'आप' सरकार के राज में धड़ल्ले से हो रही रेत ब्लैक, जानें कितने बढ़े दाम

punjabkesari.in Saturday, Apr 09, 2022 - 01:32 PM (IST)

अमृतसर (नीरज): विधान सभा चुनावों के दौरान एक अहम मुद्दा बनी रही रेत आज आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद भी अहम मुद्दा बनी हुई है और आम जनता को रेत की ब्लैक से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। जानकारी के अनुसार जिले की रेत खड्डों से खनन बंद होने के कारण रेत ब्लैक हो रही है और रेत के दाम प्रति सैकड़ा 3200 रुपए तक पहुंच गए हैं, जो विधानसभा चुनावों से पहले 1800 व 1900 रुपए प्रति सैकड़ा चल रहे थे। हालांकि पूर्व कांग्रेसी सी.एम. चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ से 5.50 रुपए प्रति क्यूबिक फीट रेत की बिक्री करने का ऐलान भी किया था, लेकिन यह ऐलान जमीनी हकीकत में अमलीजामा नहीं पहन सका और अब आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद भी जिस प्रकार से रेत के दाम दोगुना के करीब हो गए हैं, उससे जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है।

रेत माफिया पर नकेल डालने की सख्त जरुरत
एक तरफ जहां सरकारी खड्डों में रेत का खनन बंद हो चुका है तो वहीं दूसरी तरफ अवैध रूप से अजनाला क्षेत्र के कुछ इलाकों में रेत का खनन किया जा रहा है और पुलिस की मिली भगत के साथ रात के समय चोरी छिपे रेत की ट्रालियां लाई जा रही हैं, जिस पर नकेल डालने की सख्त जरूरत है।

पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में हावी रहा रेत माफिया
पूर्व अकाली भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान रेत माफिया हावी हो गया था और कुछ भ्रष्ट नेताओं ने रेत के कारोबार पर ऐसी गंदी नजर डाली कि 500 रुपए प्रति सैकड़ा बिकने वाली रेत तीन हजार से 3500 रुपए प्रति सैकड़ा तक पहुंच गई। रेत माफिया की तरफ से अवैध रूप से एक हजार रुपए की गुंडा पर्ची भी लगाई जाती थी और हालात यह बन गए कि नशे की बिक्री के साथ-साथ रेत की कीमतों ने अकाली भाजपा गठबंधन सरकार को गिरा दिया और कैप्टन की सरकार आई, लेकिन यहां भी रेत माफिया हावी ही रहा।

5 में से 4 खड्डे बंद, 5वीं खड्ड का ठेका भी होने वाला है खत्म
पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले में अलग-अलग क्षेत्रों जिसमें मुख्य रूप से अजनाला के रावी दरिया के इलाके व ब्यास दरिया के इलाके में खड्डों की नीलामी की गई थी, लेकिन पता चला है कि इस समय जिले की पांच खड्डों में से चार खड्डें बंद हो चुकी हैं और जो खड्ड इस समय चल रही है, वह भी बंद होने वाली है क्योंकि इसका ठेका जल्द खत्म होने वाला है। यदि समय रहते प्रशासन व सरकार की तरफ से माइनिंग पॉलिसी नहीं लाई गई तो रेत के दाम चार हजार से पांच हजार रुपये प्रति सैकड़ा तक पहुंच सकते हैं जिससे सरकार की छवि खराब होना तय है।

भ्रष्ट नेताओं का पसंदीदा कारोबार है रेत
भ्रष्ट नेताओं के लिए रेत का कारोबार एक पसंदीदा कारोबार है, क्योंकि नेताओं के चमचे ही सरकारी ठेके ले लेते हैं और अवैध रूप से माइनिंग शुरू कर देते हैं, जिस स्थान पर खनन करने के लिए सरकार की तरफ से अनुमति दी गई होती है। उसके आस-पास के इलाकों में भी अवैध खनन शुरू कर दिया जाता है, यहां तक कि ब्यास दरिया के पुल के पास भी रेत माफिया ने मशीनें डालकर खनन शुरू कर रखा था।

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News Editor

Kalash

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