पंचायती जमीन में बहु करोड़ी घोटाले की आशंका, कई शक के घेरे में

punjabkesari.in Tuesday, Jun 14, 2022 - 03:53 PM (IST)

लुधियाना(खुराना): पंजाबी का एक मशहूर मुहावरा सच होता नजर आ रहा है कि ‘जिन्हा ने खादे मुर्गे ओह ही मारण गे बांगा’ क्योंकि भगवंत मान सरकार ने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर करोड़ों का घोटाला करने वाले भू माफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है।

असल में पूरा मामला जुड़ा हुआ है गांव जगीरपुर में पड़ती पंचायती जमीन के बहू करोड़ी घोटाले से, जिसमें आरोप है कि गांव में कुल 52 किले पंचायती जमीन थी जिस पर लगातार भू माफिया कब्जे कर जमीनों को आगे बेचता चला आ रहा है और अब मौजूदा समय में यहां करीब 8 किले सरकारी जमीन ही बची है। गांव के पूर्व सरपंच दिलबाग सिंह गिल ने आरोप लगाए हैं कि मामला पिछले कई वर्षों से सरकारी फाइलों में धूल फांक रहा है लेकिन अब जिस प्रकार से राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल द्वारा भू माफिया के खिलाफ जबरदस्त एक्शन लिया जा रहा है। उसे देख गांव वासियों को उम्मीद बंधी है कि सरकार गांव की जमीन को कब्जा मुक्त करवाने सहित आरोपियों को सलाखों के पीछे धकेलने में अब देरी नहीं लगाएगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों दौरान ही पंचायत की 44-45 किले जमीन पर भू माफिया ने अवैध कब्जे कर न केवल कॉलोनियां निकाली बल्कि गांव से गुजरते बरसाती पानी की निकासी वाले नाले को भी बेच डाला जिसमें सरकार को कई सौ करोड़ का चूना लगाया है। मामले को लेकर तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई वीडियो क्लिप में गिल ने आरोप लगाए हैं कि गांव में सक्रिय भू माफिया ने सोची समझी साजिश के तहत पंचायती जमीन की अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर अलॉटमैंट करवा कर जमीन आगे बेच दी है जबकि नियमों के मुताबिक पंचायती जमीन की अलॉटमैंट हो ही नहीं सकती है। यहां गांववासियों का आरोप है कि विभाग में फैला भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी का सिस्टम इतना पावरफुल है कि पिछले करीब 15 वर्षों से उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है क्योंकि भू माफिया के रूप में सक्रिय कॉलोनाइजर्स के हाथों में विभाग के अधिकतर बी.डी.पी.ओ. कठपुतलियां बनकर नाच रहे है।


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Vatika

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