धड़ल्ले से उड़ रही धज्जियां, पुलिस प्रशासन के लिए ''मौत बांट रही चाइना डोर'' बनी बड़ी चुनौती

punjabkesari.in Wednesday, Jan 25, 2023 - 03:14 PM (IST)

पठानकोट: चाइना डोर के बनाने, बिक्री तथा प्रयोग पर मुकम्मल पाबंदी लगाते हुए वर्ष 2016 में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा था कि यदि कोई ऐसा करता पकड़ा जाता है, तो उसको 5 वर्ष की सजा व एक लाख तक जुर्माना रखा गया था। यही नहीं राज्यों को पाबंदी लागू करवाने के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। मगर इसके बावजूद चाइना डोर की बिक्री व उपयोग धड़ल्ले से जारी है, को पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है।

भले ही पंजाब में लोहड़ी व बसंत के आते ही युवाओं व बच्चों में पतंगबाजी का उत्साह देखते ही बनता है। मगर पतंगबाजी में चाइना डोर का इस्तेमाल बेहद घातक साबित होता जा रहा है, जो इंसानों के साथ साथ पक्षियों की मौत का कारण भी बनती है। पतंग अब सूती धागों की बजाय चीन के बनी डोर से उड़ाई जाती है, जो बेहद घातक साबित हो रही है। उड़ते पक्षियों तथा राहगीरों के लिए मौत का फंदा बनने वाली इस चाइना डोर की बिक्री पर लगी मुकम्मल पाबंदी के बावजूद आज भी इसकी बिक्री रोकना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

रोजाना हो रहे लोग हादसों के शिकार

पठानकोट के भनवाल निवासी जसवंत सिंह गत दिनों बाइक पर जाते समय चाइना डोर की चपेट में आने से घायल हो गया। वहीं गांव पिपलांवाला (होशियारपुर) में 23 जनवरी को खेतों के लिए जा रहा दलजीत सिंह चाइना डोर की चपेट में आ जाने से घायल हो गया जिसे 35 टांके लगे। गुरदासपुर में स्कूटरी पर घर जा रहे एक व्यक्ति के गले में चाइना डोर पड़ने से गंभीर रूप में जख्मी हो गया। यदि उसके जैकेट न पहनी होती, तो जानी नुक्सान भी हो सकता था। लुधियाना जिले के एक गांव के 7 वर्षीय बच्चे मनकीरत सिंह की मौत हो गई थी। समराला में 4 वर्षीय बच्चे का चेहरा इतना कट गया था कि डाक्टरों ने 70 टांके लगाकर खून बहने से रोका था।

जालंधर में स्कूटरी पर जा रहे एक नौजवान के गले में चाइना डोर आने से वह गंभीर रूप में जख्मी हो गया, जिसके 8 टांके लगे। मोगा में पतंग उड़ा रहे एक मासूम बच्चे ही पतंग वाली डोर बिजली की हाई वोल्टेज की तारों से टच होने पर हुए धमाके में जहां बच्चे बुरी तरह से जख्मी हो गया था, वहीं इस हादसे के कारण कई घरों के बिजली मीटर भी जल गए थे। तरनतारन तथा बटाला में इस डोर के कारण 2 लोग जख्मी हुए हैं। गुरदासपुर में चाइना डोर के कारण एक व्यक्ति बड़े हादसे का शिकार होने से बच गया है, जबकि तरनतारन में एक 5 साल की बच्ची इस चाइना डोर करके गंभीर जख्मी है।

भारत में ही तैयार की जाती है चाइना डोर

बेशक कहने को इसको चाइना डोर कहा जाता है, मगर यह मजबूत धागा चीन नहीं, बल्कि भारत में ही बनने की चर्चाएं हैं। चाइना डोर भारत के बाजारों में चीन से नहीं आती, बल्कि इसका उत्पादन भारत के अलग-अलग राज्यों में ही होता है। पंजाब में भी इस डोर को तैयार किया जाता है, लेकिन चर्चा यही है कि भारत में सबसे अधिक यह डोर उत्तर प्रदेश के बरेली तथा मध्य प्रदेश में कई हिस्सों में तैयार होकर पूरे भारत में सप्लाई होती है। जिसे रोकना न कि राज्यों की सरकारों बल्कि केंद्र सरकार के लिए भी द टेढ़ी खीर बनता जा रहा है।

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News Editor

Urmila

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