कांग्रेस हाईकमान की सख्ती के बाद अब एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी रुकी

punjabkesari.in Sunday, Sep 12, 2021 - 11:57 AM (IST)

जालंधर(धवन): कांग्रेस हाईकमान की सख्ती का असर अब दिखाई देने लगा है। पंजाब में कांग्रेसी नेताओं की एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी पर कुछ हद तक रोक लग गई है। 

कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि कांग्रेस हाईकमान ने यह फैसला ले लिया है कि पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दिलानी है तथा सभी को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में चुनावी जंग में उतरना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में कांग्रेस हाईकमान की ओर से यह संदेश भी सभी नेताओं को चला गया है कि अब उन्हें अपनी जुबान पर रोक लगानी होगी। हाईकमान ने सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करने वाले कांग्रेसी नेताओं से किनारा भी करना शुरू कर दिया है। इस तरह उसने परोक्ष रूप से यह संदेश दे दिया है कि वह ऐसे किसी नेता से नहीं मिलेगी जो सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करके अपनी ही सरकार को नुक्सान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। 

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत भी चंडीगढ़ दौरे के दौरान यह संदेश देकर गए कि जो भी नेता अब बार-बार दिल्ली की ओर रुख करेंगे उनसे केंद्रीय नेतृत्व द्वारा बातचीत नहीं की जाएगी। उन्होंने यह संदेश भी दिया है कि उन्हें अपने मसले राज्य में ही मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह के साथ मिल-बैठ कर सुलझाने होंगे। कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी तथा एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने से पार्टी कमजोर होती है तथा जनता में अच्छा संदेश नहीं जाता है। सकारात्मक तौर पर मुद्दे उठाना तो ठीक है परन्तु अगर एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए बयानबाजी की जाएगी तो उसे कांग्रेस नेतृत्व द्वारा सहन नहीं किया जाएगा।

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Content Writer

Sunita sarangal

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