Jalandhar : अब Fortis Hospital आया विवादों में, बड़ी गलती, इधर-उधर भटकने को मजबूर कारोबारी पेशेंट
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 02:10 PM (IST)
जालंधर : जालंधर के मशहूर कारोबारी पवन कुमार को फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों की गंभीर लापरवाही का शिकार होना पड़ा। पवन कुमार ने सीने में मामूली दर्द की शिकायत के बाद जालंधर के फोर्टिस अस्पताल (अब फोर्टिस श्रीमन सुपरस्पेशलिटी अस्पताल) में जांच कराई, लेकिन अस्पताल की रिपोर्ट में उन्हें एक गंभीर बीमारी "डीवीडी" (डबल वेसल डिसीज) का मरीज बताया गया, जो दरअसल उनके शरीर में थी ही नहीं।
पवन कुमार ने बताया कि उन्हें केवल मामूली सीने में दर्द था और इसके बाद अस्पताल ने उन्हें छुट्टी दे दी थी। लेकिन, रिपोर्ट में उनकी बीमारी के नाम पर जो गंभीर स्थिति लिखी गई, उससे न सिर्फ उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हुई, बल्कि उनके हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम भी रिजेक्ट हो गया। जब पवन कुमार ने इस मुद्दे को लेकर अस्पताल से संपर्क किया, तो डॉक्टर वीपी शर्मा ने अपनी गलती मानते हुए रिपोर्ट को ठीक कर दिया।
हालांकि, पवन कुमार ने बाद में सही रिपोर्ट को अपनी इंश्योरेंस कंपनी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस को पेश किया, लेकिन कंपनी ने फिर भी उनका क्लेम अस्वीकार कर दिया। पवन कुमार ने इस संबंध में फोर्टिस अस्पताल और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में केस दायर किया है, क्योंकि उन्होंने मानसिक परेशानियों के साथ-साथ कई दिनों तक सदमे का सामना किया।
फोर्टिस अस्पताल और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पवन कुमार ने कहा कि इस लापरवाही के कारण उन्हें न सिर्फ मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा, बल्कि उनकी वैध इंश्योरेंस भी प्रभावित हुई। अब वे फोर्टिस अस्पताल और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के खिलाफ कानूनी कदम उठा रहे हैं और उन्होंने उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करवाई है।
यह मामला अस्पतालों में मरीजों के प्रति लापरवाही और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से असमर्थता का उदाहरण बन गया है। पवन कुमार की शिकायत से साफ है कि स्वास्थ्य संबंधी गलतियों के परिणामस्वरूप मरीजों को भारी मानसिक और वित्तीय नुकसान हो सकता है, और ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं को न्याय मिलना चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले पटेल अस्पताल से मामला सामने आया था जहां मरीज को इलाज के लिए प्रतिबंधित दवाइयां दी गईं।
जानें क्या था पटेल अस्पताल का मामला
जालंधर के पटेल अस्पताल की चिकित्सकीय लापरवाही के कारण नितिका कौशल को गंभीर नुकसान हुआ, जिसके चलते जिला उपभोक्ता फोरम ने अस्पताल को 7,50,000 रुपये मुआवजे के रूप में देने का आदेश सुनाया है। अदालत ने साथ ही शिकायतकर्ता को 20,000 रुपये न्यायालय शुल्क भी भुगतान करने का निर्देश दिया।
शिकायतकर्ता नितिका कौशल, पत्नी गौरव, लदौड़ी नूरपुर की तरफ से दर्ज की गई शिकायत में कहा गया कि जुलाई 2022 में पेट दर्द शुरू होने पर उसने पटेल अस्पताल में उपचार करवाना शुरू किया। अस्पताल ने उसे पेट और गुर्दे की पथरी बताकर ऑपरेशन किया।
हालांकि करीब डेढ़ महीने तक भर्ती रहने के बावजूद नितिका की सेहत बिगड़ती गई। उसका क्रिएटिनिन स्तर बढ़ गया और उसे लगातार रक्त शोधन करवाना पड़ा। शिकायतकर्ता के वकील विनय सोनी ने बताया कि अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे दर्द के समय प्रतिबंधित दवाएं दीं, जिससे उसका स्वास्थ्य और खराब हुआ।
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