राजकुमार की तरह पले-बढ़े राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा साबित हुए ट्रैडमिल वॉक : तरुण चुघ
punjabkesari.in Sunday, Apr 16, 2023 - 01:30 PM (IST)

जालंधर(अनिल पाहवा) : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने दावा किया है कि देश में विपक्ष के लोग मजबूत सरकार को हटाकर मजबूर सरकार बनाना चाहते हैं और इसके लिए करीब 2 दर्जन नेता ऐसे हैं, जो प्रधानमंत्री बनने का सपना पाले बैठे हैं। लेकिन देश की जनता प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के अलावा किसी को नहीं देखना चाहती क्योंकि पिछले 9 साल में जो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है, वह पहले कभी नहीं रही। तरुण चुघ ने राहुल गांधी से लेकर के.सी.आर. तथा अन्य नेताओं पर खुलकर हमला बोला। पेश है उनसे बातचीत के अंश:-
मोदी सरकार के 9 साल कैसे बेहतर?
देश में 9 साल से बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में है, जो किसी राजा के बेटे नहीं, बल्कि एक सामान्य परिवार से हैं। लोगों ने उन्हें बहुमत दिया और देश का प्रधान सेवक बनाया। 9 साल के कार्यकाल में उन्होंने गरीबों के लिए मैडीकल इंश्योरैंस, भोजन, घरों में शौचालय जैसी सुविधाएं तो दी ही, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। कभी हाथ फैलाकर खड़ा रहने वाला भारत आज विश्व को कई तरह से मदद कर रहा है। चाहे वह कोरोना की वैक्सीन का मामला हो या देश के पास मौजूद तकनीकी विशेषता, जिसे वह अन्य देशों के साथ शेयर कर रहा है। यह पहले भारत में कभी नहीं हुआ और ऐसा केवल प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ही संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री के कारण ही भिखारियों तथा सपेरों का देश कहा जाने वाला भारत आज विश्व में सम्मान हासिल कर रहा है।
दक्षिण में क्यों नहीं मिल रही सफलता?
ऐसा नहीं है कि भाजपा को दक्षिण में सफलता नहीं मिल रही। पार्टी लगातार आगे बढ़ रही है। कर्नाटका में सरकार बनी और फिर वहां सरकार बनेगी। आने वाले समय में तेलंगाना में चुनाव होगा तो वहां पर के. चंद्रशेखर राव की पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, लोग बदलाव चाहते हैं और अब आने वाले समय में बदलाव देखने को मिलेगा। चंद्रशेखर राव जैसे लोग सी.एम. तो बन गए, लेकिन उन्होंने आज तक कभी मुख्यमंत्री कार्यालय में कदम ही नहीं रखा।
राहुल गांधी की राजनीति पर क्या कहेंगे?
राहुल गांधी एक जन्म से पैदा राजा हैं, जिसे बचपन से ही यह पढ़ाया जाता रहा कि तुम राजकुमार हो, तुम ही राजा बनोगे। राहुल गांधी खुद को राजा ही समझ बैठे, लेकिन यह भूल गए कि भारत लोकतंत्र का देश है, यहां पर वह दौर खत्म हो गया, जब यहां राजा-महाराजा होते थे, अब तो प्रधान सेवक का दौर है। वैसे राहुल गांधी को कांग्रेस का डिजनी प्रिंस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। चार बार उन्हें देश की राजनीति में लांच किया गया और हैरानी की बात है कि वह सफल नहीं हो पा रहे। क्योंकि उनकी परवरिश एक राजकुमार के तौर पर हुई है और पार्टी को चलाने की उनमें क्षमता नहीं है।
भारत जोड़ो यात्रा को कितना सफल मानते हैं आप?
राहुल गांधी की यह यात्रा नहीं, बल्कि ट्रैडमिल वॉक थी, जो राहुल गांधी को कोई फायदा नहीं देकर गई। उल्टा इस यात्रा का राहुल गांधी को नुक्सान हुआ। पार्टी के कई नेता कांग्रेस छोड़ गए, यात्रा के दौरान भी सिर्फ 100 के करीब लोग ही उनके साथ होते थे, बाकी 2000 के करीब तो पुलिस कर्मचारी ही साथ रहते थे। कुल मिलाकर उनकी यात्रा फ्लाप ही रही।
राहुल गांधी को अदालत से मिली सजा पर क्या कहना है आपका?
राहुल को लगता था कि देश में नेहरू, गांधी ही सबसे ऊपर है, इसके अलावा देश में कुछ नहीं है। अदालत के फैसले ने उनका यह भ्रम तोड़ दिया और आज यह हालत हो गई कि उन्हें अदालत ने सजा तो सुनाई ही, साथ ही संसद सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ा। क्योंकि राहुल गांधी को बचपन से ही राजकुमार वाली फीलिंग आ रही थी और उन्हें लगता था कि कानून उनका कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा, लेकिन देश के संविधान और कानून की ताकत उन्हें शायद अब पता चली है।
अडानी के नाम भाजपा को घेर रहा विपक्ष?
यह कांग्रेस की गलत और झूठी मूवमैंट थी और खुद कांग्रेस के लोगों ने इसे गलत करार दिया है। मैं तो कहता हूं कि इस मामले में राहुल गांधी तथा कांग्रेस को बकायदा माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने देश की सबसे बड़ी पंचायत के तौर पर आंकी जाती संसद का समय व्यर्थ किया है।
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे चुनाव?
गांधी, नेहरू, अब्दुल्ला तथा मुफ्ती ये चार परिवार हैं, जिन्होंने जम्मू कश्मीर को खूब लूटा। विकास नहीं होने दिया। 1989 में कश्मीरी पंडितों का जो हाल किया गया, वह सबको पता है। टैरेरिज्म कल्चर को खूब बढ़ावा दिया, लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर को लेकर जो योजना बनाई, वह सफल होती दिख रही है। पंचायत और डी.डी.सी. के चुनाव हो चुके हैं, परिसिमन तय हो रहे हैं, वोट बन रहे हैं, मुझे लगता है कि 3-4 महीनों में जम्मू-कश्मीर में चुनाव का दौर देखने को मिलेगा। वहां पर भाजपा ने टैरेरिज्म कल्चर खत्म कर टूरिज्म कल्चर को दोबारा बढ़ाया है। आज हालात यह हैं कि वहां पर लोगों को होटल में कमरे नहीं मिलते, क्योंकि वे फुल पैक्ड रहते हैं। जम्मू कश्मीर एक ऐसा राज्य है, जहां की शत प्रतिशत जनता को मुफ्त मैडीकल इंश्योरैंस की सुविधा है।
बठिंडा मिलिट्री स्टेशन पर हमला किसकी साजिश?
बठिंडा में मिलिट्री स्टेशन पर जो हमला हुआ, वह निंदनीय था। केंद्रीय जांच एजैंसियां इसकी जांच कर रही हैं। इस पर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन पंजाब की जहां तक बात है, राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब हो रही है। गैंगस्टर्स और रंगदारी की नई इंडस्ट्री पनपनी शुरू हुई है, जिसके कारण लोगों को धमकियां आ रही हैं, लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं, उनकी हत्याएं की जा रही हैं। पंजाब की जांबाज पुलिस को यहां की आम आदमी पार्टी की सरकार ने दबाव में रखा हुआ है और उसे अपना काम करने नहीं दिया जा रहा। पहले जेलों से गैंगस्टर हत्या करवाते हैं और अब तो जेलों में स्टूडियो बन गए हैं, जहां से सरेआम इंटरव्यू चल रहे हैं।
पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार के एक साल पर क्या कहेंगे आप?
मुझे याद है कि राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान जब सांसद हुआ करते थे तो बकायदा चुटकुले सुनाया करते थे कि कोठियों में अटैची पहुंच रहे हैं। माफिया चल रहा है। वह दावा करते थे कि पंजाब में जितना माफिया है, वह सब आम आदमी पार्टी खत्म कर देगी, लेकिन मेरा सीधा सवाल है कि आज पंजाब में केबल, रेत, ट्रांसपोर्ट माफिया पावरफुल हो रहा है तो अब किस कोठी में अटैची पहुंच रहे हैं। सी.एम. मान तो खुद माफिया खत्म करने की बात करते थे, फिर यह पावरफुल कैसे हो गया। जहां तक सरकार की बात है तो बेटियों को 21000 शगुन, महिलाओं को 1000 प्रति माह देने की योजनाएं कहां हैं। बिजली की ही 10000 करोड़ की सब्सिडी पावरकाम को नहीं मिल रही है। स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट में घोटाले हो रहे हैं, लेकिन कोई जांच नहीं हो रही है।
दिल्ली सी.एम. केजरीवाल को सी.बी.आई. के नोटिस पर क्या कहेंगे आप?
कानून अपना काम करता है, जांच एजैंसी को अगर कुछ सुबूत मिले होंगे तभी वह आगे की कार्रवाई करती है। केजरीवाल को भी अगर बुलाया गया है तो कुछ तो कारण होगा। वैसे यह बात तो साफ ही है कि दिल्ली के शराब घोटाले में अटैची इधर से उधर हुए, यह सब बातें तो खुद गवाह बोल रहे हैं। मोबाइल तोड़े जाने से लेकर अटैचियों के आदान प्रदान के सबूत मिल रहे हैं। मेरा तो एक सवाल है कि अगर जांच एजैंसियां कहीं धक्का कर रही थीं तो फिर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा सत्येंद्र जैन को अदालत से जमानत क्यों नहीं मिल रही। कुछ तो कारण होगा।
जालंधर चुनाव पर क्या कहेंगे आप?
जालंधर में लोकसभा उपचुनाव के दौरान भाजपा को सफलता मिलना तय है, कारण यह है कि कांग्रेस तथा अकाली दल के साथ-साथ अब तो लोग आम आदमी पार्टी को भी देख चुके हैं। संगरूर के चुनावों ने यह साबित कर दिया था कि पंजाब के लोगों ने जो दावे देखकर वोट किया था, वे पूरे नहीं होने वाले और यही कारण है कि जालंधर की सीट पर भाजपा की जीत निश्चित है।