वॉल्वो बसों के कमाई वाले कई रूट बंद, हो रहा बड़ा नुकसान

punjabkesari.in Thursday, Jan 21, 2021 - 01:24 PM (IST)

होशियारपुर(मिश्रा): यात्रियों को बेहतर यातायात सुविधाएं देने और निजी बस माफिया को कंपटीशन देने के मकसद से शुरू की गई पंजाब रोडवेज की वॉल्वो बसें अब रोडवेज के लिए ही बड़ी मुसीबत बनती नजर आ रही है। पंजाब रोडवेज पिछले लगभग 10 महीने से अपनी वॉल्वो बसों के फ्लीट का 100 फीसदी परिचालन नहीं कर पा रही है। वॉल्वो बसें बैंकों से ऋण लेकर खरीदी गई थी और अब हालात ऐसे बन गए हैं कि बैंकों की किस्तें अदा करने के लिए रोडवेज को अपनी जमा पूंजी निकालनी पड़ रही है।

वॉल्वो बसों का संचालन शुरू न हो पाने की वजह यह है कि पंजाब रोडवेज वॉल्वो के मुनाफे वाले तमाम रूट फिलहाल बंद ही पड़े हुए हैं। पंजाब रोडवेज के विभिन्न डिपो की तरफ से अपनी अधिकतर वॉल्वो बसों का परिचालन दिल्ली रूट पर ही किया जा रहा था, लेकिन किसान आंदोलन के चलते दिल्ली रूट लगभग 2 महीने से बंद पड़ा हुआ है। पंजाब रोडवेज की तरफ से पंजाब के विभिन्न शहरों से चंडीगढ़ तक की वॉल्वो सेवा भी शुरू की गई थी, लेकिन यात्री न मिल पाने की वजह से वह भी सफल नहीं हो पाई।

निजी कंपनी की वॉल्वो बसें दौड़ रही लाभकारी रूटों पर
गौरतलब है कि गर्मी के मौसम में तो भारी संख्या में यात्री एयर कंडीशनर वॉल्वो बसों में सफर करते हैं, लेकिन सर्दियों में संख्या में भारी गिरावट आ जाती है। इसका सीधा असर कमाई पर भी पड़ता है। यहां यह भी काबिलेजिक्र है कि पंजाब रो़डवेज की वॉल्वो बसें भले ही अभी तक नहीं चल रही, लेकिन निजी कंपनी की वॉल्वो बसें धड़ल्ले से सबसे लाभकारी दिल्ली रूटों पर दौड़ती रही हैं। 

कोरोना महामारी के बाद से थमे है वॉल्वो बसों के पहिए
गौरतलब है कि वॉल्वो बसों के शीशे फिक्सड होने की वजह से हवा अंदर नहीं पहुंच पा रही है और मात्र एक दरवाजा होने के चलते मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं। वॉल्वो बसें मार्च में कोरोना महामारी फैलने के बाद से चलाई नहीं गई हैं। इसी दौरान भारी गर्मी और उमस भरे बरसात का मौसम भी निकला है। देखरेख न होने की वजह से बसों के अंदर सीटों के खराब होने व बदबू आने की संभावना है। बिना कमाई के खड़ी बसों की ऋण वापसी भी रोडवेज के लिए एक बड़ी चुनौती है। पंजाब रोडवेज प्रबंधन की तरफ से अपनी जमा-पूंजी में से पैसा निकाल कर किस्तों की अदायगी की जा रही है। अक्तूबर में ही कुछ वॉल्वो बसों को कुछ दिन के लिए चलाया गया था, लेकिन उसके बाद दोबारा इन बसों का संचालन पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिलने से बंद हो गया है। 


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Sunita sarangal

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