प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंची इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की धोखाधड़ी के मामले की गूंज

punjabkesari.in Friday, Dec 06, 2019 - 11:40 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की बदहाली और कर्जे एक तरफ ट्रस्ट का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ट्रस्ट के खिलाफ आए दिन हो रहे अदालती फैसलों ने विभाग की छवि धूमिल कर दी है।

हैरानीजनक बात ये है कि ट्रस्ट की धोखाधड़ी के मामलों की गूंज प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचने लगी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ऐसे ही एक मामले की शिकायत का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच पंजाब की एडीशनल चीफ सैक्रेटरी विन्नी महाजन को सौंपी है। यह जांच सूर्या एन्क्लेव एक्सटैंशन में प्लाट नं. 279 डी की अलाटी मिंटू सूद पत्नी विनोद चंद्र सूद लुधियाना की शिकायत पर होगी। अलाटी मिंटू सूद ने बताया कि वह और उनके पति दोनों रिटायर सरकारी कर्मचारी हैं।

ट्रस्ट ने स्कीम में उन्हें 200 गज का प्लाट अलाट किया था जिसके बदले में उन्होंने ट्रस्ट को 39,43,580 रुपए जमा करवा दिए थे। ट्रस्ट ने जुलाई 2014 को प्लाट का कब्जा देना था परंतु ट्रस्ट के आनाकानी करने पर उन्होंने 20 अप्रैल 2015 को स्टेट कमीशन में केस फाइल किया था। कमीशन ने 7 मार्च 2017 को अलाटी के पक्ष में फैसला देते हुए ट्रस्ट को जमा करवाई पे राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज, 3 लाख रुपए मुआवजा और 20 हजार रुपए कानूनी खर्च देने के आदेश जारी किए जिसकी कुल रकम करीब 72 लाख रुपए बनती थी।

मिंटू सूद ने बताया कि वह अनजाने में आदेश की कापी खुद लेकर ट्रस्ट कार्यालय पैसे लेने चली गई। परंतु वहां उपस्थित अधिकारियों ने उन्हें कई सब्जबाग दिखाए और कागजों में कब्जा दे दिया। इसके साथ ही अधिकारियों ने अलाटी से लिखवा लिया कि वह ट्रस्ट के खिलाफ अब कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेगी। अलाटी ने कहा कि जब उन्होंने कालोनी में जाकर मौका देखा तो उन्हें प्लाट कहीं दिखाई नहीं दिया। उन्होंने अपनी व्यथा लिखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को मेल की। इसके उपरांत केंद्र सरकार के विभाग ने यह शिकायत पंजाब की एडीशनल चीफ सैक्रेटरी को जांच के लिए भेजी है। 


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Edited By

Sunita sarangal

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