कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई, प्लाईवुड उद्योग से 14 बोरियां यूरिया बरामद
punjabkesari.in Sunday, Sep 21, 2025 - 07:50 PM (IST)

दीनानगर (हरजिंदर सिंह गोराया): कृषि और किसान कल्याण विभाग लगातार यह प्रयास कर रहा है कि किसानों को यूरिया खाद सही समय पर मिल सके और इसे प्लाईवुड जैसी उद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल होने से रोका जा सके। इस उद्देश्य से प्लाईवुड उद्योग की नियमित जांच की जा रही है।
इसी अभियान के तहत कृषि और किसान कल्याण विभाग की उच्च स्तरीय टीम ने मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अमरीक सिंह की अगुवाई में दीनानगर स्थित जीएस बोर्ड इंडस्ट्रीज, झंडेचक (दीनानगर) में गुप्त सूचना मिलने पर अचानक जांच की। इस छापेमारी के दौरान उद्योग में इस्तेमाल के लिए रखी गई 14 बोरे यूरिया बरामद की गई। बरामद यूरिया को पुलिस थाना दीनानगर को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया। इस मौके पर ब्लॉक कृषि अधिकारी दीनानगर डॉ. बलजिंदर सिंह, डॉ. मनप्रीत सिंह (कृषि अधिकारी – हेडक्वार्टर), एएसआई गुरदीप सिंह, पुलिस थाना दीनानगर और अन्य पुलिस कर्मचारी मौजूद थे।
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अमरीक सिंह ने बताया कि कृषि में इस्तेमाल होने वाली नीम लेपित यूरिया खाद को उद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है क्योंकि यह खाद सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी के साथ उपलब्ध करवाई जाती है। उद्योगिक उपयोग के लिए केवल इंडस्ट्री ग्रेड यूरिया की अनुमति है, जिस पर सरकार कोई सब्सिडी नहीं देती।
उन्होंने बताया कि गुप्त स्रोतों से सूचना मिली थी कि जीएस प्लाईबोर्ड इंडस्ट्रीज, झंडेचक, दीनानगर में एग्रीकल्चर ग्रेड नीम कोटेड यूरिया का उद्योगिक इस्तेमाल किया जा रहा है। सूचना मिलने पर एएसआई गुरदीप सिंह और पुलिस टीम मौके पर पहुंचे। जांच में 13 खुले बैग नीम कोटेड यूरिया (प्रति बैग 45 किलो) और 1 सील बंद बैग पाया गया। फैक्ट्री के मजदूर इसे बॉयलर में डालने की तैयारी कर रहे थे। कृषि विभाग और पंजाब पुलिस की टीम ने मौके पर इसे रोक लिया। बरामद यूरिया को एएसआई गुरदीप सिंह ने थाना दीनानगर में जमा करवा दिया।
इस प्रकार, इस प्राइवेट फैक्ट्री द्वारा किसानों के लिए सप्लाई की गई नीम कोटेड यूरिया को उद्योगिक उपयोग के लिए इस्तेमाल करने पर फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की अलग-अलग धाराओं के तहत फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई। फैक्ट्री के प्रतिनिधि मौके पर यूरिया से जुड़े कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। यह भी पता लगाया जा रहा है कि नीम कोटेड यूरिया फैक्ट्री में किसने सप्लाई की थी।
जिले के सभी खाद विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि कृषि उपयोग के लिए उपलब्ध नीम कोटेड यूरिया की बिक्री किसी भी स्थिति में उद्योगिक इकाइयों को न की जाए। अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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