25 लाख रुपए के जुर्माने पर जालंधर निगम ने जताया ऐतराज

punjabkesari.in Wednesday, Jun 24, 2020 - 11:03 AM (IST)

जालंधर(खुराना): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जहां नगर निगम जालंधर को काला सिंघा ड्रेन के प्रदूषण को खत्म करने के निर्देश दे रखे हैं, वही एन.जी.टी. की टीम ने पिछले समय दौरान शहर के मुख्य डंप वरियाणा का भी दौरा किया था और वहां कूड़े के पहाड़ों को देखकर इन्हें तय सीमा में खत्म करने और वहां बायोमाइनिंग प्लांट लगाने के निर्देश भी निगम अधिकारियों को दिए गए थे। 

बायोमाइनिंग प्लांट की समय सीमा जहां 31 मार्च निर्धारित की गई थी परंतु कोरोना वायरस के कारण उपजी परिस्थितियों के चलते यह समय सीमा बढ़ाकर 30 जून कर दी गई थी। इस बीच प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने फुर्ती से काम लेते हुए पिछले दिनों जालंधर नगर निगम को 25 लाख का जुर्माना ठोक दिया और निगम द्वारा दी गई 50 लाख रुपए की बैंक गारंटी में से 25  लाख रुपए प्रदूषण विभाग ने कैश भी करवा लिए । नगर निगम के अधिकारियों को इस जुर्माने के काटे जाने की सूचना समाचार पत्रों के माध्यम से मिली। अब निगम के अधिकारियों ने इस जुर्माने की राशि पर एतराज व्यक्त किया है।

 इस संबंध में निगम कमिश्नर ने एक लैटर प्रदूषण नियंत्रण विभाग के चेयरमैन को लिखा है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि निगम ने अपने स्तर पर बायोमाइङ्क्षनग प्लांट हेतु सभी प्रक्रियाएं पूरी कर रखी हैं और इस प्लाट हेतु 3 बार टैंडर भी लगाए जा चुके हैं जो किसी न किसी कारण मंजूर नहीं हुए। अब चौथी बार टैंडर लगाने हेतु जिन शर्तों को बदला गया है उस कारण यह प्रोजैक्ट चंडीगढ़ में फंसा हुआ है परंतु लॉकडाउन के कारण पंजाब सरकार ने ही सभी प्रोजैक्ट व टैंडर प्रक्रिया को रोक रखा है इसलिए इसमें जालंधर निगम की कोई गलती या लापरवाही नहीं है इसलिए प्रदूषण विभाग जुर्माने की राशि को वापस करे और प्रोजैक्ट की समय सीमा में भी बढ़ौतरी की जाए। अब देखना है कि इस मामले में प्रदूषण विभाग क्या जवाब देता है वैसे निगम अधिकारियों का कहना है कि वह इस प्रोजैक्ट बारे एन.जी.टी. को भी सूचित करने जा रहे हैं। 


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