अकाली दल से निकाले जाने के बाद परमिन्दर ढींडसा का बड़ा बयान

punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2020 - 06:42 PM (IST)

संगरूर(बेदी): पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल अंदर जवाब का सामना करने का दम नहीं है। इस कारण बिना नोटिस भेज व बिना जवाब सुनने के सुखदेव सिंह ढींडसा व मुझे पार्टी में से निकालने की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई ने सुखबीर सिंह बादल की तानाशाही का पुख्ता प्रमाण दिया है। यहां सुखदेव सिंह ढींडसा की रिहायश में अकाली दल के सीनीयर नेताओं की मीटिंग हुई जिसमें परमिंदर सिंह ढींडसा पर दबाव डाला गया कि संगरूर अंदर जिला स्तरीय रैली की जाए ताकि सुखबीर बादल की तानाशाही का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।

ढींडसा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल का गौवरमयी इतिहास है, शिरोमणि अकाली दल एक विचारधारा है, एक सच है। यह सुखबीर सिंह बादल की जागीर नहीं है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल अंदर जमहूरियत व निष्पक्षता को बड़ी सेंध लगाई है। कुर्सी के लालचवश पार्टी के सिद्धांतों व विचारधारा को दाव पर लगा दिया। ढींडसा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल शिरोमणि अकाली दल का एकमात्र अध्यक्ष है जो प्रत्येक मामले पर फेल हुआ व पंथ का सही नेतृत्व नहीं कर सका। ढींडसा ने कहा कि संगरूर व बरनाला जिलों का बच्चा-बच्चा जानता है कि संगरूर रैली के लिए कौन-कौन से हथकंडे अपनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एकत्रित करने के लिए बड़े बादल का सहारा लेना पड़ा। 

ढींडसा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल को सियासत से वंछित करने के लिए अब प्रकाश सिंह बादल का सहारा नहीं बचा पाएगा क्योंकि शिरेामणि अकाली दल का प्रत्येक वर्कर सुखबीर सिंह बादल की नाकामियों व पंथ विरोधी कार्रवाईयों को समझ चुका है। ढींडसा ने सीनियर अकाली नेताओं के साथ पंथ हितैशी वर्करों की जिला संगरूर अंदर बड़ी रैली करने का विचार-विमर्श भी किया। अकाली दल ने बहुत से नेताओं ने गलत फैसले करने वाले सुखबीर सिंह बादल का अहंकार तोडऩे के लिए बड़ी रैली की जाए। अकाली नेताओं ने कहा कि 80 प्रतिशत लोग ढींडसा की सोच के साथ खड़े हैं जो इलाका संगरूर जिले अंदर बादलों की रैली से बड़ी रैली करने के लिए उत्साहित हैं। मीटिंग में इस महीने उसी जगह रैली करने का फैसला किया गया जहां बादल दल की रैली हुई थी। 

इस मीटिंग में अकाली दल के राष्ट्रीय सीनियर उपाध्यक्ष जत्थेदार रजिंदर सिंह कांझला, जनरल सचिव जत्थेदार गुरबचन सिंह बची, शिरोमणि कमेटी की प्रचार कमेटी के मैंबर हरपाल सिंह बहणीवाल, पीपीएसई के मैंबर सुखवंत सिंह सराओ, शिरोमणि कमेटी मैंबर हरदेव सिंह रोगला, मलकीत सिंह चंगाल, अजीत सिंह चंदूराईयां, पूर्व मंत्री अब्दुल गुफार, जीत सिंह सिद्धू, प्रितपाल सिंह हांडा, गुरचरन सिंह, जसविंदर सिंह प्रिंस, गुरतेज सिंह झनेड़ी, सोनी मंडेर, ज्ञान सिंह बावा, गुरजीत सिंह चांगली, महीपाल भूलण, प्रितपाल सिंह, लाजपत राए सुनाम, सुनीमा शर्मा सुनाम, भोला सिंह नेहरू अध्यक्ष, धरमिंदर सिंह मालवा उपाध्यक्ष, कुलविंदर घुम्मण, गुरतेज सिंह सर्कल अध्यक्ष, लखविंदर सिंह सर्कल अध्यक्ष, दीप बडरूखां, नरिंदर सिंह बहादरपुर सर्कल अध्यक्ष, परमिंदर सिंह जोर्ज, अवतार सिंह, ईश्वरमीत सिंह, गुरप्रीत सिंह सैंटी सहित भारी संख्या में अकाली वर्कर्ज मौजूद थे।


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Vaneet

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