रक्षा मंत्रालय ने विभिन्न रक्षा स्थानों के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र को 100 मीटर से घटाकर किया इतना

punjabkesari.in Friday, Feb 17, 2023 - 06:35 PM (IST)

मुल्लांपुर दाखा (कालिया): राज्यसभा में संजीव अरोड़ा द्वारा उठाए सवालों का रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जवाब दिया है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा है कि लुधियाना के बद्दोवाल, अयाली कलां और झंडे गांवों में भूमि अधिग्रहण के संबंध में कोई मुआवजे का मामला लंबित नहीं है। उन्होंने यह जवाब 13 फरवरी को राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद (राजसभा) संजीव अरोड़ा द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। शुक्रवार को यहां एक बयान में अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा में बद्दोवाल की जमीनों के मालिकों को मुआवजे का सवाल उठाया था। बद्दोवाल (लुधियाना) के भूमि मालिकों को 1983 से रक्षा उद्देश्यों के लिए अधिग्रहित भूमि के बकाए का भुगतान करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा।

इसके जवाब में रक्षा राज्य मंत्री ने जवाब दिया कि लुधियाना के बद्दोवाल, अयाली कलां और झंडे गांवों में स्थित गोला बारूद उप-डिपो के लिए 696.5251 एकड़ जमीन साल 1966-67 तथा 1980-81 में संबंधित जमीन मालिकों को मुआवजे के रूप 35,13,129 रुपए में भुगतान करके अधिग्रहम की गई थी। इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय द्वारा जमीन मालिकों को 18,87,896 रुपए का बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया। जैसा कि डी.जी.डी.ई द्वारा रिपोर्ट किया गया है, उक्त भूमि अधिग्रहण के संबंध में डिफैंस एस्टेट अधिकारी, जालंधर सर्किल के कार्यालय के पास कोई मुआवजा मामला लंबित नहीं है।

एक अन्य सवाल में अरोड़ा ने पूछा कि क्या सरकार सैन्य स्थापनाओं के आसपास के सुरक्षा जोन के क्षेत्र को कम करने की योजना बना रही है ताकि किसान और जमीन मालिक अधिक समझदारी ढंग से भूमि का उपयोग कर सकें। इस सवाल के जवाब में मंत्री ने जवाब दिया कि रक्षा मंत्रालय ने अपने पत्र दिनांक 23 दिसंबर, 2022 के द्वारा उक्त पत्र में सूचीबद्ध विभिन्न स्थानों पर रक्षा प्रतिष्ठानों की परिधि के आसपास के प्रतिबंधित क्षेत्र को 100 मीटर से घटाकर 50 मीटर कर दिया है। उक्त पत्र में सूचीबद्ध नहीं किए गए स्थानों के लिए, सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंधित दूरी को अपरिवर्तित रखा गया है। प्रतिबंधित क्षेत्र के भीतर निर्माण गतिविधियों को करने के लिए स्थानीय सैन्य प्राधिकरण से एनओसी की आवश्यकता होती है।

इस बीच, आज यहां अपने बयान में अरोड़ा ने कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्थानीय सैन्य प्राधिकरण से एन.ओ.सी प्राप्त करना भूस्वामियों के लिए आसान काम नहीं है। इस प्रकार, ऐसी भूमि भू-स्वामियों के लिए लगभग कोई उद्देश्य नहीं रखती है यदि उन्हें सीमित क्षेत्र के भीतर निर्माण गतिविधियों को करने की अनुमति नहीं है। इसलिए उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावित भूस्वामियों को उचित मुआवजा देकर इन जमीनों का अधिग्रहण करे।

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News Editor

Kamini

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