GST को लेकर पंजाब का व्यापारी आंदोलन की तैयारी में, चुनाव में कांग्रेस को खानी पड़ सकती है मुंह की

punjabkesari.in Tuesday, Sep 19, 2017 - 12:07 AM (IST)

जालंधर(रविंदर शर्मा): जिस जी.एस.टी. की वकालत प्रदेश कांग्रेस व कांग्रेस सरकार के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ख्रुलकर कर रहे थे, अब उसी जी.एस.टी. को लेकर उनके सुर बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। पंजाब पहला राज्य था, जिसने सबसे पहले जी.एस.टी. की वकालत करते हुए इसे हरी झंडी दी थी। मगर इसी जी.एस.टी. ने राज्य को आॢथक कंगाल बना दिया है। जिन सरकारी मुलाजिमों को हर महीने की पहली तारीख को सैलरी दे दी जाती थी, उन्हें 15 तारीख बीत जाने के बाद भी सैलरी नहीं दी गई है। दूसरी तरफ जी.एस.टी. के जाल में फंसा व्यापारी अपना कारोबार खो रहा है। मगर उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसको लेकर व्यापारी व उद्योगपति आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। 


सरकारी मुलाजिमों व व्यापारियों के आक्रोश को देखते हुए अब वित्त मंत्री अपने सुर बदलते हुए कहते हैं कि जी.एस.टी. को देश भर में जल्दबाजी में लागू किया गया है। इसका तुरंत फायदा केंद्र सरकार को तो जरूर हो रहा है, मगर राज्यों को जल्दी टैक्स रिफंड न करने से आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र जल्द ही रिफंड जारी करेगा। 


व्यापारियों ने खुलकर चेतावनी दी है कि हर बार उन्हें ही ठगा जाता है और चोर ठहराया जाता है, जबकि देश के टैक्स में सबसे ज्यादा योगदान व्यापारियों व उद्योगपतियों का होता है। व्यापारी कहते हैं कि जी.एस.टी. में अभी इतनी जटिलता है कि कुछ भी समझ नहीं आ रहा है और राज्य सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी है। व्यापारी वर्ग का यहां तक कहना है कि प्रदेश के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल से कई मुलाकात व कई ज्ञापन देने के बाद भी किसी समस्या का हल नहीं निकल रहा है और ऐसे लग रहा है कि राज्य में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है। प्रदेश में लगातार सरकारी मुलाजिमों व व्यापारियों के बढ़ते गुस्से के बाद अब वित्त मंत्री घबराए हुए नजर आ रहे हैं। जी.एस.टी. की वकालत करने वाले वित्त मंत्री अब खुद मान रहे हैं कि इससे व्यापारी वर्ग को बेहद परेशानी आ रही है और एक-एक रिटर्न भरने में कई दिन लग रहे हैं। 


पहले ही वैट टैक्स रिफंड न मिलने से नाराज व्यापारी वर्ग अब प्रदेश भर में आंदोलन की तैयारी में है। अगर व्यापारी व उद्योगपतियों के साथ सरकारी मुलाजिमों ने भी सरकार के प्रति आंखें तरेरी तो आगामी गुरदासपुर उप चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ सकती है। इससे प्रदेश भर में कांग्रेस की साख गिरेगी और सरकार पर लोगों का विश्वास कम होगा। 


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