पंजाब में अकाली दल से ‘पंथक चेहरे’ छीन रही भाजपा

punjabkesari.in Monday, Dec 05, 2022 - 10:27 AM (IST)

पटियाला (मनदीप सिंह जोसन): भाजपा कई दशक अपनी भागीदार रही पार्टी शिरोमणि अकाली दल से असली पंथक चेहरे छीन कर ‘ताज’ बख्श रही है, जिसने शहरों के बाद अब गांवों के अंदर भी भाजपा प्रति पॉजिटिव चर्चा चला दी है। भाजपा द्वारा जहां हाल ही में आई लिस्टों में राज्य के कई नामवर सिख चेहरों को जगह दी गई है, वहीं पंथ रत्न जत्थेदार गुरचरन सिंह टोहड़ा के दोहते कंवरवीर सिंह टोहड़ा को भाजयुमो का राज्य प्रधान बनाकर सीधे तौर पर छक्का मारा है। माना जा रहा है कि भाजपा ने कंवरवीर को यूथ प्रधान बनाकर अकाली दल के मुंह पर तमाचा जड़ दिया है जिसने पूरे राज्य के अंदर नई सियासी चर्चा छेड़ दी है।

किसी समय शिरोमणि अकाली दल को पंथ रत्न जत्थेदार गुरचरन सिंह टोहड़ा ही चलाते थे। ऐसा कह लो कि अकाली दल की सरकारों में या एस.जी.पी.सी. में कोई भी फैसला जत्थेदार गुरचरन सिंह टोहड़ा की सहमति बिना नहीं होता था। 27 वर्ष से अधिक समय शिरोमणि कमेटी के प्रधान रहे जत्थेदार गुरचरन सिंह टोहड़ा के साथ कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ दूरियां भी रहीं लेकिन ये दूरियां फिर नजदीकियों में बदल गई थीं लेकिन शिरोमणि अकाली दल ने इस पंथक व टकसाली परिवार का जो हाल किया, वह किसी से छिपा नहीं है। टोहड़ा परिवार को गत विधानसभा चुनावों के दौरान अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने विधानसभा की एक टिकट भी नहीं दी। यहां तक कि टोहड़ा परिवार के नजदीकियों को खुड्डे लाइन लगाया  गया। जत्थेदार टोहड़ा के दामाद पंजाब के पूर्व मंत्री हरमेल सिंह टोहड़ा तथा परिवार 2017 में अकाली दल से दुखी होकर आम आदमी पार्टी में चला गया था। उसके बाद फिर अकाली दल ने इस पंथक परिवार की शिअद में वापसी करवाई तथा इनके साथ टिकट के वादे व अन्य मान-सम्मान के वादे किए लेकिन इन वादों को अमली जामा नहीं पहनाया। 

भाजपा ने कंवर टोहड़ा को यूथ प्रधान बनाकर अकाली दल को जड़ा तमाचा 
आखिर अकाली दल के इस टकसाली परिवार के प्रति बड़ी बेरुखी के कारण रोज-रोज जलील होते देख इस पंथक परिवार के दूसरे वारिस जत्थेदार गुरचरन सिंह टोहड़ा के दोहतरे कंवर वीर सिंह टोहड़ा ने 2022 के विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले भाजपा ज्वाइन कर ली। इस नौजवान को भाजपा ने हलका अमलोह से उसी समय विधानसभा की टिकट देकर नवाजा। अब भाजपा ने पंथक चेहरों की पहचान करते हुए टोहड़ा परिवार के इस वारिस कंवरवीर सिंह टोहड़ा को भाजयुमो का राज्य प्रधान बना दिया है। वह परिवार जिसको अकाली दल ने एक जिले की देहाती प्रधानगी भी नहीं दी, उसकी पंथक सेवाओं को देखते हुए भाजपा ने उसे परिवार के वारिस को पंजाब की सेवा दी है। पंजाब के गांवों में इस बात की बड़ी चर्चा है कि आगामी समय में जहां गांवों के अंदर इस नियुक्ति के साथ भाजपा का आधार बढ़ेगा, वहीं अकाली दल को इसकी भरपाई करनी मुश्किल होगी। 

हरिंदर पाल टोहड़ा को नहीं दी थी यूथ अकाली दल पटियाला की प्रधानगी 
‘पंथ बसे मैं उजड़ां’ का नारा देने वाले जत्थेदार गुरचरन सिंह टोहड़ा के बड़े दोहतरे हरिंदर पाल सिंह टोहड़ा को शिरोमणि अकाली दल ने यूथ अकाली दल जिला पटियाला देहाती की प्रधानगी नहीं दी। हरिंदर पाल पटियाला के कई बड़े नेताओं को लेकर अकाली दल के प्रधान के चक्कर काटता रहा लेकिन उन्हें जिले की छोटी-सी प्रधानगी भी नसीब न हुई। इससे ज्यादा इस परिवार की जलालत क्या हो सकती है। इस कारण पूर्व मंत्री हरमेल सिंह टोहड़ा ने अपनी सीनियर उप प्रधानगी से भी इस्तीफा दे दिया। इस परिवार में शिरोमणि अकाली दल के प्रति बड़े गिले-शिकवे हैं, जिनको दूर करने में अकाली दल असफल रहा है। 2022 के विधानसभा चुनावों में इस टोहड़ा परिवार को अकाली दल ने कोई विधानसभा की टिकट नहीं दी। यहां तक कि टोहड़ा परिवार के सगे टकसाली मुखमैलपुर परिवार की टिकट भी काट दी गई। 

पंथक परिवारों का अकाली दल से जाना अकाली दल के लिए अशुभ संकेत 
पंथक परिवारों को विसारने के कारण शिरोमणि अकाली दल को 2022 के विधानसभा चुनावों में सिर्फ 3 सीटें नसीब हुई थीं। यहां तक कि अकाली दल के सरपरस्त पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल, अकाली दल के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया भी चुनाव हार गए।  1997 की सरकार समय अकाली दल ने 90 से अधिक सीटों पर जीत प्राप्त की थी। 1997 से लेकर 2022 तक के सफर में 15 वर्ष पंजाब की राज्य सत्ता पर शिरोमणि अकाली दल काबिज रहा। इसके बावजूद भी अकाली दल का ग्राफ लगातार गिरा, जिन गलतियों के कारण अकाली दल का ग्राफ गिरा, आज भी शिरोमणि अकाली दल उन गलतियों को ठीक करने की कोशिश नहीं कर रहा। शिरोमणि अकाली दल ने टोहड़ा परिवार के बाद पटियाला से मुखमैलपुर परिवार, लगातार 8 बार विधायक रह चुके संधू परिवार के वारिस तेजिंदर पाल संधू परिवार, तलवंडी परिवारों सहित बहुत सारे राज्य के पंथक परिवार गंवाए हैं।  अकाली दल की पंथ से दूरियों के कारण ढींडसा परिवार सहित कई बड़े परिवार दूर हुए। इस समय शिरोमणि अकाली दल ने बीबी जगीर कौर जैसी नेता गंवा ली, जोकि सीना तान कर सुखबीर सिंह बादल के साथ खड़ी होती रहीं। यदि शिरोमणि अकाली दल अभी भी न जागा तो वह दिन दूर नहीं, जब पंजाब में से अकाली दल पूरी तरह साफ हो जाएगा। 


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Vatika

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