पाकिस्तान में बैठकर आतंकी पंजवड़ भारत में फैला रहा था आतंक, खुफिया एजेंसियों ने तैयार कर रखी थी पूरी कुंडली

punjabkesari.in Sunday, May 07, 2023 - 04:07 PM (IST)

जालंधर: पाकिस्तान में लाहौर के जौहर टाउन में शनिवार के दो अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (के.सी.एफ.) के प्रमुख परमजीत पंजवड़ की हत्या का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (के.एल.एफ.) के चीफ आतंकी हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी की जनवरी 2020 में पाक के लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लाहौर के डेरा चहल साहिब से सट गुरुद्वारा बेबे नानकी के बाहर उसे भी 2 बाइक सवारों ने गोलियां मारी थीं। वर्तमान में के.सी.एफ. का एकमात्र जीवित और सक्रिय गुट परमजीत सिंह पंजवड़ के नेतृत्व वाला गुट ही था। वर्तमान में संगठन की पहचान के.सी.एफ.- पंजवड़ के रूप में की जाती है।

जानकारी के मुताबिक भारत सरकार ने पाकिस्तान ने परमजीत पंजवड़ सहित करीब 20 आतंकवादियों का प्रत्यर्पण करने के लिए कहा था, लेकिन पाकिस्तान उनकी उपस्थिति से इनकार करता रहा। पाकिस्तानी एजेंसी आई.एस.आई. इन खालिस्तानी आतंकियों को भारत को सौंपने के बजाय उन्हें कश्मीर और पंजाब में आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल करता रहा है। इन दोनों संगठनों की भारत की खुफिया एजेंसियों ने पूरी कुंडली तैयार कर रखी है।

के.सी.एफ. का गठन और मकसद

के.सी.एफ. मनबीर सिंह चाहरू के नेतृत्व में अगस्त 1986 में पंथिक कमेटी और दमदमी टकसाल के सहयोग से किया गया था। के.सी.एफ. को मई 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान उसके नेता जनरल लाभ सिंह की हत्या के बाद गंभीर झटका लगा था। 1988 में उसकी मृत्यु के बाद कंवलजीत सिंह सुल्तानविंड संगठन के नेता बन गए, लेकिन 1989 में उनकी मृत्यु हो गई थी। 1990 में पंजवड़ पाकिस्तान भाग गया था और उसने के.सी.एफ. की कमान संभाली थी। सबसे हिंसक आतंकवादी समूहों में से एक के.सी.एफ. का उद्देश्य सभी अलगाववादी खालिस्तानी आतंकवादी समूहों को मजबूत करना और 'सिख होमलैंड' बनाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करना था।

पंजवड़ की निगरानी में आतंकी थे कैंप

नशीली दवाओं की तस्करी के.सी.एफ. के लिए आय का एक अन्य स्रोत है। यह बताया गया है कि पंजवड़ ड्रग्स तस्करी में शामिल कम से कम छह तस्कर समूहों के संपर्क में था। जुलाई 2003 में पाकिस्तानी सेना ने एक रेजिमेंट '11 सिख' बनाई थी, जिसने पंजाबी बोलने वाले मुस्लिम युवकों की भर्ती की और उन्हें प्रशिक्षित किया गया था। पी.ओ.के. के मुजफ्फराबाद में प्रशिक्षण दिए जाने के दौरान, परमजीत पंजवड़ नियमित रूप से प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया करता था।

आतंकियों की कितनी है संख्या

खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि के.सी.एफ. के 53 विदेशी आतंकी हैं। के.सी.एफ. के शीर्ष नेता जैसे जगजीत सिंह उर्फ बिल्ला उर्फ सैनी अमरीका में रहते हैं। 1995 की एक रिपोर्ट के अनुसार के.सी.एफ. के पास 65 कैडर की संख्या थी। वर्तमान कैडर की संख्या अज्ञात है।

कार्यप्रणाली और हथियार

के.सी.एफ. को पाकिस्तान ने मोर्टार, ए.के. 47 राइफल, ग्रेनेड और स्टेनगन सहित परिष्कृत हथियार दे रखे थे। के.सी.एफ. द्वारा मुख्य रूप से गैर खालिस्तानी सिखों, हिंदुओं और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सी.ए.पी.एफ.) के जवानों को निशाना बनाया गया था। के.सी.एफ. के पास एक केंद्रीकृत नेतृत्व संरचना थी, जिसमें उग्रवादियों को 'लेफ्टिनेंट जनरल' के पदनाम के साथ ऑपरेशन के एक विशिष्ट क्षेत्र का प्रभार सौंपा गया था। उनके अधीन एक 'एरिया कमांडर' होता था, जो 'लेफ्टिनेंट जनरल' के निष्प्रभावी होने पर ऑपरेशन की कमान संभालता था।

आतंकी दौर में कहां था के.सी.एफ. सक्रिय

के.सी.एफ. कथित तौर पर कनाडा, ब्रिटेन और पाकिस्तान में मौजूद है। इसे पश्चिमी यूरोप और अमरीका में खालिस्तानी हमदर्दी का संरक्षण भी प्राप्त है। के.सी.एफ. नेता परमजीत सिंह पंजवड़ पाकिस्तान में रहते थे। खालिस्तानी आतंकवाद के सक्रिय चरण के दौरान के.सी.एफ. पंजाब, गंगा-नगर (राजस्थान), दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में सक्रिय था। हालांकि पंजाब में के.सी.एफ. गतिविधि गुरदासपुर, कपूरथला, अमृतसर और अन्य जिलों में रिपोर्ट की गई थी।

कैसे होती थी फंडिंग

के.सी.एफ. के संरक्षक पश्चिम यूरोप और संयुक्त राज्य अमरीका में रह रहे हैं, और संगठन के लिए धन का एक स्रोत है। दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (एसएटीपी) की रिपोर्ट के मुताबिक के.सी.एफ. कथित तौर पर सिख कल्चरल सोसाइटी गुरुद्वारा, रिचमंड हिल, न्यूयॉर्क से दान प्राप्त करता रहा है। डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरु राम रहीम की हत्या के लिए के.सी.एफ. ने कथित तौर पर अमरीका और कनाडा के गुरुद्वारों से 100,000 अमरीकी डालर एकत्र करने में कामयाबी हासिल की थी। बैंक लूट भी उग्रवादियों के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Sunita sarangal

Related News