अकाउंट में फंड ट्रांसफर करने का मामला, कोर्ट ने आरोपियों को सुनाया ये फैसला
punjabkesari.in Wednesday, May 22, 2024 - 12:47 PM (IST)
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लुधियाना (हितेश): नगर निगम में फर्जी सफाई कर्मियों के अकाउंट में फंड ट्रांसफर करने के रूप में हुए घोटाले के आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना खत्म हो गई है, जिसके तहत कोर्ट द्वारा उनकी जमानत मंजूर करते हुए इंक्वायरी में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले का खुलासा आडिट की रिपोर्ट में हुआ है, जिसके मुताबिक जिन लोगों को सफाई कर्मी बताकर अकाउंट में करोड़ों का फंड ट्रांसफर किया गया है वो नगर निगम के रिकॉर्ड में मुलाजिम ही नहीं हैं। जिसके मद्देनजर कमिश्नर द्वारा 2 सेनेटरी इंस्पेक्टरों सहित हेल्थ ब्रांच के 7 मुलाजिमों को सस्पेंड करने के बाद उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज करवाने की कार्रवाई की गई।
थाना डिविजन नंबर 5 की पुलिस इन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई और लोकल कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद यह आरोपी हाईकोर्ट से राहत हासिल करने में कामयाब हो गए। इस संबंध में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान आरोपियों को एक बार फिर गिरफ्तारी से राहत देते हुए इंक्वायरी में शामिल होने के लिए बोला गया है जिसके चलते घोटाले में शामिल आरोपियों की पोल खुलने की संभावना बढ़ गई है।
फर्जी दस्तावेज बनाने का लगाया गया है आरोप
इस केस की सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा जो रिपोर्ट पेश की गई है, उसमें उक्त मुलाजिमों पर हेल्थ ऑफिसर के फर्जी साइन करके दस्तावेज बनाने का लगाया गया है जिसके आधार पर कुछ लोगों को सफाई कर्मी बताकर उनके अकाउंट में 4 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए गए। यह बात इससे पहले दोनों हेल्थ ऑफिसर द्वारा चीफ विजिलेंस ऑफिसर द्वारा की जा रही जांच के दौरान कही गई थी।
प्रिंसिपल सेक्रेटरी के ऑर्डर के 5 महीने बाद भी नहीं हो पाई रिकवरी
इस मामले से जुड़ा हुआ एक पहलू यह भी है कि जनवरी के दौरान घोटाला सामने आने के 5 महीने बाद भी अब तक फर्जी सफाई कर्मियों के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए करोड़ों के फंड की रिकवरी नहीं हो पाई है। हालांकि इससे पहले हेल्थ ब्रांच की तरफ से रिलीज की गई पेमेंट के पुराने रिकार्ड की चेकिंग के दौरान नगर निगम से फंड हासिल करने वाले फर्जी सफाई कर्मियों का आंकड़ा 44 से बढ़कर 69 पर पहुंच गया है।
लोकल बॉडीज विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी द्वारा सभी मुलाजिमों के रिकॉर्ड की वेरिफिकेशन करने के साथ ही गलत तरीके से फर्जी सफाई कर्मियों के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए फंड की रिकवरी करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन नगर निगम अधिकारियों द्वारा अब तक उक्त आरोपियों के बैंक अकाउंट अटैच करवाने के लिए कोई पहल नहीं की गई और न ही 25 नए फर्जी सफाई कर्मियों के नाम सामने आने की रिपोर्ट पुलिस को भेजी गई। इसी तरह पुलिस द्वारा भी रिकवरी को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया और न ही फर्जी सफाई कर्मचारी बनकर फंड हजम करने वाले लोगों को अब तक केस में नामजद किया गया है।
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