अब राजघाट नहीं जंतर-मंतर में धरना देंगे कैप्टन, सिद्धू की दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस से नोकझोंक

punjabkesari.in Wednesday, Nov 04, 2020 - 11:17 AM (IST)

नई दिल्ली /चंडीगढ़। कृषि कानूनों को लेकर को राष्ट्रपति द्वारा मुलाकात के लिए समय न दिए जाने पर अब कैप्टन अमरेंद्र सिंह राजघाट नहीं दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देंगे। बुधवार दोपहर राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सम्मान करने के बाद जंतर मंतर पहुंचेंगे। इस बाबत एक ट्वीट में कैप्टन ने कहा- 'राज घाट पर महात्मा गांधी जी को सम्मान देने के लिए दिल्ली जा रहा हूं। हम अपने किसानों के मुद्दों को उठाएं और केंद्र द्वारा पंजाब को माल गाड़ियों की तत्काल बहाली की मांग करेंगे।' कार्यक्रम को राजघाट से जंतर मंतर तबदील करने का निर्णय दिल्ली पुलिस के आग्रह पर किया गया है। वहीं दिल्ली के धरने में शामिल होने आ रहे कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को सुबह पंजाब-दिल्ली सीमा पर रोक लिया गया। इस दौरान वहां पुलिस से नोकझोंक भी हुई। सिद्धू समेत कई विधायक भी पंजाब भवन पहुंच चुके है। 

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सिद्धू ने कहा कि यहाँ लोकतंत्र को डंडातंतर बनाने की कोशिश की जा रही है। ये हम अहिंसक तरीके से संघर्ष कर रहे है, लेकिन फिर भी पुलिस और प्रशासन की तरफ से ऐसे रोकना निराशाजनक है। लेकिन उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार को किस बात का डर है, जो पंजाबियों को दबाने में लगी हुई है परन्तु पंजाबी किसी से नहीं दबे और न ही दबेंगे। सिद्धू ने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास कोई लिखित निर्देश नहीं हैं और न ही उनको गिरफ़्तार किया जा रहा है, बल्कि रास्ते में रोक लिया गया है।

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पंजाब में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए कृषि बिलों के खिलाफ किसान जत्थेबंदियों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। सियासत का समीकरण भी पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है। इसी सिलसिले में पंजाब विधानसभा द्वारा पास बिलों को लेकर मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह 4 नवंबर को राष्ट्रपति से मुलाकात करना चाहते थे परन्तु राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बैठक का समय नहीं दिया। जिसके बाद मुख्यमंत्री की तरफ से आज धरना प्रदर्शन किया जाएगा। आज आप आदमी पार्टी के द्वारा भी कैप्टन के इस धरने प्रदर्शन के खिलाफ चंडीगढ़ में विरोध कर रहे है।  


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Tania pathak

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