बेपरवाह अधिकारी, प्री मानसून और बरसाती सीजन खोलेगा नगर निगम की पोल
punjabkesari.in Monday, Jun 26, 2023 - 01:37 PM (IST)

जालंधर (खुराना): एक सप्ताह बाद पंजाब में प्री मानसून की बरसातें शुरू होने की भविष्यवाणी हो चुकी है और मानसून भी पंजाब में 15 जुलाई तक प्रवेश कर जाएगा। प्री मानसून से पहले आई एक दो बरसातों ने ही पूरे शहर को डुबो कर रख दिया था। इस दौरान निगम की कार्यप्रणाली की जो पोल खुली। उससे एक बात तो निश्चित लग रही है कि आने वाले बरसाती सीजन में जालंधर शहर के हालात काफी बुरे होंगे जिसके लिए शहर निवासियों को तैयार रहना होगा।
पिछले दिनों हुई बरसातों के चलते शहर की तमाम सड़कों पर पानी भरा देखा गया जिसे निकलने में कई कई घंटे लगे। लोग बरसाती पानी के कारण अच्छे खासे परेशान भी हुए और कई जगह दुर्घटनाएं भी हुई पर उसके बावजूद निगम ने सीवरों की सफाई इत्यादि के लिए अभी तक कोई विशेष अभियान नहीं चलाया। निगम कर्मचारी कभी कभार रोड गलियों से मिट्टी इत्यादि निकाल देते हैं पर वह गार कई कई दिन वहीं पड़ी रहती है और वापिस उसी चैंबर में चली जाती है ।
दूसरे शहरों से आते हैं अफसर, ट्रांसफर की चिंता नहीं
पिछले लम्बे समय से जालंधर निगम का सिस्टम लगातार बिगड़ता चला जा रहा है। जालंधर निगम के अधिकारियों ने अभी तक बंद सीवर लाइनों संबंधी शिकायतों को हल नहीं किया और न ही सड़क किनारे बरसाती पानी की निकासी के लिए बनी रोड गलियों की सफाई इत्यादि ही करवाई है। आज भी इकहरी पुली और किशनपुरा सूर्या एन्क्लेव रोड पर सीवर समस्या बरकरार है।
पिछले दिनों कुछ जगह पर सड़क किनारे बनी रोड गलियों की सफाई हुई परंतु उनकी गार भी दोबारा उन्ही लाइनों में चली गई क्योंकि गार को उठाया ही नहीं गया। इस समय जालंधर निगम के ओ.एंड एम. सैल के ज्यादातर अधिकारी दूसरे शहरों से आते हैं जिसमें एस.ई अनुराग महाजन भी शामिल हैं। इसलिए ज्यादातर अधिकारी ट्रांसफर होने से भी नहीं डर रहे क्योंकि वो तो खुद ही जालंधर से जाना चाह रहे हैं।
स्टार्म वाटर प्रोजैक्ट और सुपर सक्शन मशीनों का भी असर नहीं हुआ
शहर के कुछ क्षेत्रों की समस्या को दूर करने के लिए जालंधर निगम और स्मार्ट सिटी ने आपस में मिलकर शहर में 2 स्थानों पर स्टॉर्म वाटर सीवर डाले। सोढल रोड और 120 फुट रोड पर जमा होते बरसाती पानी की निकासी हेतु यह प्रोजैक्ट करोड़ों रुपए की लागत से पूरे भी हुए परंतु पिछले समय दौरान हुई बरसातों के चलते दोनों ही क्षेत्रों में घंटों बरसाती पानी जमा रहा जिस कारण लोगों में यह प्रभाव गया कि स्टॉर्म वाटर सीवर प्रोजैक्टों का भी कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।
इसी प्रकार जालंधर निगम ने पिछले सालों दौरान सुपर सक्शन मशीनों से सीवर लाइनों की सफाई के काम पर करोड़ों रुपए खर्च कर डाले परंतु यह भी एक स्कैंडल ही साबित हुआ, इस सफाई के बावजूद आज भी शहर में सीवरेज की समस्या बरकरार है। निगम के पास सीवर सफाई हेतु अपनी मशीनरी भी है परंतु उन्हें चलाने के लिए स्टाफ ही नहीं है। यही कारण है कि हर बरसात के बाद बरसाती पानी कई कई दिन सड़कों पर ही खड़ा रहता है।
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