 16, 2020 - 04:23 PM (IST)

अमृतसर (अनजान): लॉकडाऊन खुलने के बाद आज श्री हरिमंदिर साहिब में संगत की रौणक लौटनी शुरू हो गई है। चाहे इतनी संख्या में संगत नहीं थी, परन्तु फिर भी कुछ हद तक दर्शन करने आई संगत की हाजिरी महसूस की गई, परन्तु इसके साथ ही गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब, गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब, गुरुद्वारा कौलसर साहिब, गुरुद्वारा रामसर साहिब व गुरुद्वारा बिबेकसर साहिब में संगत की आमद न मात्र ही रही।

श्री हरिमंदिर साहिब संगत व सेवकों द्वारा मर्यादा संभालने के बाद श्री आसा जी दी वार उपरांत ग्रंथी सिंह द्वारा मुख्य वाक्य लिया गया, जिसकी कथा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में की गई। कथा वाचक ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में से पवित्र गुरबाणी के बेहागड़ा मोहल्ला 5 के छंत की कथा के अर्थ करते संगत के साथ गुरमति विचारों की सांझ डालते कहा कि हे तुच्छ पदार्थों (के मोह) में रत्ते हुए मानव (इस मोह के कारण) तुम्हारा जीवन दुखों के साथ भरता जा रहा है। हे पाप करने वाले सदा का तुम्हारा कोई भी साथी नहीं, तू हाथ मसलता ही बनेगा। भाई साहिब ने संगत को गुरबाणी विचार के आधार पर प्रेरित करते कहा कि जो मानव इस बड़ी मोह लेने वाली माया के साथ ही मस्त रहता है, वह श्रेष्ठ मनुष्य जन्म गवा लेता है।

श्री हरिमन्दिर साहिब के बाहर पाठी सिंह का चालान काटने पर संगत ने किया ऐतराज
बीते दिन श्री हरिमंदिर साहिब में पाठी सिंह की ड्यूटी कर रहा भाई तरसेम सिंह जब अपनी ड्यूटी पर जा रहा था तो घंटा घर के बाहर गलियारा पुलिस थाने के एक ए.एस.आई. द्वारा मुंह पर कपड़ा न बांधने पर उसका चालान काट दिया गया। पाठी सिंह अपनी ड्यूटी पर जा रहा था और उसके यह कहने के बावजूद कि वह ड्यूटी से लेट हो रहा है और ड्यूटी समय वह अपनी जेब में कोई पैसा नहीं रख सकते। पुलिस वाले ने एक न सुनी और आखिर उसे किसी से पैसे लेकर चालान की फीस भरनी पड़ी। इस संबंधी संगत ने ऐतराज जताते कहा कि यह ठीक है कि हर किसी को सेहत विभाग की हिदायतों के मुताबिक एतियाद इस्तेमाल करना चाहिए, परन्तु गुरुघर ही नहीं, बल्कि ओर भी धार्मिक स्थानों पर यदि किसी को जाने अनजाने मास्क या रुमाल पहनना भूल जाता है तो धार्मिक स्थान की सर्वोच्चता होने के कारण संगत या श्रद्धालुओं को सुचेत किया जा सकता है न कि चालान काटकर संगत की भावना को ठेस पहुंचानी चाहिए।


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