पंजाब के इस जिले में फैला खतरनाक Virus, बड़ी संख्या में लोग हो रहे प्रभावित

punjabkesari.in Tuesday, Nov 25, 2025 - 05:47 PM (IST)

बठिंडा (विजय): बठिंडा शहर में चिकनगुनिया वायरस कहर बरपा रहा है, जिससे हर दूसरा घर इससे प्रभावित दिख रहा है, जबकि सेहत विभाग आंकड़ों पर पर्दा डाल रहा है और सही आंकड़े पेश नहीं किए जा रहे हैं। शहर में चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ने से हालात ये हैं कि कई वार्डों और कॉलोनियों में हर दूसरा घर इस बीमारी की चपेट में आ चुका है। तेज बुखार, जोड़ दर्द और शरीर टूटने की शिकायतें इतनी बढ़ गई हैं कि लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इसके बावजूद जिला स्वास्थ्य विभाग वास्तविक स्थिति को उजागर करने की बजाय आंकड़े कम दिखाने की कोशिश में जुटा है।

शहर के मोहल्लों का हाल यह है कि एक ही गली में 5 से 10 लोग चिकनगुनिया से पीड़ित मिल रहे हैं। तेज बुखार उतरने के बाद भी मरीज महीनों तक जोड़ दर्द से परेशान हैं। कई लोग बिस्तर से उठ नहीं पा रहे, जिससे उनका कामकाज और जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। स्थानीय डॉ. सौरभ का कहना है कि चिकनगुनिया विशेष मच्छर से होने वाला वायरस जनित रोग है, जो बहुत तेजी से फैलता है। उन्होंने कहा कि इसका कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन लोग एंटीबायोटिक खाकर घर पर ही इसका इलाज करने की कोशिश करते हैं, जो गलत और खतरनाक है। इसके चलते मामलों की असली संख्या पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि बीमारी इस समय मनसा और सुनाम क्षेत्र में अधिक फैल रही है। पहले यह बीमारी दक्षिण भारत में ज्यादा होती थी, लेकिन अब उत्तर भारत में भी इसका वायरस तेजी से फैल चुका है।

जिला स्वास्थ्य विभाग के एस.एम.ओ. डॉ. उमेश गुप्ता ने कहा कि चिकनगुनिया एवं डेंगू से बचाव का सबसे बड़ा तरीका फॉगिंग, लारवा नष्ट करना और सफाई में तेजी लाना है। उन्होंने कहा कि केवल सरकार ही नहीं, सामाजिक संस्थाओं और निजी अस्पतालों को भी आगे आना चाहिए। डॉ. गुप्ता के अनुसार नगर निगम व अन्य टीमें यदि लगातार फॉगिंग करें और गलियों-सड़कों पर पानी जमा न होने दें तो बीमारी को काफी हद तक रोका जा सकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि चिकनगुनिया से न सिर्फ बुखार और जोड़ दर्द बढ़ रहा है, बल्कि त्वचा संबंधी समस्याएं भी तेजी से दिख रही हैं। अस्पतालों में ऐसे मरीज आम मिल रहे हैं जिनकी त्वचा उतर रही है, शरीर पर दाने निकल रहे हैं और लाल चकत्ते बन रहे हैं। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में ये लक्षण ज्यादा गंभीर रूप ले रहे हैं।

शहर में जमा गंदा पानी मच्छरों के लिए अनुकूल

शहर में कई जगहों पर गंदा पानी जमा है, जो एडीज मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल स्थल बन चुका है। यह मच्छर दिन के समय काटता है, जिससे लोग सुबह और दोपहर में भी संक्रमित हो रहे हैं। लोगों ने आरोप लगाया है कि नगर निगम की ओर से फॉगिंग और नालियों की सफाई समय पर नहीं की गई, जिसके कारण बीमारी ने तेजी से पैर पसारे।

चिकनगुनिया का सबसे बड़ा इलाज बचाव

विशेषज्ञों के अनुसार बचाव ही चिकनगुनिया का सबसे बड़ा इलाज है। घरों में पानी जमा न होने देना, मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल, खिड़कियों पर जाली लगाना और दिन में भी मच्छरों से सतर्क रहना जरूरी है। इसके साथ ही तेज बुखार और जोड़ दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है, ना कि एंटीबायोटिक का मनमर्जी सेवन करना। विशेषज्ञों के अनुसार बठिंडा में चिकनगुनिया अब गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। जहां लोग दर्द से जूझ रहे हैं, वहीं प्रशासन और विभागीय सुस्ती स्थिति को और खराब कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि पारदर्शी आंकड़े, तेज फॉगिंग और सफाई अभियान ही इस बीमारी से राहत दिला सकते हैं।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kalash

Related News