हरप्रीत चिंटू कत्लकांडः गैंगस्टर कमलजीत सिंह को पुलिस ने दबोचा

punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2020 - 11:02 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): गत माह 5 साल बाद जेल से छूट कर आए स्थानीय निवासी हरप्रीत चिंटू को सरेबाजार 3 मोटरसाइकिल सवार नकाबपोशों द्वारा गोलियां मार कर मौत के घाट उतारने को लेकर जालंधर पुलिस ने 2 महीने बाद अंधे कत्ल केस की गुत्थी सुलझाते हुए एक हमलावर गैंगस्टर को 30 बोर की पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया है, दूसरे हमलावर की हरियाणा में गैंगवार के चलते मौत हो चुकी है जबकि तीसरा गैंगस्टर गोलियां लगने से हरियाणा के अस्पताल में जिंदगी-मौत से जंग लड़ रहा है। नशा तस्कर नवप्रीत नवी ने चिंटू को मारने की उक्त गैंगस्टरों को सुपारी दी थी।

दयालपुर हाईवे पर नाकेबंदी दौरान धरा आरोपी
आज एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन कर एस.एस.पी. जालंधर देहाती नवजोत सिंह माहल जिनके साथ सरबजीत सिंह बाजवा पुलिस कप्तान इन्वैस्टीगेशन, रविंदरपाल सिंह पुलिस कप्तान स्थानिक भी मौजूद थे, ने बताया कि 31 अक्तूबर 2019 को फिल्लौर रैस्ट हाऊस के बाहर दिन-दिहाड़े मोटरसाइकिल सवार 3 नकाबपोशों ने 5 वर्ष बाद जेल से छूट कर आए हरप्रीत सिंह चिंटू को 2 पिस्तौलों से अंधाधुंध गोलियां चला कर मौत के घाट उतार दिया था और फरार हो गए थे। इस अंधे कत्ल केस की गुत्थी सुलझाने के लिए उन्होंने देहात पुलिस के अधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम बनाई जो सी.सी.टी.वी. कैमरों से हमलावरों की गुजरते वक्त मिली फुटेज के आधार पर उनकी तलाश में जुट गई। गत दिवस सी.आई.ए. स्टाफ  के इंस्पैक्टर शिव कुमार और एस.आई. निर्मल सिंह को गुप्तचर से लीड मिली की चिंटू की हत्या में शामिल हमलावर कमलजीत सिंह कमल (19) पुत्र रशपाल सिंह वासी जिला फिरोजपुर, जुगराज सिंह पुत्र बलविंदर सिंह को जंडियाला गुरु छोड़ कर छीनी हुई आल्टो कार में वापस आ रहा है जिसके पास एक पिस्टल भी है। इस पर शिव कुमार और निर्मल सिंह ने पुलिस पार्टी के साथ आरोपी को पकडऩे के लिए दयालपुर हाईवे पर नाकाबंदी कर वाहनों की जांच शुरू कर दी। जैसे ही कमलजीत नाका पार करने लगा तो पुलिस ने उसे घेर कर पकड़ लिया, जिसके पास से एक 30 बोर की पिस्टल, एक मैगजीन व 4 जिंदा कारतूस मिले। उसे पूछताछ के लिए पुलिस थाने ले गई जहां उसने ङ्क्षचटू को मारने की पूरी कहानी बयां की। 


छीने गए वाहनों में 2 पिस्तौलों के साथ चिंटू को मारने पहुंचे थे हमलावर
पकड़े गए गैंगस्टर कमलजीत सिंह कमल ने बताया कि हरप्रीत चिंटू 3 अक्तूबर को जैसे ही होशियारपुर की जेल से जमानत पर छूट कर बाहर आया तो हैरोइन के बड़े नशा तस्कर नवप्रीत नवी थाना ब्यास अमृतसर 4 अक्तूबर को उनके पास चिंटू को मारने की सुपारी देने के लिए पहुंच गया। जहां गैंगस्टर हरप्रीत टी.बी. पुत्र गुरमेज सिंह वासी लसूड़ी थाना शाहकोट, सतवंत सिंह जस्सा थाना दाऊदपुर, अनुज अरोड़ पुत्र तरसेम वासी नडाला थाना ढिलवां कपूरथला को उसने सुपारी देते हुए बताया कि उसकी अमृतसर की जेल में नशे की एक बड़ी कंसाइनमैंट के रुपयों को लेकर चिंटू के साथ झगड़ा हो गया था अब वह उसे मरवाना चाहता है। उसे मारने के लिए जिन वाहनों का इस्तेमाल होगा वह आप लोग हथियारों के बल पर लोगों से छीनोगे। इस पर उन्होंने एक आल्टो कार (नंबर पी.बी.-08-सी.एच.-5324) और एक मोटरसाइकिल पिस्तौल दिखा कर छीन लिया। 31 अक्तूबर 2019 को वे तीनों कुछ अज्ञात लोगों के साथ एक मोटरसाइकिल और आल्टो कार में सवार होकर फिल्लौर पहुंचे जहां उन्होंने हरप्रीत चिंटू को रैस्ट हाऊस के बाहर घेर कर 30 बोर और 9 एम.एम. की पिस्टल से 13 गोलियां मार कर मौत के घाट उतार दिया। 

चिंटू की सुपारी के रुपए लेने गए बदमाशों की सोनीपत में हुई गैंगवार  
एस.एस.पी. माहल के अनुसार आरोपी कमलजीत ने बताया कि चिंटू को मारने के बाद जब सी.सी.टी.वी. कैमरे से उनकी भागते वक्त मोटरसाइकिल पर बैठे तीनों की तस्वीरें पुलिस के हाथ लग गई तो उन्होंने तुरंत उस मोटरसाइकिल के टुकड़े कर उसे फैंक दिया। कुछ दिनों बाद तस्कर नवप्रीत नवी ने चिंटू को मारने की सुपारी के रुपए देने के लिए उन्हें सोनीपत हरियाणा में बुला लिया। गैंगस्टर हरप्रीत टी.बी. अपने दूसरे हमलावर के साथ जैसे ही सोनीपत हरियाणा पहुंचा तो वहां उनकी एक अन्य गैंग के साथ मुठभेड़ हो गई जहां गोलियां लगने से हरप्रीत टी.बी. की मौके पर ही मौत हो गई। हरियाणा पुलिस को उसके शव के पास से वह 9 एम.एम. का पिस्टल भी मिल गया जिससे उन्होंने चिंटू को मारा था जबकि दूसरा 30 बोर का पिस्टल व छीनी हुई आल्टो कार पुलिस पार्टी ने उससे बरामद कर ली। तीसरा हमलावर उस गैंगवार में बुरी तरह से जख्मी हो गया जो सोनीपत के अस्पताल में जिंदगी-मौत से लड़ रहा है। 

मृतक चिंटू और सुपारी देने वाला नवप्रीत कभी थे दोस्त
सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि नशा तस्कर नवप्रीत नवी और मृतक हरप्रीत चिंटू कभी पक्के दोस्त हुआ करते थे। जब चिंटू को नशा तस्करी के आरोप में तरनतारन की पुलिस ने पकड़ कर अमृतसर की जेल में बंद कर दिया तो वहां पर नवी और चिंटू में नशे की कंसाइनमैंट के बदले में मिलने वाले रुपयों को लेकर दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। इस दुश्मनी का बदला लेने के लिए नवप्रीत नवी ने 5 वर्ष तक इंतजार किया। जैसे ही चिंटू जेल से छूट कर बाहर आया तो अगले ही रोज नवी ने गैंगस्टरों को मारने की सुपारी देकर उसे मौत के घाट उतरवा दिया। नवी के नशा तस्करों के अलावा कुख्यात गैंगस्टरों के साथ भी करीबी संबंध हैं। वह फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है जिसे पकडऩे के लिए पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। 


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